लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के कोरोना प्रबंधन पर कई सवाल उठे हैं. विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोरोना के प्रसार पर लगाम लगाने में असफल बताया है. ये आरोप इसलिए महत्वपूर्ण हो जाते हैं क्योंकि अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं. लिहाजा पार्टी नहीं चाहती है कि इसका असर आने वाले चुनाव पर पड़े. अभी से ही पार्टी के बड़े नेताओं को अलर्ट कर दिया गया है. सूत्र बताते हैं कि पार्टी ने दो बड़े नेताओं को फीड प्राप्त करने के लिए इस कार्य पर लगाया है.
इन खबरों के बीच भाजपा के उपाध्यक्ष राधामोहन सिंह ने बताया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने महामारी के प्रबंधन की दिशा में बेमिसाल कार्य किए हैं.
राधा मोहन सिंह ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार के नाकाम रहने के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि सरकार ने बेमिसाल काम किया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं ने सबसे मुश्किल दौर में उस वक्त भी लोगों की मदद की, जब दूसरी पार्टियां 'पृथक-वास अवधि' (आइसोलेशन) का लुत्फ ले रही थीं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महामारी के प्रबंधन का जायजा लेने के लिए समाज की पंक्ति में अंतिम स्थान पर खड़े व्यक्ति तक का हाल लिया, यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोविड-19 प्रबंधन के मामले में उत्तरप्रदेश सरकार की तारीफ की है.
सिंह ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व में परिवर्तन की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह कुछ लोगों की 'कपोल कल्पना' है.
गौरतलब है कि ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को एक बार फिर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया जा सकता है और उनके स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वासपात्र सेवानिवृत्त अधिकारी और मौजूदा विधान परिषद सदस्य एके शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष के साथ लखनऊ के तीन दिवसीय दौरे पर आए राधा मोहन सिंह ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट के बाद मंगलवार को उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य तथा दिनेश शर्मा से मुलाकात की.
भाजपा उपाध्यक्ष ने कानून मंत्री बृजेश पाठक से भी मुलाकात की. पाठक ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान संगठन से जुड़े मुद्दों तथा वर्ष 2022 के प्रदेश विधानसभा चुनाव के बारे में विचार विमर्श हुआ, हालांकि उन्होंने विस्तार से कुछ भी बताने से मना कर दिया.