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गांधी परिवार की सलाह, सहयोग लेने में शर्म नहीं करुंगा : खड़गे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें पार्टी के मामलों में गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेने में कोई शर्म नहीं होगी. उक्त बातें उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहीं.

Mallikarjun Kharge
मल्लिकार्जुन खड़गे
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Published : Oct 16, 2022, 7:34 PM IST

बेंगलुरु : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने रविवार को कहा कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें पार्टी के मामलों में गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेने में कोई शर्म नहीं होगी, क्योंकि उस परिवार ने संघर्ष किया है और पार्टी के विकास में अपनी ताकत लगाई है. वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह 17 अक्टूबर को होने वाले कांग्रेस के सर्वोच्च पद के लिए चुनाव में प्रतिनिधियों के उम्मीदवार हैं.

खड़गे से उन चर्चाओं के बारे में सवाल किया गया कि उनके अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) अध्यक्ष बनने पर 'रिमोट कंट्रोल' गांधी परिवार के पास होगा. उन्होंने कहा, 'वे (विपक्षी दल) ऐसी बातें कहते रहते हैं क्योंकि कहने के लिए और कुछ नहीं है. भाजपा इस तरह के अभियान में शामिल है और अन्य लोग इसका अनुसरण करते हैं. सोनिया गांधी ने संगठन में 20 साल तक काम किया है. राहुल गांधी भी अध्यक्ष थे. उन्होंने पार्टी के लिए संघर्ष किया है और इसकी उन्नति के लिए अपनी ताकत लगाई है.'

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नेहरू-गांधी परिवार ने इस देश के लिए जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक बहुत योगदान और बलिदान दिया है. खड़गे ने कहा, 'सिर्फ इसलिए कि हम (कांग्रेस) कुछ चुनाव हार गए, ऐसा कहना (गांधी परिवार के खिलाफ) सही नहीं है. उन्होंने इस देश के लिए अच्छा किया है, उनकी सलाह से पार्टी को फायदा होगा, इसलिए मैं उनकी सलाह और सहयोग जरूर मांगूंगा. इसमें कोई शर्म की बात नहीं है. अगर आपकी (मीडिया) सलाह से कुछ फायदा होता है, तो मैं इसे भी लूंगा. उन्होंने इस पार्टी के लिए काम किया है और उनकी सलाह लेना मेरा कर्तव्य है.'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'सोनिया और राहुल गांधी देश के कोने-कोने को जानते हैं कि कौन कहां है और कौन पार्टी के लिए क्या कर सकता है. पार्टी में एकता के लिए क्या करना होगा, मुझे सीखना होगा और मैं करूंगा.' कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य खड़गे ने यहां अपने प्रचार अभियान के तहत प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की और मीडिया को संबोधित किया. पार्टी के अध्यक्ष चुनाव में उनका मुकाबला तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर से है, जिसके नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

हालांकि खड़गे ने चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी थरूर या उनके अभियान पर कोई सीधी टिप्पणी करने से परहेज किया और केवल इतना कहा कि समर्थन मांगते समय हर किसी को अपनी योग्यता के बारे में बोलने का अधिकार है, जैसे वह पार्टी के जमीनी स्तर के साथ अपने जुड़ाव को रेखांकित कर रहे हैं. थरूर के लिए उनके संदेश के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा, टमैं किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहता. वह (थरूर) अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं, मैं उनके विचारों पर बहस नहीं करना चाहता. मैं अपने विचार साझा कर रहा हूं. यह हमारा संगठन या पारिवारिक मामला है. उन्हें जो कहना है, उन्हें कहने का अधिकार है, वैसे ही मुझे भी है. यह एक आंतरिक मैत्रीपूर्ण मुकाबला है.'

खड़गे ने कहा कि गांधी परिवार के कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने के रुख के बाद विभिन्न राज्यों के नेताओं, वरिष्ठ नेताओं और प्रतिनिधियों ने उन्हें पार्टी संगठन के लिए उनकी लंबी सेवा को देखते हुए चुनाव लड़ने के लिए कहा. कर्नाटक में कांग्रेस की स्थिति और पार्टी अध्यक्ष के रूप में उनके चुनाव के असर के बारे में पूछे जाने पर, खड़गे ने कहा, 'राज्य में नेता एक उद्देश्य से लड़ रहे हैं और कड़ी मेहनत कर रहे हैं...मैं सामूहिक नेतृत्व, सामूहिक परामर्श में विश्वास करता हूं. कांग्रेस की कर्नाटक इकाई एकजुट है और राज्य में (2023 के विधानसभा चुनावों के बाद) सरकार बनाएगी.'

