नई दिल्ली : पुलिस को लगातार 36 दिनों से चकमा दे रहे स्वयंभू खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को रविवार को गिरफ्तार किया गया. उसे पंजाब के मोगा जिले के रोडे में गुरुद्वारा जन्म स्थान संत खालसा से गिरफ्तार किया गया. रोडे मारे गए खालिस्तानी विचारक जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है. राज्य के ग्रामीण लोगों के बीच भिंडरवाला 'संत' के नाम से मशहूर है. भिंडरावाले का परिवार, उनके भाई और संबंधी अभी भी रोडे में रहते हैं. जिस स्थान पर भिंडरावाले का जन्म हुआ था, उसे गुरुद्वारे में बदल दिया गया है. इसी गुरुद्वारे से रविवार को अमृतपाल को गिरफ्तार किया गया.
भिंडरावाला पंजाब के सबसे पुराने सिख संस्थान दमदमी टकसाल का प्रमुख भी था. गुरुद्वारे का प्रबंधन भी दमदमी टकसाल ही करता है. बता दें कि इससे पहले पिछले साल अमृतपाल इसी गुरुद्वारे में अपनी दस्तारबंदी कराई थी. दस्तारबंदी सिख समुदाय में पगड़ी बांधने का पहला औपचारिक समारोह होता है. अमृतपाल ने पिछले साल सितंबर में वारिस पंजाब दे (डब्ल्यूपीडी) के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने से पहले अपनी दस्तारबंदी समारोह और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए रोडे गांव को चुना.
क्या अमृतपाल रोडे गांव में सरेंडर कर खुद को भिंडरावाले का सच्चा वारिस बताना चाहता है. क्या वह लोगों को यह संदेश देना चाहता है कि भिंडरावाले उसके आदर्श बने हुए हैं. इससे पहले खलिस्तान समर्थक कुछ विदेशी पत्र पत्रिकाओं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अमृतपाल सिंह को 'भिंडरावाले 2.0' की उपाधि दी जाती रही है. अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार और भिंडरावाले के भतीजे जसवीर सिंह रोडे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अमृतपाल को पुलिस ने नहीं पकड़ा.
उन्होंने कहा कि उसने खुद गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद आत्मसमर्पण करने का विकल्प चुना. उन्होंने कहा कि अमृतपाल ने शनिवार रात ही पुलिस को सूचना दी थी कि वह आज सुबह गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद सरेंडर कर देगा. उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण से कुछ मिनट पहले उन्होंने संगत को संबोधित भी किया.
उसने कहा कि अगर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया होता, तो क्या वे उन्हें संगत को संबोधित करने की अनुमति देते? उसने सरेंडर किया है. जसवीर रोडे ने कहा कि वह इसके लिए पूरी तरह तैयार था. उसने अपने कपड़े, कंघी आदि रखे फिर सुबह करीब 7 बजे पुलिस उसे ले गई. उन्होंने बताया कि टीम का नेतृत्व आईजी (इंटेलिजेंस) जसकरन सिंह कर रहे थे, जो एसएसपी अजनाला के साथ आए थे.
हालांकि, आधुनिक पंजाब में अलग खालिस्तान की मांग को शायद ही कोई समर्थन देता हो. फिर भी रोडे गांव में भिंडरावाले को लोग एक संत की तरह पूजते हैं. उनसे लोगों को एक खास जुड़ाव है. जानकारों का मानना है कि अमृतपाल सिंह सांकेतिक रूप से इस जुड़ाव का फायदा उठाना चाहता है. ताकि, गांव के लोगों का अधिक से अधिक समर्थन उसे मिले.
रोडे के एक ग्रामीण सतविंदर सिंह ने कहा कि अमृतपाल रविवार सुबह करीब चार बजे गांव पहुंचा. गुरुद्वारे में जसवीर रोडे और ग्रंथी बलविंदर सिंह की मौजूदगी में अरदास की गई. गुरुद्वारे के अंदर मौजूद कुछ श्रद्धालुओं ने अमृतपाल का संबोधन भी सुना. उन्होंने बताया कि अभी तक अमृतपाल के अलावा किसी को भी पुलिस अपने साथ नहीं ले गई है.
पढ़ें : Amritpal Arrested: अमृतपाल गिरफ्तार, असम के डिब्रूगढ़ जेल के लिए रवाना हुई पंजाब पुलिस
पढ़ें : Who Behind Amritpal: पंजाब को तोड़ने की थी साजिश, जानें कौन है अमृतपाल का आका