कोलकाता: पश्चिम बंगाल में राशन की दुकानों से बैंकिंग के अलावा डाक सेवाएं शुरू की जाएंगी. इस बारे में राज्य के खाद्य मंत्री रथींद्रनाथ घोष (State Food Minister Rathindranath Ghosh) ने माना कि इससे राशन डीलरों के लिए अब थोड़ा आसानी होगी. उन्होंने इस बारे में बताया कि डीलरों की लगभग सभी मांगें पूरी कर दी गई हैं. अब से उन्हें बाजार में अपनी राशन की दुकानों से गैर-पीडी वस्तुओं को खरीदना और बेचना होगा. साथ ही पांच लीटर गैस सिलेंडर भी बेचे जा सकते हैं.
बता दें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने विगत दिनों ‘द्वारे राशन’ की घोषणा का ऐलान करते हुए कहा था कि अगले एक-दो माह के अंदर घर-घर जाकर राशन वितरण का कार्य शुरू होगा. वहीं 'घर-घर राशन' योजना के आवंटन को लेकर राशन डीलरों और राज्य सरकार के बीच तकरार जारी है. राज्य के खाद्य विभाग के इस फैसले से राशन डीलरों के गुस्से को आगामी संघर्ष में कम नहीं किया जा सका. हालांकि अब राशन डीलरों को दुकानों से गैर-पीडी वस्तुओं को बेचने की अनुमति देने का नवीनतम आह्वान उन्हें कुछ हद तक खुश कर सकता है. यानी चावल, गेहूं, आटा, चीनी के साथ-साथ किचन चलाने में इस्तेमाल होने वाली हर तरह की रोजमर्रा की जरूरत के सामान के साथ ही किराना सामान को भी राशन की दुकानों से बेचने की अनुमति दी जाएगी. इसी सिलसिले में बीते बुधवार को राज्य के खाद्य मंत्री रथींद्रनाथ घोष और प्रमुख विभागों के अधिकारियों ने डीलरों के संगठन के साथ बैठक की थी. सूत्रों के मुताबिक, उस बैठक में राशन डीलरों को गैर-पीडी आइटम बेचने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया था. इस बारे में जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी की जाएगी. इसको लेकर राशन डीलरों का एक वर्ग खुश है.
सूत्रों ने कहा कि डीलरों को पांच लीटर रसोई गैस सिलेंडर के साथ खाद्य सामग्री बेचने की अनुमति होगी. इसी तरह आम ग्राहकों को भी विभिन्न बैंकों के ग्राहक सेवा केंद्रों (CSPs) जैसी राशन की दुकानों पर बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी. इसके अलावा राशन डीलरों के अधीन तीन, चार या दो गांवों के ग्राहक राशन की दुकान से ही बैंकिंग का सारा काम कर सकते हैं. इस व्यवस्था से ग्राहकों के साथ-साथ राशन डीलरों को लाभ मिलेगा. इसमें साधारण ग्राहकों को उनके घरों के पास बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी जबकि राशन डीलरों को इससे कमीशन मिलेगा. वर्तमान में राशन को घर-घर योजना चलाने के लिए डीलरों को भारी कीमत का सामना करना पड़ रहा था. हालांकि दो दिन पहले, राज्य सरकार ने डीलरों को लागत के निचले सिरे पर अतिरिक्त धन आवंटित करने की घोषणा की थी.लेकिन राज्य का राशन डीलर्स एसोसिएशन का संयुक्त फोरम इससे भी संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि वे किसी भी हाल में घर-घर राशन योजना में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि वे सरकार द्वारा घोषित 5000 रुपये के भत्ते को वे नहीं लेंगे.
बताया जाता है कि राज्य के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल सेन के समय से राशन डीलरों को 650 ग्राम की हैंडलिंग लागत मिल रही थी. ऐसे में 200 ग्राम की हैंडलिंग लागत का भुगतान करने का निर्णय अवास्तविक है. इस पूरे मामले से राशन डीलरों का एक वर्ग नाराज है. ऐसे में राज्य सरकार राशन डीलरों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने के लिए तैयार हो गई है.
राज्य के खाद्य मंत्री रथींद्रनाथ घोष ने माना कि इससे राशन डीलरों के लिए अब थोड़ा आसानी होगी. उन्होंने इस बारे में ईटीवी भारत को बताया कि डीलरों की लगभग सभी मांगें पूरी कर दी गई हैं. अब से उन्हें बाजार में अपनी राशन की दुकानों से गैर-पीडी वस्तुओं को खरीदना और बेचना होगा. साथ ही पांच लीटर गैस सिलेंडर भी बेचे जा सकते हैं. इसके अलावा बैकिंग और डाक सेवाएं भी मिल सकती हैं. उन्होंने कहा कि डीलरों की लगभग सभी मांगें पूरी कर दी गई.
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