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क्या भाजपा के लिए 2024 में 'लाभार्थी' बनेगा खेवनहार?

हाल में ही संपन्न हुए पांच राज्यों के चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) इस साल गुजरात और हिमाचल में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में तो लग गई है. भाजपा के सूत्र बताते हैं कि 2024 की भी तैयारी शुरू हो चुकी है. खुद प्रधानमंत्री अलग-अलग राज्यों के भाजपा प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं. माना जा रहा है कि 2024 में पार्टी एक अलग वोट बैंक 'लाभार्थी' पर फोकस करेगी. केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों में सरकार की योजनाओं का लाभ पाने वाले एक बड़े वर्ग को पार्टी नए वोट बैंक के तौर पर देख रही है. यही वजह है कि सभी योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए प्रधानमंत्री प्रतिनिधियों को लगातार निर्देश जारी कर रहे हैं. क्या है भाजपा का 'प्लान 2024' (BJP 2024 plan) जानते हैं ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में...

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क्या भाजपा के लिए 2024 में 'लाभार्थी' बनेगा खेवनहार
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Published : Apr 7, 2022, 11:02 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार (Central Government) आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना, प्रधानमंत्री कुसुम योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, प्रधानमंत्री हेल्थ आईडी कार्ड, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री अटल पेंशन योजना, अन्त्योदय अन्न योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री रोजगार योजना, उज्जवला योजना जैसी योजनाओं के लाभार्थियों को अपने वोटर के तौर पर देख रही है. केंद्र सरकार के आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ पाने वाले लोगों की संख्या 80 करोड़ के आसपास है. सरकार ने अभी गरीबी रेखा से नीचे रह रहे 80 करोड़ लोगों को और तीन महीने तक मुफ्त अनाज देने की घोषणा की है. जिन्हें सरकार मुफ्त अनाज दे रही है. प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत भी बड़ी संख्या में लड़कों को 2500और लड़कियों को 3 हजार रुपए मिल रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वोट बैंक पर खुद नजर बनाए हुए हैं. और यही वजह है कि वह समय-समय पर अपने जनप्रतिनिधियों और मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं. निर्देश है कि राज्य से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में लाभार्थियों को निमंत्रित करना ना भूलें. इसके अलावा सिर्फ अनुदान और गैस सिलेंडरों का वितरण ही नहीं बल्कि आयुष्मान भारत योजना से जुड़ा एक बड़ा वर्ग पर भी भाजपा की नजर है.

पढ़ें : BJP Foundation Day: पीएम मोदी का तंज, परिवारवादी पार्टियों ने देश के साथ विश्वासघात किया

उत्तर प्रदेश के वोटिंग ट्रेंड से सीख लेते हुए भाजपा की कोशिश है कि इस लाभार्थी वर्ग से ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाजपा से जोड़ा जाए. जिन राज्यों में इन योजनाओं का ठीक से प्रचार नहीं हो रहा वहां पार्टी आलाकमान के निर्देश पर जनप्रतिनिधियों को इन कल्याणकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए बार-बार निर्देश दिए जा रहे हैं. यही बात हाल के दो बीजेपी पार्लियामेंट्री पार्टी की बैठक में पीएम ने खुद अपने सांसदों से कही. पीएम ने कहा था कि जो भी कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं वह जमीन पर ठीक से लाभार्थियों तक पहुंच रही है या नहीं इसकी जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों की है. इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त राशन से लेकर शिक्षा स्वास्थ्य तक की व्यवस्था कर रही है. यह उनके जीवन यापन में मदद कर रहा है. उन्हें पता है कि आज से पहले किसी भी सरकार ने उनका इतना ध्यान नहीं रखा. खास तौर पर कोविड-19 महामारी के समय जब केंद्र ने मुफ्त राशन योजना की शुरुआत की. उसकी वजह से एक भी व्यक्ति भूखा नहीं रहा. उन्होंने कहा कि देश में लाभार्थियों की एक बड़ी संख्या है और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही 2024 में भी दोबारा प्रधानमंत्री के तौर (BJP 2024 plan) पर देखना चाहती है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार (Central Government) आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना, प्रधानमंत्री कुसुम योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, प्रधानमंत्री हेल्थ आईडी कार्ड, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री अटल पेंशन योजना, अन्त्योदय अन्न योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री रोजगार योजना, उज्जवला योजना जैसी योजनाओं के लाभार्थियों को अपने वोटर के तौर पर देख रही है. केंद्र सरकार के आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ पाने वाले लोगों की संख्या 80 करोड़ के आसपास है. सरकार ने अभी गरीबी रेखा से नीचे रह रहे 80 करोड़ लोगों को और तीन महीने तक मुफ्त अनाज देने की घोषणा की है. जिन्हें सरकार मुफ्त अनाज दे रही है. प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत भी बड़ी संख्या में लड़कों को 2500और लड़कियों को 3 हजार रुपए मिल रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वोट बैंक पर खुद नजर बनाए हुए हैं. और यही वजह है कि वह समय-समय पर अपने जनप्रतिनिधियों और मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं. निर्देश है कि राज्य से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में लाभार्थियों को निमंत्रित करना ना भूलें. इसके अलावा सिर्फ अनुदान और गैस सिलेंडरों का वितरण ही नहीं बल्कि आयुष्मान भारत योजना से जुड़ा एक बड़ा वर्ग पर भी भाजपा की नजर है.

पढ़ें : BJP Foundation Day: पीएम मोदी का तंज, परिवारवादी पार्टियों ने देश के साथ विश्वासघात किया

उत्तर प्रदेश के वोटिंग ट्रेंड से सीख लेते हुए भाजपा की कोशिश है कि इस लाभार्थी वर्ग से ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाजपा से जोड़ा जाए. जिन राज्यों में इन योजनाओं का ठीक से प्रचार नहीं हो रहा वहां पार्टी आलाकमान के निर्देश पर जनप्रतिनिधियों को इन कल्याणकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए बार-बार निर्देश दिए जा रहे हैं. यही बात हाल के दो बीजेपी पार्लियामेंट्री पार्टी की बैठक में पीएम ने खुद अपने सांसदों से कही. पीएम ने कहा था कि जो भी कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं वह जमीन पर ठीक से लाभार्थियों तक पहुंच रही है या नहीं इसकी जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों की है. इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त राशन से लेकर शिक्षा स्वास्थ्य तक की व्यवस्था कर रही है. यह उनके जीवन यापन में मदद कर रहा है. उन्हें पता है कि आज से पहले किसी भी सरकार ने उनका इतना ध्यान नहीं रखा. खास तौर पर कोविड-19 महामारी के समय जब केंद्र ने मुफ्त राशन योजना की शुरुआत की. उसकी वजह से एक भी व्यक्ति भूखा नहीं रहा. उन्होंने कहा कि देश में लाभार्थियों की एक बड़ी संख्या है और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही 2024 में भी दोबारा प्रधानमंत्री के तौर (BJP 2024 plan) पर देखना चाहती है.

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