रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान की ओर से साल 2019 में दिए गए भड़काऊ भाषण के मामले में उन्हें 3 वर्ष की सजा हुई थी. इसमें उनकी विधानसभा सदस्यता भी चली गई थी. हालांकि इस मामले में सेशन कोर्ट ने आजम खान की अपील पर उनको दोषमुक्त कर दिया, लेकिन उनकी मुश्किलें अभी कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अभियोजन विभाग ने इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील करने की तैयारी पूरी कर ली है. इस पर जिला मजिस्ट्रेट रामपुर ने भी हस्ताक्षर कर संस्तुति दे दी है. अब शासन स्तर पर उच्च न्यायालय में अपील करने का रास्ता साफ हो गया है.
संयुक्त निदेशक अभियोजन शिव प्रकाश पांडे ने बताया कि वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक विधानसभा के खाता नगलिया में मोहम्मद आजम खान ने चुनावी जनसभा में एक भड़काऊ भाषण दिया था. मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. साल 2022 में एमपी एमएलए कोर्ट एसीजेएम फर्स्ट के न्यायालय से सभी धाराओं में तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई गई थी. इस आदेश के खिलाफ मोहम्मद आजम खान द्वारा एमपी एमएलए कोर्ट सत्र न्यायालय में अपील की गई थी.
बहस के उपरांत न्यायालय ने 24 मई 2023 को अपील स्वीकार करके आजम को दोषमुक्त कर दिया. अभियोजन पक्ष द्वारा निर्णय का पूरी तरह से अध्ययन किया गया. कई बातों में ऐसा पाया गया कि आदेश के विरोध में उच्च न्यायालय में अपील की जानी चाहिए. इसके बाद पूरी तैयारी करके सभी मैटेरियल जुटाकर शासकीय अपील जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से उत्तर प्रदेश शासन को भेज दी गई.
संयुक्त निदेशक अभियोजन ने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार 1 महीने के अंदर जिला स्तर से अपील को निकल जाना चाहिए. अपील तीन महीने में उच्च न्यायालय में दाखिल हो जानी चाहिए. हम लोगों ने जिला शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से प्रस्ताव प्रेषित कर दिया है.
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