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उत्तर प्रदेश : मंडियों में अब ई-पॉप मशीनों से होगी गेहूं खरीद

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Published : Apr 10, 2021, 4:04 PM IST

यूपी सरकार ने गेहूं की खरीद में पारदर्शिता काे ध्यान में रखकर ई-पॉप मशीनों का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. इसके इस्तेमाल से किसी भी तरह की धांधली से बचा जा सकता है. इसका सीधा फायदा किसानाें काे मिलेगा.

किसानाें के लिए खुशखबरी,
किसानाें के लिए खुशखबरी,

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार गेहूं खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए अब ई-पॉप मशीनों का इस्तेमाल करेगी. इससे गेहूं खरीद में धांधली और गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी. किसानों के अनाज के हर दाने का भुगतान उनके खातों में होगा.

मंडियों में किसान इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप) डिवाइस के माध्यम से गेहूं की बिक्री कर सकेंगे. यूपी सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, ई-पॉप मशीन से खरीद करने पर किसानों को कुल तौल की गई गेहूं की मात्रा व गेहूं के मूल्य की प्रिंटेड रसीद तत्काल मिल जाएगी. यूपी गेहूं की खरीद में इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप) डिवाइस का प्रयोग करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

प्रदेश के किसानों के लिए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है, जिसमें किसानों को केवल अगूंठा लगाकर आधार प्रमाणीकरण व सत्यापन कराते हुए सरकारी क्रय केन्द्रों से गेहूं खरीद की सुविधा मिलेगी.


इसे भी पढ़ें : होडल की अनाज मंडी में गेहूं और सरसों की आवक शुरू, पहले दिन कम रही किसानों की संख्या


प्रदेश के विभिन्न जनपदों में ई-पॉप मशीनें सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे किसानों को जल्दी इसकी सुविधा मिल सके.

बता दें कि यूपी की योगी सरकार पहले ही कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीद का खास तोहफा दे चुकी है. देश के इतिहास में पहली बार कोई अनाज खरीद प्रक्रिया में कृषक उत्पादक संगठनों को भी शामिल किया गया है.

प्रदेश के 150 से अधिक गेहूं केंद्रों पर एफपीओ खरीद प्रक्रिया का हिस्सा बन गए हैं. प्रदेश में एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं खरीद प्रक्रिया के तहत अब तक 3.78 लाख किसानों ने गेहूं विक्रय के लिए पंजीकरण करा लिया है और विभिन्न जनपदों में 5,255 किसानों से 29529.68 मी.टन गेहूं की खरीद की गई है. खरीद केंद्रों पर ऑक्सीमीटर, इफ्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश भी अफसरों को दिए गए हैं. खरीद केंद्रों पर पहुंचने वाले हर किसान का तापमान चेक किया जा रहा है.

खरीद केंद्रों पर भीड़ न इकट्ठी हो इसके लिए राज्य सरकार ने पहले से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की व्यवस्था की है. टोकन नंबर के हिसाब से किसान अपनी बारी आने पर खुद केंद्र पहुंच कर गेहूं बेच सकेंगे. इससे खरीद केंद्रों पर भीड़ नहीं लगेगी. योगी सरकार किसानों को उनके खेत के 10 किलोमीटर के दायरे में खरीद केंद्र उपलब्ध करा रही है, ताकि किसानों को गेहूं बेचने के लिए ज्यादा दूरी तय न करनी पड़े.

राज्य सरकार ने दावा किया है 2553804 धान किसानों को 23328.80 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है, जो कि प्रदेश में अब तक का रिकार्ड है.

आंकड़ों के मुताबिक, योगी सरकार ने चार साल के कार्यकाल में 3345065 किसानों से कुल 162.71 लाख मी. टन गेहूं की खरीद की. प्रदेश में सबसे ज्यादा 24256 क्रय केंद्रों के जरिए खरीदे गए गेहूं के लिए राज्य सरकार ने किसानों को कुल 29017.71 करोड़ रुपये का रिकार्ड भुगतान किया है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार गेहूं खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए अब ई-पॉप मशीनों का इस्तेमाल करेगी. इससे गेहूं खरीद में धांधली और गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी. किसानों के अनाज के हर दाने का भुगतान उनके खातों में होगा.

मंडियों में किसान इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप) डिवाइस के माध्यम से गेहूं की बिक्री कर सकेंगे. यूपी सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, ई-पॉप मशीन से खरीद करने पर किसानों को कुल तौल की गई गेहूं की मात्रा व गेहूं के मूल्य की प्रिंटेड रसीद तत्काल मिल जाएगी. यूपी गेहूं की खरीद में इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (ई-पॉप) डिवाइस का प्रयोग करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

प्रदेश के किसानों के लिए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है, जिसमें किसानों को केवल अगूंठा लगाकर आधार प्रमाणीकरण व सत्यापन कराते हुए सरकारी क्रय केन्द्रों से गेहूं खरीद की सुविधा मिलेगी.


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प्रदेश के विभिन्न जनपदों में ई-पॉप मशीनें सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे किसानों को जल्दी इसकी सुविधा मिल सके.

बता दें कि यूपी की योगी सरकार पहले ही कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीद का खास तोहफा दे चुकी है. देश के इतिहास में पहली बार कोई अनाज खरीद प्रक्रिया में कृषक उत्पादक संगठनों को भी शामिल किया गया है.

प्रदेश के 150 से अधिक गेहूं केंद्रों पर एफपीओ खरीद प्रक्रिया का हिस्सा बन गए हैं. प्रदेश में एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं खरीद प्रक्रिया के तहत अब तक 3.78 लाख किसानों ने गेहूं विक्रय के लिए पंजीकरण करा लिया है और विभिन्न जनपदों में 5,255 किसानों से 29529.68 मी.टन गेहूं की खरीद की गई है. खरीद केंद्रों पर ऑक्सीमीटर, इफ्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश भी अफसरों को दिए गए हैं. खरीद केंद्रों पर पहुंचने वाले हर किसान का तापमान चेक किया जा रहा है.

खरीद केंद्रों पर भीड़ न इकट्ठी हो इसके लिए राज्य सरकार ने पहले से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की व्यवस्था की है. टोकन नंबर के हिसाब से किसान अपनी बारी आने पर खुद केंद्र पहुंच कर गेहूं बेच सकेंगे. इससे खरीद केंद्रों पर भीड़ नहीं लगेगी. योगी सरकार किसानों को उनके खेत के 10 किलोमीटर के दायरे में खरीद केंद्र उपलब्ध करा रही है, ताकि किसानों को गेहूं बेचने के लिए ज्यादा दूरी तय न करनी पड़े.

राज्य सरकार ने दावा किया है 2553804 धान किसानों को 23328.80 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है, जो कि प्रदेश में अब तक का रिकार्ड है.

आंकड़ों के मुताबिक, योगी सरकार ने चार साल के कार्यकाल में 3345065 किसानों से कुल 162.71 लाख मी. टन गेहूं की खरीद की. प्रदेश में सबसे ज्यादा 24256 क्रय केंद्रों के जरिए खरीदे गए गेहूं के लिए राज्य सरकार ने किसानों को कुल 29017.71 करोड़ रुपये का रिकार्ड भुगतान किया है.

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