उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में प्रमुख सियासतदानों और पॉलिटिकल पार्टियों के आलाकमान के पहुंचने का सिलसिला कोई नया नहीं है. राजनेताओं का चुनावों से पहले बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने का सिलसिला आज भी जारी है. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने 29 नवंबर 2022 को महाकाल मंदिर में पंचामृत अभिषेक कर बाबा का आशीर्वाद लिया. राहुल गांधी दूसरी बार महाकाल के दर पर पहुंचे थे. इससे पहले वे 5 अक्टूबर 2010 और 2018 में भी यहां आए थे. इसके अगले साल ही वे कांग्रेस अध्यक्ष बने थे. बाबा महाकाल में गांधी परिवार की गहरी आस्था है. राहुल गांधी से पहले, सोनिया,राजीव और इंदिरा गांधी को भी महाकाल का आशीर्वाद मिलता रहा है. ऐसे में कांग्रेस की भी उम्मीद जागी है कि क्या महाकाल के आशीर्वाद से राहुल भी 'सरकार' बन सकते हैं.
महाकाल के दर पर कब-कब पहुंचा गांधी परिवार: 29 नवंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उज्जैन पहुंचे राहुल गांधी ने पूरे विधिविधान के साथ बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी बाबा महाकाल के दर पर पहुंचे हैं. राहुल इससे पहले साल 2010 और 2018 में यहां आ चुके हैं. 2019 में प्रियंका गांधी, उनसे पहले 2008 में सोनिया गांधी, 1987 में राजीव गांधी और 1979 में इंदिरा गांधी भी बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेकर 'सरकार' रह चुके हैं. उज्जैन आने का सौभाग्य पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी मिला, लेकिन किसी कारण से वे महाकाल का पूजन अर्चन नहीं कर सके. उनकी उज्जैन में सभा जरूर हुई थी.
महाराजाधिराज का सत्ता कनेक्शन: 29 नवंबर 2022 मंगलवार को राहुल गांधी ने यहां पूजा-अर्चना की. राहुल कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पहले 5 अक्टूबर 2010 को महाकाल मंदिर आए थे. जिसके अगले साल में ही वे कांग्रेस अध्यक्ष बने थे. 2008 में सोनिया गांधी ने भी भगवान महाकाल के दर्शन किए और इसके 1 साल बाद केंद्र में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनी. 1989 में राजीव गांधी भी महाकाल मंदिर आए थे. उन्होंने उज्जैन में एक सभा को संबोधित करते हुए भगवान महाकालेश्वर का पूजन किया था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी 30 दिसंबर 1979 महाकाल मंदिर पहुंची थी और उन्हें बाबा महाकाल से सत्ता प्राप्ति का आशीर्वाद मिला था. माना जाता है कि इमरजेंसी के बाद जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सत्ता चली गई थी तो 1979 में हुए आम चुनाव से ठीक पहले इंदिरा ने महाकाल का दर्शन किया था. इसके बाद वे 1980 में दोबारा देश की प्रधानमंत्री चुनी गईं. गांधी परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी भगवान महाकालेश्वर की पूजा करने आता रहा है. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी 11 नवंबर 1959 को विक्रम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने उज्जैन आए थे, लेकिन वे महाकाल मंदिर नहीं जा सके थे.
जब प्रसाद छोड़कर जाने लगीं इंदिरा: महाकाल मंदिर के पूर्व पुजारियों और प्रशासकों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 29 दिसंबर 1979 को महाकाल मंदिर आई थीं. जब वे मंदिर पहुंचीं, उस समय भस्मारती चल रही थी. इस दौरान वे भगवान महाकाल को प्रसाद अर्पित कर लौटने लगीं. कुछ कदम चलने के बाद वे एकाएक रुकीं और भस्म आरती खत्म होने का इंतजार किया. इसके बाद मंदिर के गर्भगृह में जाकर उन्होंने करीब 35 मिनट तक अभिषेक पूजन किया था. इस दौरान मंदिर में पूजा करते वक्त उनके कुछ फोटो भी खींचे गए थे जो 20 जून 2008 को राजनीतिक सभा लेने आई सोनिया गांधी को सौंपे गए थे. सोनिया ने यहां पूजा अर्चना भी की और साल 2009 में केंद्र में फिर से यूपीए की सरकार बनी थी.
राहुल ने किया अभिषेक और साष्टांग प्रणाम: कांग्रेस को केंद्र की सत्ता से दूर हुए लगभग 1 दशक का वक्त होने जा रहा है. कांग्रेस के युवराज एक बार फिर बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचे हैं. राहुल गांधी ने भगवान महाकाल का अभिषेक कर उन्हें साष्टांग प्रणाम किया. बाबा महाकाल में गांधी परिवार की आस्था और पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार के लोगों का यहां दर्शन पूजन करने आकर महाकाल का आशीर्वाद लेना क्या एक बार फिर से कांग्रेस को मजबूती प्रदान कर सकता है.