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कर्ज के जाल में फंसी पश्चिम बंगाल सरकार लेगी 3000 करोड़ रुपये उधार

पश्चिम बंगाल सरकार का खजाना लगातार खाली हो रहा है. गैर योजनागत खर्च में बढ़ोतरी और राजस्व सृजन नहीं होने कारण टीएमसी के शासन के दौरान राज्य पर कर्ज भी बढ़ रहा है. पुराने कर्जों को चुकाने के लिए राज्य सरकार नया कर्ज ले रही है. इसी क्रम में पश्चिम बंगाल सरकार ओपन मार्केट से 3000 करोड़ रुपये का उधार लेने वाली है.

financial crisis in west bengal
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Published : Feb 25, 2022, 5:06 PM IST

Updated : Feb 25, 2022, 7:53 PM IST

कोलकाता : 28 फरवरी, 2022 को कर्ज में डूबी पश्चिम बंगाल सरकार ओपन मार्केट से 3000 करोड़ की उधारी लेने जा रही है. माना जा रहा है कि इस नए कर्ज से सरकार के खजाने पर भारी बोझ बढ़ेगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक अधिसूचना के अनुसार, कुल भारत के 13 राज्य 28 फरवरी को ओपन मार्केट से कुल 22203 करोड़ रुपये उधार लेने जा रहे हैं. उधार लेने वाले राज्यों की फेहरिस्त में पश्चिम बंगाल टॉप पर है. वह 3000 करोड़ रुपये का उधार ले रही है.

इससे पहले, राज्य सरकार ने पिछले दो कैलेंडर महीनों के दौरान पांच चरणों में कुल 13,000 करोड़ रुपये का उधार लिया था. राज्य सरकार ने जनवरी में तीन चरणों में और उससे पहले दिसंबर में दो चरणों में में उधार लिया था. इस तरह राज्य सरकार ने 15 दिसंबर से 28 फरवरी के बीच 72 दिनों की अवधि के दौरान 16,000 करोड़ रुपये का उधार ले लिया है.

गौरतलब है कि मई 2011 में जब पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई थी, तब उसे 34 साल लंबे वाम मोर्चा शासन के विरासत में 1.94 करोड़ का कर्ज मिला था. अब कर्ज की राशि वित्त वर्ष 2021-22 के अंत 5.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सरकार की उधार लेने की प्रवृत्ति तीन कारणों की ओर इशारा करती है. पहला यह कि पिछले दस दस वर्षों के दौरान राज्य सरकार का गैर-योजनागत खर्च इतनी खतरनाक स्थिति में बढ़ गया है, राज्य सरकार उन खर्चों को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज लेने को मजबूर हो गई है. दूसरे, राज्य सरकार के पास राज्य के स्वयं के राजस्व सृजन का एक स्थिर और वैकल्पिक स्रोत नहीं है, इसलिए उसे बाजार के उधार पर निर्भर रहना पड़ रहा है.

अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि राज्य सरकार कर्ज के जाल में फंसने की कगार पर है, क्योंकि वह पहले के कर्जों को चुकाने के लिए नए कर्ज का सहारा ले रही है.
अर्थशास्त्रियों का यह भी मानना है कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल में कर्ज और सकल राज्य घरेलू उत्पाद अनुपात (जीएसडीपी) अनुपात 30 प्रतिशत तक पहुंच गया है और 50 प्रतिशत तक पहुंचने पर चीजें नियंत्रण से बाहर हो जाएंगी.

पढ़ें : रूस और यूक्रेन में वॉर के बावजूद सेंसेक्स बाजार में आई तेजी

कोलकाता : 28 फरवरी, 2022 को कर्ज में डूबी पश्चिम बंगाल सरकार ओपन मार्केट से 3000 करोड़ की उधारी लेने जा रही है. माना जा रहा है कि इस नए कर्ज से सरकार के खजाने पर भारी बोझ बढ़ेगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक अधिसूचना के अनुसार, कुल भारत के 13 राज्य 28 फरवरी को ओपन मार्केट से कुल 22203 करोड़ रुपये उधार लेने जा रहे हैं. उधार लेने वाले राज्यों की फेहरिस्त में पश्चिम बंगाल टॉप पर है. वह 3000 करोड़ रुपये का उधार ले रही है.

इससे पहले, राज्य सरकार ने पिछले दो कैलेंडर महीनों के दौरान पांच चरणों में कुल 13,000 करोड़ रुपये का उधार लिया था. राज्य सरकार ने जनवरी में तीन चरणों में और उससे पहले दिसंबर में दो चरणों में में उधार लिया था. इस तरह राज्य सरकार ने 15 दिसंबर से 28 फरवरी के बीच 72 दिनों की अवधि के दौरान 16,000 करोड़ रुपये का उधार ले लिया है.

गौरतलब है कि मई 2011 में जब पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई थी, तब उसे 34 साल लंबे वाम मोर्चा शासन के विरासत में 1.94 करोड़ का कर्ज मिला था. अब कर्ज की राशि वित्त वर्ष 2021-22 के अंत 5.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सरकार की उधार लेने की प्रवृत्ति तीन कारणों की ओर इशारा करती है. पहला यह कि पिछले दस दस वर्षों के दौरान राज्य सरकार का गैर-योजनागत खर्च इतनी खतरनाक स्थिति में बढ़ गया है, राज्य सरकार उन खर्चों को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज लेने को मजबूर हो गई है. दूसरे, राज्य सरकार के पास राज्य के स्वयं के राजस्व सृजन का एक स्थिर और वैकल्पिक स्रोत नहीं है, इसलिए उसे बाजार के उधार पर निर्भर रहना पड़ रहा है.

अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि राज्य सरकार कर्ज के जाल में फंसने की कगार पर है, क्योंकि वह पहले के कर्जों को चुकाने के लिए नए कर्ज का सहारा ले रही है.
अर्थशास्त्रियों का यह भी मानना है कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल में कर्ज और सकल राज्य घरेलू उत्पाद अनुपात (जीएसडीपी) अनुपात 30 प्रतिशत तक पहुंच गया है और 50 प्रतिशत तक पहुंचने पर चीजें नियंत्रण से बाहर हो जाएंगी.

पढ़ें : रूस और यूक्रेन में वॉर के बावजूद सेंसेक्स बाजार में आई तेजी

Last Updated : Feb 25, 2022, 7:53 PM IST
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