नई दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विवाद लगातार जारी है. गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट के जरिए कांग्रेस पर निशाना साधा है. अमित शाह ने ट्वीट में लिखा है कि कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ द्वारा पंडित नेहरू को एक पवित्र 'संगोल' दिया गया था लेकिन इसे एक 'छड़ी' के रूप में एक संग्रहालय में भेज दिया गया था. कांग्रेस इतिहास को बोगस करने का काम कर रही है. कांग्रेस को अपने व्यवहार पर विचार करने की जरूरत है. वहीं कांग्रेस ने कहा 'सेंगोल' को लेकर भाजपा के दावे को बोगस बताया है.
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"Why does the Congress party hate Indian traditions and culture so much? A sacred 'Sengol' was given to Pandit Nehru by a holy Saivite Mutt from Tamil Nadu to symbolize India’s freedom but it was banished to a museum as a ‘walking stick’...Congress is calling Adheenam’s history… pic.twitter.com/6RF87fb02E
— ANI (@ANI) May 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) May 26, 2023"Why does the Congress party hate Indian traditions and culture so much? A sacred 'Sengol' was given to Pandit Nehru by a holy Saivite Mutt from Tamil Nadu to symbolize India’s freedom but it was banished to a museum as a ‘walking stick’...Congress is calling Adheenam’s history… pic.twitter.com/6RF87fb02E
— ANI (@ANI) May 26, 2023
नया संसद भवन करीब ढाई साल में बनकर तैयार हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया था, अब 28 मई को पीएम मोदी ही इसका उद्घाटन करेंगे, जिसको लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस समेत 21 दल संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराए जाने की मांग कर रहे हैं. तो वहीं, बीजेपी का कहना है कि जब इंदिरा गांधी और राजीव गांधी संसद भवन की इमारतों का उद्घाटन कर सकते हैं तो पीएम मोदी क्यों नहीं कर सकते?
'सेंगोल' सत्ता हस्तांतरित किए जाने का प्रतीक, ऐसा कोई दस्तावेज नहीं - जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को दावा किया कि इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है जिससे यह साबित होता हो कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 'राजदंड' (सेंगोल) को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित किए जाने का प्रतीक बताया हो. उन्होंने दावा किया कि मद्रास प्रांत में एक धार्मिक प्रतिष्ठान द्वारा कल्पना की गई और मद्रास शहर (अब चेन्नई) में तैयार की गई राजसी राजदंड वास्तव में अगस्त 1947 में जवाहरलाल नेहरू को प्रस्तुत किया गया था.
नए संसद भवन का उद्घाटन रविवार को पीएम द्वारा किया जाएगा, विपक्ष ने पीएम मोदी पर कथित रूप से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार करने और इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया. वहीं विपक्षी दलों ने अपने एक बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्णय, राष्ट्रपति मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करना, न केवल घोर अपमान है, बल्कि हमारे लोकतंत्र पर सीधा हमला है. उन्होंने कहा कि यह अशोभनीय कार्य राष्ट्रपति के उच्च कार्यालय का अपमान करता है और पत्र संविधन का उल्लंघन करता है. एक तीखे जवाबी हमले में, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उद्घाटन के बहिष्कार के फैसले को लोकतांत्रिक लोकाचार और हमारे महान राष्ट्र के संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान करार दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका: संसद भवन उद्घाटन विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने संसद भवन उद्घाटन पर लगाई गई याचिका खारिज कर दी है. साथ ही कहा है कि अगर ऐसी याचिका दायर करोग को जुर्माना लगेगा. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि हम जानते हैं कि आखिर याचिका क्यों दायर की गई है.
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पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे. इसकी सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है. नए संसद भवन के उद्धाटन के मौके पर एक और पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित किया जाएगा. इसे कहते हैं सेंगोल परंपरा. यह परंपरा चोल काल से ही चली आ रही है. हालांकि, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह परंपरा मौर्य काल में भी थी.
क्या होता है सेंगोल: सेंगोल का मतलब संपदा से संपन्न होता है. इसे सत्ता का प्रतीक माना जाता है. इसके शीर्ष पर नंदी की मूर्ति है. इसे स्पीकर के ठीक बगल में रखा जाएगा. आपको बता दें कि अंग्रेजों ने 14 अगस्त, 1947 को इसी सेंगोल को भारतीयों को सौंपा था और प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इसे रिसिव किया था. ऐसे में आप इसको आजादी के प्रतीक के रूप में भी समझ सकते हैं.
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