बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में पहली बार हेचरी के माध्यम से सफेद मोर के अंडे से चूजे निकाले गए हैं. कानन पेंडारी ज़ू में डॉक्टर ने पहली बार प्रयोग करते हुए मोर के अंडों को छोटे हेचरी में रखा. जिसमें उनका प्रयोग सफल (Birth of white peacock from hatchery ) रहा. यहां सफेद मोर के दो चूजे निकले हैं. मोर के चूजे अभी पूरी तरह स्वस्थ्य हैं और इन्हें काफी सुरक्षित स्थान पर रखा गया है. कानन में सफेद मोर का कुनबा अब बढ़ने लगा (family of white peacocks grew in Bilaspur Kanan Pendari Zoo) है. जिससे कानन प्रबंधन काफी खुश है.
कैसे अभियान हुआ सफल : कानन पेंडारी में पक्षियों का कुनबा बढ़ाने के लिए कानन प्रबंधन लगातार प्रयास कर रहा है. हमेशा ही पक्षियों की संख्या बढ़ाने नए नए प्रयोग किये जाते हैं. कानन ज़ू के डॉक्टर अजित पांडेय ने इसी कड़ी में इस बार कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क (Bilaspur Kanan Pendari Zoological Park) ने ऐसा काम कर दिया है जो लोगों के लिए आश्चर्य की बात है. कानन ज़ू प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ में पहली बार वह काम कर दिखाया है जो अब तक नहीं हुआ था. यहां एक सफेद मोर का जोड़ा है जो हर सीजन में अंडे देता है.लेकिन उसमे से बच्चे नहीं निकलते थे. लेकिन इस बार डॉक्टरों ने अंडों को हेचरी में रखा.जिसमें उन्हें कामयाबी (Birth of white peacock from hatchery ) मिली.
मोर के लिए तैयार किया गया वातावरण : कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में सफेद मोर के एक जोड़ा डिस्प्ले में रखा गया है. यहीं उनके लिए ब्रीडिंग की सुविधा भी तैयार की गई है. ब्रीडिंग के बाद होने वाले अंडे पर पहले मोर बैठ कर बच्चे निकालने की कोशिश करते रहे हैं. लेकिन इसमें हर बार असफलता ही हाथ लगी. इस विषय में बताते हुए कानन ज़ू के डॉयरेक्टर विष्णुराज नायर (Vishnuraj Nair director of Kanan Zoo)ने बताया कि ''रांची जू में मिनी हैचरी के माध्यम से मोर के अंडों से बच्चे निकाले गए थे और उनका प्रयोग सफल रहा. रांची जू के डॉक्टरों से सलाह लेकर कानन में भी मोर के 5 अंडों को हेचरी में रखा गया था.जिसमें दो अंडे से बच्चे निकाले गए हैं. अभी बच्चों के बढ़ने तक पर्यटकों से दूर रखा जाएगा और उनकी देखरेख में कोई कमी नहीं की जाएगी.''
छत्तीसगढ़ में इस तरह का पहला प्रयोग : कानन जू प्रबंधन ने बताया कि "'मिनी हेचरी के माध्यम से अब तक मोर के बच्चे का प्रजनन छत्तीसगढ़ में पहली बार हुआ है. आगे भी जरूरत के हिसाब से किया जाएगा ताकि इनकी संख्या भी बनी रहे और इन्हें रखने में कोई दिक्कत ना हो. अन्य चिड़ियाघरों की डिमांड पर इनका प्रजनन कराया जाएगा.
शुतुरमुर्ग ने फिर दिए हैं 7 अंडे: इसी तरह कानन में शुतुरमुर्ग ने दोबारा अंडे दिए हैं. अभी शुतुरमुर्ग ने 7 अंडे दिए है इससे पहले भी शुतुरमुर्ग ने 19 अंडे दिए थे, लेकिन इससे बच्चे नहीं निकले थे. इस बार भी शुतुरमुर्ग अपने अंडों पर बैठ रही है. लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो इन अंडों से बच्चे शायद ही निकले. अंडों से बच्चे नहीं निकलने का कारण मौसम में आए बदलाव को भी माना जा रहा है.लेकिन प्रबंधन लगातार शुतुरमुर्ग का कुनबा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. आने वाले समय में सफेद मोर के बच्चों के साथ ही नीले कलर के मोर के अंडे से बच्चे निकालने का प्रयास किया जाएगा ताकि कानन में मोर की संख्या बढ़े.