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West Bengal News: झाड़ग्राम में 6 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के मामले में दो आरोपियों को मौत की सजा

पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम में एक पांच साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या और फिर शव को दफनाने के मामले में पोक्सो कोर्ट ने दो आरोपियों को सजा-ए-मौत का फैसला सुनाया है. जानकारी के अनुसार यह निर्मम वारदात नवंबर 2021 की है.

Death sentence to two accused
दो आरोपियों को मौत की सजा
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Published : Jun 28, 2023, 10:47 PM IST

झाड़ग्राम: सामूहिक बलात्कार और फिर हत्या की शिकार लड़की के परिवार को पुलिस अधीक्षक की त्वरित जांच की बदौलत बिना देर किए न्याय मिल गया. झाड़ग्राम की एक विशेष POCSO अदालत ने बुधवार को पांच साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार, हत्या और लापता होने के मामले में दो युवकों को फांसी देने का फैसला सुनाया है. फांसी की सजा पाने वाले दोनों दोषियों के नाम फागुन मांडी उर्फ पूई और रवीन्द्र राउत उर्फ भाकू हैं.

ये दोनों नयाग्राम थाने के बाबूरामपतरा गांव के रहने वाले हैं. इस निर्मम वारदात में पुलिस ने दुष्कर्म, हत्या और शव चोरी समेत पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. बता दें कि 4 नवंबर 2021 को झाड़ग्राम में एक पांच साल की बच्ची लापता हो गई थी. बच्ची के पिता ने अगले दिन यानी 5 नवंबर को नयाग्राम पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर पुलिस ने पहले नाबालिग के पड़ोसी फागुन मांडी और बाद में रवीन्द्र राउत को गिरफ्तार किया था.

गायब होने के तीन दिन बाद यानी 7 नवंबर की दोपहर में मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पुलिस ने फागुन और रवीन्द्र की निशानदेही पर धान के खेत की सिंचाई नाली के बगल में जमीन खोदकर पांच वर्षीय बच्ची का शव बरामद किया. अगले दिन लड़की का पोस्टमार्टम मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में किया गया. जांच में सामने आया कि आरोपियों ने किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. बच्चे के शरीर पर चोट के 9 निशान थे.

मामले के जांच अधिकारी ने 30 दिसंबर, 2021 को मामले की चार्जशीट अदालत में दाखिल की. लेकिन तब मामले में कोई प्रगति नहीं हुई. फिर मई 2022 में अरिजीत सिन्हा को झाड़ग्राम जिले में पुलिस अधीक्षक को मामले की जिम्मेदारी मिली. उन्हें पता चला कि अभी मुकदमे की गवाही शुरू नहीं हुई है. फिर उनके हस्तक्षेप से 7 जून 2022 से मामले की सुनवाई शुरू हुई. पुलिस गवाहों को अदालत में लाने के लिए सुरक्षा और गवाह ब्रीफिंग भी प्रदान करती रही.

पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश चिन्मय चटर्जी ने घटना में तीन डॉक्टरों समेत 30 लोगों की गवाही सुनने के बाद मंगलवार को दोनों युवकों को दोषी ठहराया. बुधवार को मामले का फैसला सुनने के लिए पुलिस अधीक्षक अरिजीत सिन्हा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन उत्तम घोष अदालत आये थे. झारग्राम की POCSO अदालत के न्यायाधीश चिन्मय चटर्जी द्वारा दोनों आरोपियों को मौत की सजा का फैसला सुनाया.

इस फैसले के बाद सरकारी वकील शुभाशीष द्विवेदी ने कहा कि पॉक्सो कोर्ट के जज ने बच्ची के अपहरण और दुष्कर्म के दो आरोपियों को फांसी की सजा का आदेश दिया है. 18 फरवरी 2022 को कोर्ट में आरोप तय किये गये. उसी वर्ष 6 जून को गवाही शुरू हुई. डॉक्टर, पुलिस, मजिस्ट्रेट समेत 30 लोगों की गवाही हुई. न्यायाधीश ने मंगलवार को दोनों युवकों को दोषी करार दिया.

झाड़ग्राम: सामूहिक बलात्कार और फिर हत्या की शिकार लड़की के परिवार को पुलिस अधीक्षक की त्वरित जांच की बदौलत बिना देर किए न्याय मिल गया. झाड़ग्राम की एक विशेष POCSO अदालत ने बुधवार को पांच साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार, हत्या और लापता होने के मामले में दो युवकों को फांसी देने का फैसला सुनाया है. फांसी की सजा पाने वाले दोनों दोषियों के नाम फागुन मांडी उर्फ पूई और रवीन्द्र राउत उर्फ भाकू हैं.

ये दोनों नयाग्राम थाने के बाबूरामपतरा गांव के रहने वाले हैं. इस निर्मम वारदात में पुलिस ने दुष्कर्म, हत्या और शव चोरी समेत पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. बता दें कि 4 नवंबर 2021 को झाड़ग्राम में एक पांच साल की बच्ची लापता हो गई थी. बच्ची के पिता ने अगले दिन यानी 5 नवंबर को नयाग्राम पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर पुलिस ने पहले नाबालिग के पड़ोसी फागुन मांडी और बाद में रवीन्द्र राउत को गिरफ्तार किया था.

गायब होने के तीन दिन बाद यानी 7 नवंबर की दोपहर में मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पुलिस ने फागुन और रवीन्द्र की निशानदेही पर धान के खेत की सिंचाई नाली के बगल में जमीन खोदकर पांच वर्षीय बच्ची का शव बरामद किया. अगले दिन लड़की का पोस्टमार्टम मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में किया गया. जांच में सामने आया कि आरोपियों ने किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. बच्चे के शरीर पर चोट के 9 निशान थे.

मामले के जांच अधिकारी ने 30 दिसंबर, 2021 को मामले की चार्जशीट अदालत में दाखिल की. लेकिन तब मामले में कोई प्रगति नहीं हुई. फिर मई 2022 में अरिजीत सिन्हा को झाड़ग्राम जिले में पुलिस अधीक्षक को मामले की जिम्मेदारी मिली. उन्हें पता चला कि अभी मुकदमे की गवाही शुरू नहीं हुई है. फिर उनके हस्तक्षेप से 7 जून 2022 से मामले की सुनवाई शुरू हुई. पुलिस गवाहों को अदालत में लाने के लिए सुरक्षा और गवाह ब्रीफिंग भी प्रदान करती रही.

पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश चिन्मय चटर्जी ने घटना में तीन डॉक्टरों समेत 30 लोगों की गवाही सुनने के बाद मंगलवार को दोनों युवकों को दोषी ठहराया. बुधवार को मामले का फैसला सुनने के लिए पुलिस अधीक्षक अरिजीत सिन्हा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन उत्तम घोष अदालत आये थे. झारग्राम की POCSO अदालत के न्यायाधीश चिन्मय चटर्जी द्वारा दोनों आरोपियों को मौत की सजा का फैसला सुनाया.

इस फैसले के बाद सरकारी वकील शुभाशीष द्विवेदी ने कहा कि पॉक्सो कोर्ट के जज ने बच्ची के अपहरण और दुष्कर्म के दो आरोपियों को फांसी की सजा का आदेश दिया है. 18 फरवरी 2022 को कोर्ट में आरोप तय किये गये. उसी वर्ष 6 जून को गवाही शुरू हुई. डॉक्टर, पुलिस, मजिस्ट्रेट समेत 30 लोगों की गवाही हुई. न्यायाधीश ने मंगलवार को दोनों युवकों को दोषी करार दिया.

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