नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज गई है. 27 मार्च को पहले चरण का मतदान होगा. राज्य में चुनाव जीतने के लिए सभी पार्टियां जनता के बीच अपनी छाप छोड़ने का एक भी मौका जाने नहीं दे रहीं. ऐसा ही कुछ राज्य की सत्ता में काबिज होने की इच्छा रखने वाली भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस भी कर रही हैं.
टीएमसी विधायक और उम्मीदवार ज्योत्सना मंडी की संपत्ति को लेकर हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि ज्योत्सना मंडी की संपत्ति में करीब 2000 फीसदी का इजाफा हुआ है.
टीएमसी विधायक मंडी द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के अनुसार, ज्योत्सना की कुल संपत्ति में करीब 2000 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. बता दें कि वह बांकुड़ा जिले में रानीबांध (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र से पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं. इसके साथ ही, कुछ अन्य प्रत्याशियों की संपत्ति में भी करीब 200 फीसदी अधिक की वृद्धि हुई है.
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में बीजेपी में शामिल पूर्व कांग्रेस नेता सुदीप कुमार मुखर्जी की संपत्ति लगभग 300 फीसदी बढ़ी है. पांच साल पहले, उनकी कुल संपत्ति 11,57,945 रुपये थी. हालांकि, 2021 में यह बढ़कर 45,02,782 रुपये हो गई है.
25 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले
पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 191 उम्मीदवारों में से 48 प्रत्याशियों (25 प्रतिशत से कुछ अधिक) ने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) नामक संस्था की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई.
रिपोर्ट के अनुसार, 96 (50 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा पांच से 12वीं के बीच बताई है और 92 (48 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने खुद को स्नातक बताया है.
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार तीन उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं.
'वेस्ट बंगाल इलेक्शन वाच' नामक संस्था और एडीआर ने पहले चरण का चुनाव लड़ रहे सभी 191 प्रत्याशियों के हलफनामे का विश्लेषण किया है.
लगभग 48 (25 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले होने की घोषणा की है, जबकि 42 (22 प्रतिशत) प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है.
10 प्रतिशत करोड़पति
रिपोर्ट में कहा गया कि 191 उम्मीदवारों में से 19 (10) प्रतिशत करोड़पति हैं.
बड़ी पार्टियों में से माकपा के 18 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 10 (56 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है.
इसी प्रकार भाजपा के 29 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 12 (41 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.
इसके अलावा जिन प्रत्याशियों का विश्लेषण किया गया उनमें से तृणमूल कांग्रेस के 29 में से 10 (35 प्रतिशत), कांग्रेस के 06 में से 02 (33 प्रतिशत), एसयूआईसी (सी) के 28 में से 3 (11 प्रतिशत) और बसपा के 11 में से एक (नौ प्रतिशत) उम्मीदवार ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कबूल की है.
इसी तरह जिन प्रत्याशियों का विश्लेषण किया गया उनमें से माकपा के 18 में से 09 (50 प्रतिशत), भाजपा के 29 में से 11 (38 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 29 में से 08 (28 प्रतिशत), कांग्रेस के 06 में से 01 (17 प्रतिशत), बसपा के 11 में 01 (9 प्रतिशत) तथा एसयूआईसी (सी) के 28 में से 02 (सात प्रतिशत) उम्मीदवारों ने हलफनामों में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होना स्वीकार किया है.
उम्मीदवारों के वित्तीय स्थिति पर रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी पार्टियों में से जिन उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया उनमें से तृणमूल के 31 प्रतिशत, भाजपा के 14 प्रतिशत, माकपा के 11 प्रतिशत, कांग्रेस के 33 प्रतिशत और बसपा तथा एसयूआईसी (सी) के एक-एक उम्मीदवार ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति होने को घोषणा की है.
रिपोर्ट में कहा गया कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में खड़े प्रत्येक उम्मीदवार के पास औसतन 43.77 लाख रुपये की संपत्ति है.