हैदराबाद : हर साल 'विश्व डाक दिवस' यानी 'वर्ल्ड पोस्ट डे' (World Post Day 2023 ) 9 अक्टूबर को मनाया जाता है. आज पूरा देश विश्व डाक दिवस मना रहा है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच पोस्टल सेवा के बारे में प्रचार प्रसार करना है, लोगों और व्यवसायों के रोजमर्रा के जीवन में डाक क्षेत्र की भूमिका और देशों के समाजिक और आर्थिक विकास में इसके योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करना है. विश्व डाक दिवस के दिन लोगों को डाक विभाग के कार्यों से अवगत कराया जाता है.
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Local products को Global पहचान… #WorldPostDay pic.twitter.com/TZkD9ytEzO
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डाक दिवस की शुरुआत : संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 9 अक्टूबर 1874 में स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में एक यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) का गठन हुआ, जिसमें दुनिया के 22 देश शामिल हुए. यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन डाक विभाग और पोस्टल सर्विसेज के लिए काम करने वाला पहला अंतरराष्ट्रीय संस्थान था. बाद में वर्ष 1969 में जापान की राजधानी टोक्यो में (UPU) का एक सम्मेलन आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में (UPU) के गठन दिवस यानी 9 अक्टूबर को 'विश्व डाक दिवस' के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया. तब से, दुनिया भर के देश हर साल इस समारोह में भाग लेते हैं.
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Observing #WorldPostDay to raise awareness about the essential role of postal services in our lives.
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) October 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Integrating efficient banking and postal services, India Post offers reliable & accessible services for Indian households. pic.twitter.com/rTl3vwS8Pv
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Integrating efficient banking and postal services, India Post offers reliable & accessible services for Indian households. pic.twitter.com/rTl3vwS8Pv
कैसे खत्म हुआ चिट्ठियों का दौर : एक दौर था जब चिट्ठियां लोगों की भावनाओं से जुड़ी होती थीं. खत के जरिए लोग आपस में बातचीत करते थे, और अपने संदेश अपने प्रियजनों तक पहुंचाते थे. पहले के दौर में आपस में बातचीत करने के लिए खत ही एकमात्र साधन हुआ करता था. लेकिन अब वे दौर बदल गया है. बदलते दौर में अब शायद ही कोई ऐसा होगा जो अपने निजी और महत्वपूर्ण संदेश डाक के माध्यम से पहुंचाना चाहेगा. इसलिए डाक के माध्यम से बधाई, शुभकामनाएं और संबंधियों के हालचाल जानने के लिए लिखि जाने वाली व्यक्तिगत चिट्ठियों का चलन अब बंद हो गया है. आज के समय में मोबाइल से कुछ ही सेकेंड में लोग अपने परिजनों से बातचीत कर लेते हैं या कोई मैसेज भी उन्हें अगर पहुंचाना हो तो बस कुछ ही सेकेंड में पहुंचा देते है. अब लोग डाक का इस्तेमाल केवल सरकारी कागजों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने और ले जाने के लिए ही करते हैं.
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On #WorldPostDay, celebrating #TogetherForTrust 🤝 Let's acknowledge how our postal system, especially the last mile connectors, build trust, foster connections, and drive socio-economic progress. pic.twitter.com/C6cp6NbOIu
— India Post (@IndiaPostOffice) October 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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विश्व डाक दिवस 2023 की थीम : विश्व डाक दिवस मनाने के लिए हर साल एक नई थीम होती है. इस साल 2023 की थीम है विश्वास के लिए एक साथ, एक सुरक्षित और जुड़े भविष्य के लिए सहयोग.
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On #WorldPostDay, let's see how much do you know about India's postal department! Share your answer in the comment section & don't forget to tag your friends.
— Amrit Mahotsav (@AmritMahotsav) October 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
#AmritMahotsav #BujoTohJaane #Quiz #MainBharatHoon pic.twitter.com/2IKFJFn3Wq
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— Amrit Mahotsav (@AmritMahotsav) October 8, 2023
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भारत में डाक सेवाओं का इतिहास : बता दें कि भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की सदस्यता लेने वाला प्रथम एशियाई देश था. भारत में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना 1 अक्टूबर 1854 को लार्ड डलहौजी के काल में हुई थी. भारतीय डाक सेवा पिछले 165 सालों से हिंदुस्तान को देशभर से जोड़े हुए है. एक जुलाई 1876 को भारत वैश्विक डाक संघ का सदस्य बना. भारत में डाक सेवाओं का इतिहास बहुत पुराना है. हर साल 9 से 14 अक्टूबर के बीच भारत में डाक सप्ताह मनाया जाता है. इसके साथ डाक दिवस पर बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया जाता है.
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165 साल बाद डाक विभाग के अस्तित्व को चुनौती, डिजिटाइजेशन से संघर्ष