रायपुर : अजीत जोगी छत्तीसगढ़ को एजुकेशन हब बनाना चाहते थे. छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए अजीत जोगी की सरकार ने विधानसभा में प्राइवेट यूनिवर्सिटी बिल पारित किया. इस बिल ने कानून का स्वरूप लिया. छत्तीसगढ़ में प्राइवेट यूनिवर्सिटी खुलने की शुरुआत हुई. अजीत जोगी की सोच थी कि शिक्षा और स्वास्थ्य ऐसे विषय हैं, जो सरकारी तंत्र में बेहतर सर्विस नहीं दे सकते. इसे बेहतर बनाने के लिए प्राइवेट यूनिवर्सिटी को बढ़ावा दिया जाए. वह दुनिया की बड़ी यूनिवर्सिटी को प्रदेश में लाना चाहते थे. नतीजा ये रहा कि छत्तीसगढ़ में प्राइवेट यूनिवर्सिटी की बाढ़ आ गई.
शिक्षाविद जवाहर सूरीशेट्टी ने बताया कि अजीत जोगी के कार्यकाल में भारत में उच्च शिक्षा में तूफान सा आया. उन्होंने पहला प्राइवेट यूनिवर्सिटी बिल लाया. उस दौरान भारत के सभी जगह से निवेशक छत्तीसगढ़ आने लगे. उच्च शिक्षा में प्राइवेट यूनिवर्सिटी में लोगों ने इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया. इस तरह करीब 125 प्राइवेट विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में आ गए थे. लेकिन अब सिर्फ 13 यूनिवर्सिटी ही हैं.
वर्तमान में कितनी प्राइवेट यूनिवर्सिटी : छत्तीसगढ़ में वर्तमान समय में 13 प्राइवेट यूनिवर्सिटी संचालित हो रही है. इनमें तीन ऐसे प्राइवेट विश्वविद्यालय हैं, जिनकी शुरुआत अजीत जोगी के शासनकाल में हुई. ये यूनिवर्सिटी आज भी संचालित हो रही हैं. इनमें महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी मंगला बिलासपुर, मैट्स यूनिवर्सिटी आरंग रायपुर, एमिटी विश्वविद्यालय खरोरा हैं. कलिंगा विश्वविद्यालय कोटनी, सीवी रमन यूनिवर्सिटी बिलासपुर, आईसीएफएआई विश्वविद्यालय चरोदा दुर्ग. आईटीएम विश्वविद्यालय उपरवारा नवा रायपुर, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय पूंजीपथरा रायगढ़, आईएफबीएम यूनिवर्सिटी चरोदा दुर्ग, केके मोदी विश्वविद्यालय, देव संस्कृति विश्वविद्यालय कुम्हारी दुर्ग, एएएफटी विश्वविद्यालय तिल्दा रायपुर, रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर संचालित हो रहे हैं.
क्यों बंद हुईं प्राइवेट यूनिवर्सिटी: अजीत जोगी का कहना था कि जो मॉडल वे लाना चाह रहे हैं, वह अमेरिका का मॉडल है. जिसमें गुणवत्ता होगी, वह सरवाइव करेगा. बाकी सभी मर जाएंगे. प्राइवेट यूनिवर्सिटी को लेकर अजीत जोगी की सोच अच्छी थी. लेकिन तकनीकी त्रुटि के कारण सभी यूनिवर्सिटी एक झटके में बंद हो गई.
मॉनिटरिंग की कमी : शिक्षाविद जवाहर सूरीशेट्टी ने बताया कि "छत्तीसगढ़ में प्राइवेट यूनिवर्सिटी को लेकर सरकार ने मॉनिटरिंग नहीं की, जिससे दो-दो कमरों में यूनिवर्सिटी खोलकर डिग्रियां बिकनी शुरू हो गईं. अजीत जोगी का उद्देश्य ओपन मार्केट में निवेशकों को बुलाकर अच्छी गुणवत्ता परक उच्च शिक्षा देना था, लेकिन तकनीकी त्रुटि के कारण सुप्रीम कोर्ट ने यशपाल के केस में छत्तीसगढ़ के प्राइवेट यूनिवर्सिटी को अवैध माना. क्योंकि वे प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक एक्ट के तहत बना दिए गए थे. जबकि यूनिवर्सिटी के लिए अलग-अलग एक्ट होने चाहिए. यह त्रुटि राज्य से भी हुई. जिसकी वजह से जितनी भी यूनिवर्सिटी आईं उन्हें एक ही जजमेंट के कारण निरस्त कर दिया गया."