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इस गांव में नहीं है सड़क, वृद्धा को कंधे पर लादकर पहुंचाया अस्पताल - उत्तर कन्नड़

हमारे देश को आजाद हुए 70 वर्ष हो गए हैं, लेकिन आज भी हमारे देश के कुछ ऐसे हिस्से हैं, जहां पर लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी ठीक से नहीं मिल पा रही है. ताजा मामला कर्नाटक का है, जहां गांव के लोगों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पहाड़ी पार करना पड़ता है.

woman carried on makeshift stretcher
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Published : Jan 5, 2021, 11:10 PM IST

Updated : Jan 6, 2021, 6:34 AM IST

उत्तर कन्नड़ : इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की दुर्दशा पर प्रकाश डालने वाली एक घटना सामने आई है. यह घटना कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले की है, जहां एक वृद्ध महिला को बांस और साड़ी से बने स्ट्रेचर पर लादकर अस्पताल पहुंचाया गया.

सात लोगों ने मिलकर वृद्धा को गुड्डेहल्ली क्षेत्र से अस्पताल पहुंचाया, जो कारवार के नगर निगम क्षेत्र में आता है. गुड्डेहल्ली दूर दराज का इलाका है. इसे शहर से जोड़ने के लिए कोई सड़क नहीं है. मूलभूत सुविधाएं प्राप्त करने के लिए ग्रामीणों को पहाड़ियों को पार करना पड़ता है.

वृद्धा को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे का समय लगा. यदि यहां सड़क होती तो यह दूरी (आठ किलोमीटर) 10 मिनट में तय की जा सकती थी.

पढ़ें-कन्नड़ अभिनेता सोमन्ना का 86 साल की उम्र में निधन

एक ग्रामीण ने कहा कि देश की आजादी को 70 वर्ष हो गए हैं, लेकिन उनके पास मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. किसी का स्वास्थ बिगड़ने पर उन्हें बांस और साड़ी के सहारे कंधे पर लादकर अस्पताल पहुंचाया जाता है. सरकार से कई बार सड़क बनवाने की अपील की गई है, लेकिन कोई सुनता ही नहीं.

उत्तर कन्नड़ : इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की दुर्दशा पर प्रकाश डालने वाली एक घटना सामने आई है. यह घटना कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले की है, जहां एक वृद्ध महिला को बांस और साड़ी से बने स्ट्रेचर पर लादकर अस्पताल पहुंचाया गया.

सात लोगों ने मिलकर वृद्धा को गुड्डेहल्ली क्षेत्र से अस्पताल पहुंचाया, जो कारवार के नगर निगम क्षेत्र में आता है. गुड्डेहल्ली दूर दराज का इलाका है. इसे शहर से जोड़ने के लिए कोई सड़क नहीं है. मूलभूत सुविधाएं प्राप्त करने के लिए ग्रामीणों को पहाड़ियों को पार करना पड़ता है.

वृद्धा को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे का समय लगा. यदि यहां सड़क होती तो यह दूरी (आठ किलोमीटर) 10 मिनट में तय की जा सकती थी.

पढ़ें-कन्नड़ अभिनेता सोमन्ना का 86 साल की उम्र में निधन

एक ग्रामीण ने कहा कि देश की आजादी को 70 वर्ष हो गए हैं, लेकिन उनके पास मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. किसी का स्वास्थ बिगड़ने पर उन्हें बांस और साड़ी के सहारे कंधे पर लादकर अस्पताल पहुंचाया जाता है. सरकार से कई बार सड़क बनवाने की अपील की गई है, लेकिन कोई सुनता ही नहीं.

Last Updated : Jan 6, 2021, 6:34 AM IST
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