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सरकार के कोविड प्रबंधन पर कांग्रेस का 'श्वेत पत्र', तीसरी लहर को लेकर अभी से तैयारी की मांग

राहुल गांधी ने सरकार के कोविड प्रबंधन को लेकर कांग्रेस का श्वेत पत्र जारी किया और कहा कि इसका उद्देश्य राष्ट्र को कोरोना वायरस की तीसरी लहर के लिहाज से तैयार करने में मदद देना है.

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Published : Jun 22, 2021, 9:11 AM IST

Updated : Jun 22, 2021, 4:19 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के कोविड प्रबंधन को लेकर मंगलवार को पार्टी की ओर से एक 'श्वेत पत्र' जारी किया और केंद्र से आग्रह किया कि इस महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अभी से पूरी तैयारी की जाए तथा युद्धस्तर पर टीकाकरण किया जाए.

उन्होंने केंद्र सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आंसू उन परिवारों के आंसू नहीं पोंछ सकते जिन्होंने दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनों को खोया है. राहुल गांधी ने कुछ हफ्ते पहले चिकित्सकों के साथ डिजिटल संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के भावुक होने से संबंधित सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि सरकार की ओर से गरीबों को आर्थिक मदद दी जानी चाहिए और कोविड प्रभावित परिवारों को मदद देने के लिए कोविड मुआवजा कोष स्थापित करना चाहिए.

राहुल गांधी का बयान (2)
कांग्रेस ने जो 'श्वेत पत्र' जारी किया है उसमें पहली और दूसरी लहर के दौरान केंद्र सरकार की कथित 'गलतियों और कुप्रबंधन' का उल्लेख किया गया है. इसमें कोरोना महामारी के नियंत्रण से जुड़े कदमों की समीक्षा के लिए सर्वदलीय समिति बनाने, गरीबों की आर्थिक मदद करने, कोविड प्रभावित परिवारों को चार-चार लाख रुपये की मदद देने और राज्यों को न्यायसंगत एवं उचित मात्रा में टीके उपलब्ध कराने की सिफारिश की गई है. राहुल गांधी ने कहा कि इस श्वेत पत्र का लक्ष्य सरकार पर अंगुली उठाना नहीं है. हम सरकार की गलतियों का उल्लेख इसलिए कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में गलतियों को ठीक किया जा सके. उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान सरकार का प्रबंधन त्रासदीपूर्ण रहा जिसके कारण लाखों लोगों की जान चली गई, जबकि समय रहते कदम उठाकर इसे रोका जा सकता था.

कांग्रेस नेता ने कहा कि पूरा देश जानता है कि दूसरी लहर से पहले ही, हमारे वैज्ञानिकों और चिकित्सकों ने दूसरी लहर की बात की थी. उस समय सरकार को जो कदम उठाना चाहिए था, जो व्यवहार होना चाहिए था, वह देखने को नहीं मिला. इसके बाद दूसरी लहर का हम सब पर असर हुआ. उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए यह भी कहा कि पूरा देश जानता है कि तीसरी लहर आने वाली है. वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है इसीलिए हम सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि वह अभी से पूरी तैयारी करे।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि यह जरूरी है कि तीव्र गति से टीकाकरण किया जाए, टीकाकरण युद्धस्तर पर होना चाहिए.

पिछले दिनों डॉक्टरों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के भावुक हो जाने से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के आंसू इन परिवारों (अपनों को वालों को खोने वालों) के आंसू नहीं पोंछ सकते. वे सभी परिवार जानते हैं कि जब लोगों की मौत हो रही थी तो प्रधानमंत्री उनके साथ नहीं खड़े थे. उनके आंसू लोगों को नहीं बचा सके। लोगों की जान ऑक्सीजन से बच सकती थी जो उन्हें समय पर नहीं मिली. प्रधानमंत्री तो पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे थे.

उन्होंने दावा किया कि इस देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन बहुत सारे लोगों की, ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई. ऐसे कई परिवारों को मैं जानता हूं. राहुल गांधी ने कहा कि अगर टीकों को लेकर कहीं भ्रम की स्थिति है तो वहां सही जानकारी पहुंचा कर इस भ्रम को दूर किया जाना चाहिए. कांग्रेस ने सरकार के कोविड प्रबंधन को लेकर जो ‘श्वेत पत्र’ जारी किया है उसमें सिफारिश की गई है कि कम से कम समय में सभी नागरिकों का मुफ्त टीकाकरण किया जाए और सरकार को दिसंबर, 2021 तक सभी वयस्क नागरिकों का टीकाकरण करने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने को लेकर नियमित रूप से साप्ताहिक रूपरेखा साझा करनी चाहिए.

मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि भारत के लिए टीकों और उनके उत्पादन के लिए जरूरी सामग्री की आपूर्ति के वास्ते टीका निर्माता इकाइयों और दूसरे देशों की सरकारों के साथ समन्वय स्थापित किया जाए तथा घरेलू स्तर पर टीकों का उत्पादन तेज करने के लिए 1970 के पेटेंट कानून के तहत लाइसेंस प्रावधानों को अनिवार्य किया जाए. कांग्रेस ने इस 'श्वेत पत्र' में यह सिफारिश भी की है, राज्यों को पारदर्शी और उस न्यायसंगत फार्मूले के मुताबिक टीकों का आवंटन किया जाए जो साक्ष्य, हिस्सेदारी और स्थानीय जरूरत पर आधारित हो. टीका और कोविड संबंधी सही आंकड़ों को पारदर्शी ढंग से सार्वजनिक पटल पर रखा जाए.

पढ़ें :- जम्मू कश्मीर: पीएम की बैठक को लेकर गुपकार तय कर रहा रणनीति

पार्टी ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि महामारी को नियंत्रित करने और राज्यों एवं सिविल सोसायटी से समन्वय स्थापित करने के मकसद से उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक सर्वदलीय समिति गठित करने के साथ ही दूसरे जरूरी राजनीतिक और प्रशासनिक कदम उठाए जाएं. कांग्रेस ने कहा कि निर्णय की प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण किया जाए और तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए पूरे देश और खासकर ग्रामीण इलाकों में जोर-शोर से तैयारी की जाए. कांग्रेस ने यह सुझाव भी दिया कि कोविड से मौतों के मामलों में संबंधित परिवारों को आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों के तहत चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए.

उसने सरकार से आग्रह किया कि गरीबों, छोटे एवं मध्यम कारोबारों की मदद के लिए न्यूनतम आय सहायता योजना लागू करने समेत राहत के दूसरे कदम उठाए जाएं, मनरेगा के लिए बजट का आवंटन बढ़ाया जाए तथा शहरी क्षेत्रों के गरीबों की भी मदद की जाए.

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के कोविड प्रबंधन को लेकर मंगलवार को पार्टी की ओर से एक 'श्वेत पत्र' जारी किया और केंद्र से आग्रह किया कि इस महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अभी से पूरी तैयारी की जाए तथा युद्धस्तर पर टीकाकरण किया जाए.

उन्होंने केंद्र सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आंसू उन परिवारों के आंसू नहीं पोंछ सकते जिन्होंने दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनों को खोया है. राहुल गांधी ने कुछ हफ्ते पहले चिकित्सकों के साथ डिजिटल संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के भावुक होने से संबंधित सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि सरकार की ओर से गरीबों को आर्थिक मदद दी जानी चाहिए और कोविड प्रभावित परिवारों को मदद देने के लिए कोविड मुआवजा कोष स्थापित करना चाहिए.

राहुल गांधी का बयान (2)
कांग्रेस ने जो 'श्वेत पत्र' जारी किया है उसमें पहली और दूसरी लहर के दौरान केंद्र सरकार की कथित 'गलतियों और कुप्रबंधन' का उल्लेख किया गया है. इसमें कोरोना महामारी के नियंत्रण से जुड़े कदमों की समीक्षा के लिए सर्वदलीय समिति बनाने, गरीबों की आर्थिक मदद करने, कोविड प्रभावित परिवारों को चार-चार लाख रुपये की मदद देने और राज्यों को न्यायसंगत एवं उचित मात्रा में टीके उपलब्ध कराने की सिफारिश की गई है. राहुल गांधी ने कहा कि इस श्वेत पत्र का लक्ष्य सरकार पर अंगुली उठाना नहीं है. हम सरकार की गलतियों का उल्लेख इसलिए कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में गलतियों को ठीक किया जा सके. उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान सरकार का प्रबंधन त्रासदीपूर्ण रहा जिसके कारण लाखों लोगों की जान चली गई, जबकि समय रहते कदम उठाकर इसे रोका जा सकता था.

