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कर्नाटक का यह समुदाय सालों से कर रहा इस परंपरा का अनुसरण

कर्नाटक का कडु कुरुबा समुदाय अपनी अनोखी परंपरा का पालन करता आ रहा है. दरअसल, इस समुदाय का कोई भी सदस्य यदि गांव में मरता है तो उसे एक ही कब्र में दफन किया जाता है, यदि कोई गांव के बाहर मरता हो तो उसे इस कब्र में नहीं दफन किया जाता है.

अनोखी परंपरा का पालन
अनोखी परंपरा का पालन
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Published : Nov 27, 2020, 8:35 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के कडु कुरुबा समुदाय के लोग एक अद्भुत परंपरा का पालन कर रहे हैं. यह आपको हैरान कर सकता है, लेकिन यह वास्तव में सच है. इस परंपरा का पालन यहां के लोग कई सालों से कर रहे हैं. अगर इस समुदाय के किसी भी सदस्य की मौत होती है, तो उसी एक ही कब्र में दफनाया जाता है.

यदि किसी की गांव के बाहर मौत होती है तो उसके शव को गांव के बाहरी इलाके में कब्रिस्तान में दफनाया जाता है, लेकिन चित्रदुर्ग के कडुसिद्धेश्वरा गांव में जो भी मरता है, उसे उसी कब्र में दफनाया जाता है.

गांव के लोगों का कहना है कि चित्रदुर्ग जिले के मोलाकालमुरु तालुका के कडुसिद्धेश्वरा गांव में इस परंपरा का पालन किया जाता है.

कडु कुरुबा समुदाय द्वारा किया जा रहा यह अनुष्ठान आश्चर्य करने वाला है, लेकिन कडु कुरुबा समुदाय का मकबरा प्राचीन काल से चली आ रही विचित्र परंपरा का जीता जागता उदाहरण है.

यहां के एक ग्रामीण शेषप्पा का कहना है कि शादी के बाद दूसरे गांवों में जाने वाली लड़कियों के लिए और जो लोग आत्महत्या करते हैं या दुर्घटना में मारे जाते हैं उन्हें इस कब्र में दफनाने की अनुमति नहीं है. यहां तक ​​कि शहर के बाहर भी मरने वाले लोगों को इस कब्र में नहीं दफनाया जाता है. अब तक हजारों शवों को उसी कब्र में दफन किया जा चुका है.

यह भी पढ़ें- किसानों का बुराड़ी जाने से इनकार, सिंघु सीमा पर हिंसक झड़प

चित्रदुर्ग के इस पुराने रहस्यमयी कब्र के संबंध में कई सवाल हैं. हैरानी की बात है कि अब तक हजारों शवों को उसी कब्र में दफन किया जाता है, जैसा कि ग्रामीणों का कहना है. कडुसिद्धेश्वरा गांव में इस परंपरा का कई सालों से पालन किया जा रहा है, इस गांव में जो भी मरता हो उसे उसी की कब्र में दफन किया जाता है, जो लोगों को हैरान करने वाला है.

बेंगलुरु : कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के कडु कुरुबा समुदाय के लोग एक अद्भुत परंपरा का पालन कर रहे हैं. यह आपको हैरान कर सकता है, लेकिन यह वास्तव में सच है. इस परंपरा का पालन यहां के लोग कई सालों से कर रहे हैं. अगर इस समुदाय के किसी भी सदस्य की मौत होती है, तो उसी एक ही कब्र में दफनाया जाता है.

यदि किसी की गांव के बाहर मौत होती है तो उसके शव को गांव के बाहरी इलाके में कब्रिस्तान में दफनाया जाता है, लेकिन चित्रदुर्ग के कडुसिद्धेश्वरा गांव में जो भी मरता है, उसे उसी कब्र में दफनाया जाता है.

गांव के लोगों का कहना है कि चित्रदुर्ग जिले के मोलाकालमुरु तालुका के कडुसिद्धेश्वरा गांव में इस परंपरा का पालन किया जाता है.

कडु कुरुबा समुदाय द्वारा किया जा रहा यह अनुष्ठान आश्चर्य करने वाला है, लेकिन कडु कुरुबा समुदाय का मकबरा प्राचीन काल से चली आ रही विचित्र परंपरा का जीता जागता उदाहरण है.

यहां के एक ग्रामीण शेषप्पा का कहना है कि शादी के बाद दूसरे गांवों में जाने वाली लड़कियों के लिए और जो लोग आत्महत्या करते हैं या दुर्घटना में मारे जाते हैं उन्हें इस कब्र में दफनाने की अनुमति नहीं है. यहां तक ​​कि शहर के बाहर भी मरने वाले लोगों को इस कब्र में नहीं दफनाया जाता है. अब तक हजारों शवों को उसी कब्र में दफन किया जा चुका है.

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चित्रदुर्ग के इस पुराने रहस्यमयी कब्र के संबंध में कई सवाल हैं. हैरानी की बात है कि अब तक हजारों शवों को उसी कब्र में दफन किया जाता है, जैसा कि ग्रामीणों का कहना है. कडुसिद्धेश्वरा गांव में इस परंपरा का कई सालों से पालन किया जा रहा है, इस गांव में जो भी मरता हो उसे उसी की कब्र में दफन किया जाता है, जो लोगों को हैरान करने वाला है.

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