बामनगोला (मालदा) : पश्चिम बंगाल के मालदा में एक महिला की उस समय मौत हो गई जब उसके गांव तक सड़क की खराब होने से एंबुलेंस और स्थानीय वाहनों ने सेवा देने से इनकार कर दिया. इसके बाद उसके परिवार वाले उसे खाट पर ग्रामीण अस्पताल ले जा रहे थे. घटना शुक्रवार को मालदा के बामनगोला ब्लॉक के गोविंदपुर महेशपुर ग्राम पंचायत के मालडांगा गांव में घटी. बीजेपी के एक नेता के द्वारा घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने के बाद वह वायरल हो गई. हालांकि ईटीवी भारत इस वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है.
इस बारे में बीजेपी नेता ने कहा कि वह वीडियो क्लिप उन्होंने ली थी. दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने इस मामले को देखने का आश्वासन दिया है. वहीं स्थानीय बीडीओ ने जल्द सड़क मरम्मत कराने का वादा किया है.
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक मृत महिला का नाम मामोनी रॉय (19) है. उसका घर मालडांगा गांव में है. महिला का पति कार्तिक रॉय पेशे से किसान है. मामोनी पिछले गुरुवार से तेज बुखार से पीड़ित थी लेकिन शुक्रवार दोपहर को उसकी हालत बिगड़ गई. इस पर परिवार ने उसे गांव से पांच किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल ले जाने का फैसला किया. लेकिन गांव की सड़कें खराब होने के कारण एंबुलेंस या किसी कार की व्यवस्था नहीं हो सकी.
फलस्वरूप परिजन बीमार महिला को खाट में लिटाकर बामनगोला ग्रामीण अस्पताल के लिए रवाना हुए. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मामोनी को मृत घोषित कर दिया. उन्होंने परिजनों से कहा कि अगर उसे पहले लाते तो मरीज की जान बचाने की कोशिश कर सकते थे. मामले को लेकर क्षेत्र की रहने वाली और जिला परिषद की पूर्व सदस्य भाजपा की महिला मोर्चा के उत्तरी मालदा की नेता वीणा सरकार कीर्तनिया ने घटना की वीडियो क्लिप फेसबुक पर जारी कर दी. इसमें भाजपा नेता को यह कहते हुए सुना गया कि मालडांगा बूथ के लोगों ने सड़क के नवीनीकरण की मांग को लेकर पहले जाम की थी, तब बीडीओ ने सड़क को जल्द बनाने का वादा किया था. लेकिन बीडीओ ने सड़क नहीं बनवाई जिसकी वजह से 19 साल की लड़की को अपनी जान गंवानी पड़ी. इतना ही नहीं दो साल के बच्चे ने अपनी मां को खो दिया.
उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार अब उसी रास्ते पर चल रही है. मालडंगा में वह रास्ता कहां है? अगर पथश्री सच में काम करती तो एक मां को अपने बच्चे को समय से पहले नहीं छोड़ना पड़ता. इस गांव के लोगों को अस्पताल ले जाना मध्ययुगीन व्यवस्था की याद दिलाता है. केंद्र से राज्यों को पैसा भेजा जाता है. वह पैसा कोयला-गायों के पीछे ही चला जाता है. मामले पर बामनगोला बीडीओ राजू कुंडू ने कहा कि मुझे उस इलाके की पांच किलोमीटर खराब सड़कों के बारे में पता है. इससे पहले भी ग्रामीणों ने उस सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. हमने सड़क के लिए योजना भेज दी है. परियोजना मंजूर होने के बाद ही काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने परियोजना को जल्द ही मंजूरी मिल जाने की उम्मीद जताई.
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