कोलकाता : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने राज्य में सरकारी नौकरियों में भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के संबंध में पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव मनीष जैन को पेश होने के लिए तलब किया है. जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जैन को शहर में एजेंसी के कार्यालय में गुरुवार को सुबह निजाम पैलेस स्थित कोलकाता कार्यालय में सीबीआई अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.
सूत्रों के मुताबिक उन्हें पूछताछ के लिए अपने साथ कई दस्तावेज लाने का निर्देश दिया गया है. इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया और उनका बयान दर्ज किया. साथ ही ईडी द्वारा शिक्षा भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट में तत्कालीन शिक्षा सचिव का नाम जोड़ा गया था.
बता दें कि राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी से पूछताछ के दौरान जैन का नाम सामने आया था. चटर्जी को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. जैन को दूसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया गया है. जैन पिछले साल इस मामले में सीबीआई के समक्ष पेश हुए थे, तब उनसे पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई थी. सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, 'भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में जैन को कल पूछताछ के लिए हमारे कार्यालय आने को कहा गया है. हमारे अधिकारी कुछ सवालों के साथ तैयार हैं.'
उन्होंने बताया कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि जैन को भर्ती प्रक्रिया में कुछ अनियमितताओं की जानकारी थी. अधिकारी ने कहा, 'जैन से उनकी संलिप्तता के बारे में पूछताछ की जाएगी. इसके अलावा ऐसी कई फाइल हैं जिन पर उनके हस्ताक्षर हैं. इससे साबित होता है कि उन्हें भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के बारे में जानकारी थी.'
सूत्रों के अनुसार सीबीआई तत्कालीन शिक्षा मंत्री और तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी के अलावा शिक्षा विभाग के एक अन्य अधिकारी सुकांत आचार्य के द्वारा भर्ती प्रक्रिया में प्रभाव डालने के बारे में भी जानकारी जुटाएगी. गौरतलब है कि मामले में ईडी के द्वारा दायर 104 पन्नों के पूरक आरोप पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, मनीष जैन के अलावा पार्थ चटर्जी के निजी सहायक सुकांत आचार्य और परिषद कार्यालय के ओएसडी प्रबीर बनर्जी भी इसमें शामिल थे.