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WHO ने कोविड से निपटने वाले स्कूलों को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया

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Published : Sep 13, 2021, 4:40 PM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोविड महामारी के दौरान सुरक्षित स्कूल संचालव के लिए प्रतिबद्ध होने के साथ-साथ हर स्कूल को स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले स्कूल बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लेना चाहिए. पढ़िए ईटीवी भारत के संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट..

डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह
डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के सदस्य देशों से गैर-संचारी रोगों को रोकने और नियंत्रित करने के प्रयासों में तेजी लाने का आग्रह किया है. जो इस क्षेत्र में होने वाली सभी मौतों का दो-तिहाई हिस्सा हैं और कोविड के गंभीर जोखिम को भी बढ़ाता है. साथ ही कहा है कि कोविड महामारी के दौरान सुरक्षित स्कूल संचालव के लिए प्रतिबद्ध होने के साथ-साथ हर स्कूल को स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले स्कूल बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लेना चाहिए.

हाल ही में अपनी क्षेत्रीय समिति की बैठक में एक प्रस्ताव को अपनाते हुए सदस्य देशों ने कोरोना महामारी की वजह से स्कूलों के बंद होने पर चिंता जताई. साथ ही कहा कि इसकी वजह से छोटे बच्चों और किशोरों के सीखने, विकास और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा स्वस्थ जीवन शैली अपनाने, जीवन भर स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने और किसी भी समाज के सतत विकास में स्कूलों की अहम भूमिका है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि विशेष जरूरत वाले बच्चों के साथ सभी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के बच्चों की स्वस्थता स्कूलों से सुनिश्चित करने के लिए हमें सरकारी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सदस्य देशों ने चल रही महामारी के दौरान स्कूलों को सुरक्षित रूप से फिर से खोलने और संचालित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है.

ये भी पढ़ें - कोविड 19: गोवा में केरल से आने वाले यात्रियों के लिए पांच दिन का पृथक-वास अनिवार्य

इसके अलावा सदस्य देशों ने वायरल, हेपेटाइटिस, एचआईवी और यौन संचारित रोग पर एक एकीकृत क्षेत्रीय कार्य योजना विकसित करने पर भी सहमति जताई, जो डब्ल्यूएचओ के वैश्विक और 2030 एसडीजी लक्ष्य के अनुरूप है.

क्षेत्रीय समिति की बैठक में कोरोना महामारी से सबक लेने और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य के साथ सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने पर सहमति हुई. बैठक में गैर-संचारी रोग के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के प्रयासों में तेजी लाने, खसरा और रूबेला उन्मूलन के लिए की जा रही कार्रवाई और सार्वभौमिक स्वास्थ्य को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया.

बैठक में गैर-संचारी रोग के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के प्रयासों में तेजी लाने, खसरा और रूबेला उन्मूलन के लिए की जा रही कार्रवाई और सार्वभौमिक स्वास्थ्य को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया. बता दें कि डब्ल्यूएचओ के दक्षिण पूर्व एशिया सदस्य देश भारत, थाईलैंड, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मालदीव, बांग्लादेश, भूटान, तिमोर-लेस्ते और म्यांमार हैं.

आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण पूर्व एशिया में पिछले 24 घंटों में कुल 3.33 करोड़ मामले आए हैं. इनमें भारत 27,254 कोविड संक्रमितों के मिलने के साथ सूची में सबसे ऊपर है.

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के सदस्य देशों से गैर-संचारी रोगों को रोकने और नियंत्रित करने के प्रयासों में तेजी लाने का आग्रह किया है. जो इस क्षेत्र में होने वाली सभी मौतों का दो-तिहाई हिस्सा हैं और कोविड के गंभीर जोखिम को भी बढ़ाता है. साथ ही कहा है कि कोविड महामारी के दौरान सुरक्षित स्कूल संचालव के लिए प्रतिबद्ध होने के साथ-साथ हर स्कूल को स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले स्कूल बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लेना चाहिए.

हाल ही में अपनी क्षेत्रीय समिति की बैठक में एक प्रस्ताव को अपनाते हुए सदस्य देशों ने कोरोना महामारी की वजह से स्कूलों के बंद होने पर चिंता जताई. साथ ही कहा कि इसकी वजह से छोटे बच्चों और किशोरों के सीखने, विकास और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा स्वस्थ जीवन शैली अपनाने, जीवन भर स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने और किसी भी समाज के सतत विकास में स्कूलों की अहम भूमिका है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि विशेष जरूरत वाले बच्चों के साथ सभी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के बच्चों की स्वस्थता स्कूलों से सुनिश्चित करने के लिए हमें सरकारी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सदस्य देशों ने चल रही महामारी के दौरान स्कूलों को सुरक्षित रूप से फिर से खोलने और संचालित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है.

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इसके अलावा सदस्य देशों ने वायरल, हेपेटाइटिस, एचआईवी और यौन संचारित रोग पर एक एकीकृत क्षेत्रीय कार्य योजना विकसित करने पर भी सहमति जताई, जो डब्ल्यूएचओ के वैश्विक और 2030 एसडीजी लक्ष्य के अनुरूप है.

क्षेत्रीय समिति की बैठक में कोरोना महामारी से सबक लेने और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य के साथ सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने पर सहमति हुई. बैठक में गैर-संचारी रोग के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के प्रयासों में तेजी लाने, खसरा और रूबेला उन्मूलन के लिए की जा रही कार्रवाई और सार्वभौमिक स्वास्थ्य को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया.

बैठक में गैर-संचारी रोग के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के प्रयासों में तेजी लाने, खसरा और रूबेला उन्मूलन के लिए की जा रही कार्रवाई और सार्वभौमिक स्वास्थ्य को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया. बता दें कि डब्ल्यूएचओ के दक्षिण पूर्व एशिया सदस्य देश भारत, थाईलैंड, नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मालदीव, बांग्लादेश, भूटान, तिमोर-लेस्ते और म्यांमार हैं.

आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण पूर्व एशिया में पिछले 24 घंटों में कुल 3.33 करोड़ मामले आए हैं. इनमें भारत 27,254 कोविड संक्रमितों के मिलने के साथ सूची में सबसे ऊपर है.

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