कोलकाता : पश्चिम बंगाल गंभीर कानून-व्यवस्था की स्थिति से जूझ रहा है. सत्ता और सोसायटी के बाद अब कोर्ट में वकीलों के बीच झगड़े हो रहे हैं. हालात इतने खराब हैं कि बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में जस्टिस अभिजीत गांगुली की एंट्री को लेकर तृणमूल, बीजेपी और लेफ्ट समर्थक वकील भी आपस में भिड़ गए. कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कानून-व्यवस्था के बारे में बात करने की इच्छा जताई.
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Guv emphasized “You would agree that in a system governed by constitution and rule of law, denial of access to justice and obstruction in the functioning of the Courts sounds death knell of democracy.”
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) April 13, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) April 13, 2022
कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कुछ दिन पहले राज्य सरकार के सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मियों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं को लेकर कम से कम चार मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इससे तृणमूल समर्थक वकील नाराज बताए जा रहे हैं जबकि बीजेपी समर्थक इन आदेशों के समर्थन में हैं. इस विषय को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट बार असोसिएशन में चर्चा होनी थी, मगर बैठक हंगामे के कारण मंगलवार को रद्द हो गई. इसके बाद बुधवार को कई वकील बुधवार सुबह जस्टिस गंगोपाध्याय की अदालत के सामने प्रदर्शन करते देखे गए. पीटीआई के मुताबिक, प्रदर्शन के कारण मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव को मामलों की सुनवाई के बीच अपनी अदालत से बाहर आना पड़ा. उन्होंने वरिष्ठ वकीलों, उच्च न्यायालय के तीनों बार के प्रतिनिधियों, महाधिवक्ता और दो सहायक सॉलिसीटर जनरलों से बुधवार को प्रदर्शन के विषय पर बातचीत की.
इसके बाद राज्यपाल ने इस मसले पर चिंता जाहिर की. पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखकर राज्य के कानून-व्यवस्था पर चर्चा करने का आग्रह किया है. उन्होंने लिखा है कि कलकत्ता हाई कोर्ट की स्थिति के साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की ओर इशारा करती हैं. आप इस बात से सहमत होंगी कि संविधान और कानून संचालित व्यवस्था में यदि कानून अवरुद्ध है, तो यह लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील होगा. मैं आज आपसे इसके बारे में बात करना चाहता हूं.
इस बीच राज्यपाल ने बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव हरेकृष्ण द्विवेदी और पुलिस के डीजी मनोज मालवीय को राजभवन तलब किया. उन्होने राज्य के दोनों प्रशासनिक अफसरों से हांसखाली में 14 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और रामनवमी के जुलूस पर हमले की घटना के बारे में जानकारी मांगी.
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