ये भी पढ़ें - 24 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव, तैयारी पूरी, सोमवार को मतदान

बेंगलुरु : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने रविवार को कहा कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें पार्टी के मामलों में गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेने में कोई शर्म नहीं होगी, क्योंकि उस परिवार ने संघर्ष किया है और पार्टी के विकास में अपनी ताकत लगाई है. वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह 17 अक्टूबर को होने वाले कांग्रेस के सर्वोच्च पद के लिए चुनाव में प्रतिनिधियों के उम्मीदवार हैं.

खड़गे से उन चर्चाओं के बारे में सवाल किया गया कि उनके अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) अध्यक्ष बनने पर 'रिमोट कंट्रोल' गांधी परिवार के पास होगा. उन्होंने कहा, 'वे (विपक्षी दल) ऐसी बातें कहते रहते हैं क्योंकि कहने के लिए और कुछ नहीं है. भाजपा इस तरह के अभियान में शामिल है और अन्य लोग इसका अनुसरण करते हैं. सोनिया गांधी ने संगठन में 20 साल तक काम किया है. राहुल गांधी भी अध्यक्ष थे. उन्होंने पार्टी के लिए संघर्ष किया है और इसकी उन्नति के लिए अपनी ताकत लगाई है.'

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नेहरू-गांधी परिवार ने इस देश के लिए जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक बहुत योगदान और बलिदान दिया है. खड़गे ने कहा, 'सिर्फ इसलिए कि हम (कांग्रेस) कुछ चुनाव हार गए, ऐसा कहना (गांधी परिवार के खिलाफ) सही नहीं है. उन्होंने इस देश के लिए अच्छा किया है, उनकी सलाह से पार्टी को फायदा होगा, इसलिए मैं उनकी सलाह और सहयोग जरूर मांगूंगा. इसमें कोई शर्म की बात नहीं है. अगर आपकी (मीडिया) सलाह से कुछ फायदा होता है, तो मैं इसे भी लूंगा. उन्होंने इस पार्टी के लिए काम किया है और उनकी सलाह लेना मेरा कर्तव्य है.'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'सोनिया और राहुल गांधी देश के कोने-कोने को जानते हैं कि कौन कहां है और कौन पार्टी के लिए क्या कर सकता है. पार्टी में एकता के लिए क्या करना होगा, मुझे सीखना होगा और मैं करूंगा.' कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य खड़गे ने यहां अपने प्रचार अभियान के तहत प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की और मीडिया को संबोधित किया. पार्टी के अध्यक्ष चुनाव में उनका मुकाबला तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर से है, जिसके नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

हालांकि खड़गे ने चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी थरूर या उनके अभियान पर कोई सीधी टिप्पणी करने से परहेज किया और केवल इतना कहा कि समर्थन मांगते समय हर किसी को अपनी योग्यता के बारे में बोलने का अधिकार है, जैसे वह पार्टी के जमीनी स्तर के साथ अपने जुड़ाव को रेखांकित कर रहे हैं. थरूर के लिए उनके संदेश के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा, टमैं किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहता. वह (थरूर) अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं, मैं उनके विचारों पर बहस नहीं करना चाहता. मैं अपने विचार साझा कर रहा हूं. यह हमारा संगठन या पारिवारिक मामला है. उन्हें जो कहना है, उन्हें कहने का अधिकार है, वैसे ही मुझे भी है. यह एक आंतरिक मैत्रीपूर्ण मुकाबला है.'

खड़गे ने कहा कि गांधी परिवार के कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने के रुख के बाद विभिन्न राज्यों के नेताओं, वरिष्ठ नेताओं और प्रतिनिधियों ने उन्हें पार्टी संगठन के लिए उनकी लंबी सेवा को देखते हुए चुनाव लड़ने के लिए कहा. कर्नाटक में कांग्रेस की स्थिति और पार्टी अध्यक्ष के रूप में उनके चुनाव के असर के बारे में पूछे जाने पर, खड़गे ने कहा, 'राज्य में नेता एक उद्देश्य से लड़ रहे हैं और कड़ी मेहनत कर रहे हैं...मैं सामूहिक नेतृत्व, सामूहिक परामर्श में विश्वास करता हूं. कांग्रेस की कर्नाटक इकाई एकजुट है और राज्य में (2023 के विधानसभा चुनावों के बाद) सरकार बनाएगी.'

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