कांग्रेस नेता ने कहा कि पूरा देश जानता है कि दूसरी लहर से पहले ही, हमारे वैज्ञानिकों और चिकित्सकों ने दूसरी लहर की बात की थी. उस समय सरकार को जो कदम उठाना चाहिए था, जो व्यवहार होना चाहिए था, वह देखने को नहीं मिला. इसके बाद दूसरी लहर का हम सब पर असर हुआ. उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए यह भी कहा कि पूरा देश जानता है कि तीसरी लहर आने वाली है. वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है इसीलिए हम सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि वह अभी से पूरी तैयारी करे।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि यह जरूरी है कि तीव्र गति से टीकाकरण किया जाए, टीकाकरण युद्धस्तर पर होना चाहिए.

पिछले दिनों डॉक्टरों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के भावुक हो जाने से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के आंसू इन परिवारों (अपनों को वालों को खोने वालों) के आंसू नहीं पोंछ सकते. वे सभी परिवार जानते हैं कि जब लोगों की मौत हो रही थी तो प्रधानमंत्री उनके साथ नहीं खड़े थे. उनके आंसू लोगों को नहीं बचा सके। लोगों की जान ऑक्सीजन से बच सकती थी जो उन्हें समय पर नहीं मिली. प्रधानमंत्री तो पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे थे.

उन्होंने दावा किया कि इस देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन बहुत सारे लोगों की, ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई. ऐसे कई परिवारों को मैं जानता हूं. राहुल गांधी ने कहा कि अगर टीकों को लेकर कहीं भ्रम की स्थिति है तो वहां सही जानकारी पहुंचा कर इस भ्रम को दूर किया जाना चाहिए. कांग्रेस ने सरकार के कोविड प्रबंधन को लेकर जो ‘श्वेत पत्र’ जारी किया है उसमें सिफारिश की गई है कि कम से कम समय में सभी नागरिकों का मुफ्त टीकाकरण किया जाए और सरकार को दिसंबर, 2021 तक सभी वयस्क नागरिकों का टीकाकरण करने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने को लेकर नियमित रूप से साप्ताहिक रूपरेखा साझा करनी चाहिए.

मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि भारत के लिए टीकों और उनके उत्पादन के लिए जरूरी सामग्री की आपूर्ति के वास्ते टीका निर्माता इकाइयों और दूसरे देशों की सरकारों के साथ समन्वय स्थापित किया जाए तथा घरेलू स्तर पर टीकों का उत्पादन तेज करने के लिए 1970 के पेटेंट कानून के तहत लाइसेंस प्रावधानों को अनिवार्य किया जाए. कांग्रेस ने इस 'श्वेत पत्र' में यह सिफारिश भी की है, राज्यों को पारदर्शी और उस न्यायसंगत फार्मूले के मुताबिक टीकों का आवंटन किया जाए जो साक्ष्य, हिस्सेदारी और स्थानीय जरूरत पर आधारित हो. टीका और कोविड संबंधी सही आंकड़ों को पारदर्शी ढंग से सार्वजनिक पटल पर रखा जाए.

पढ़ें :- जम्मू कश्मीर: पीएम की बैठक को लेकर गुपकार तय कर रहा रणनीति

पार्टी ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि महामारी को नियंत्रित करने और राज्यों एवं सिविल सोसायटी से समन्वय स्थापित करने के मकसद से उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक सर्वदलीय समिति गठित करने के साथ ही दूसरे जरूरी राजनीतिक और प्रशासनिक कदम उठाए जाएं. कांग्रेस ने कहा कि निर्णय की प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण किया जाए और तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए पूरे देश और खासकर ग्रामीण इलाकों में जोर-शोर से तैयारी की जाए. कांग्रेस ने यह सुझाव भी दिया कि कोविड से मौतों के मामलों में संबंधित परिवारों को आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों के तहत चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए.

उसने सरकार से आग्रह किया कि गरीबों, छोटे एवं मध्यम कारोबारों की मदद के लिए न्यूनतम आय सहायता योजना लागू करने समेत राहत के दूसरे कदम उठाए जाएं, मनरेगा के लिए बजट का आवंटन बढ़ाया जाए तथा शहरी क्षेत्रों के गरीबों की भी मदद की जाए.

Last Updated : Jun 22, 2021, 4:19 PM IST
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