ETV Bharat / bharat

पश्चिम बंगाल में कारनामा, मरीज की मौत के एक साल बाद भी करते रहे डायलिसिस, भेजते रहे बिल

जलपाईगुड़ी ( पश्चिम बंगाल ) के एक हॉस्पिटल में धांधली का अजब मामला सामने आया है. यहां के डॉक्टर एक ऐसे शख्स का एक साल तक डायलिसिस कराते रहे, जिसकी मौत एक साल पहले हो चुकी थी.

Fake dialysis bills
Fake dialysis bills
author img

By

Published : May 28, 2022, 10:15 PM IST

जलपाईगुड़ी ( पश्चिम बंगाल ) : जलपाईगुड़ी जिले के सरकारी जलपाईगुड़ी सदर अस्पताल में एक मरीज की मौत के एक साल बाद तक उसका इलाज चलता रहा. डॉक्टर मरे मरीज का डायलिसिस अस्पताल के बाहर एक सेंटर में कराते रहे. इसके एवज में डायलिसिस सेंटर संचालक सरकार को फर्जी बिल भेजकर पैसा वसूलता रहा. और तो और स्वास्थ्य विभाग उस फर्जी बिल पर बिना पड़ताल किए पेमेंट करता रहा.

सुभाष उन्नयन पल्ली क्षेत्र में रहने वाले पुलिस अधिकारी बहादुर विश्वकर्मा का इलाज जिले के सरकारी जलपाईगुड़ी सदर अस्पताल में चल रहा था. इस अस्पताल में डायलिसिस वाले मरीजों को बैरकपुर मेडिकेयर एंड रिकवरी सेंटर लिमिटेड में भेजा जाता है. इस डायलिसिस सेंटर को एक एनजीओ चलाता है. बहादुर विश्वकर्मा का डायलिसिस भी इसी सेंटर में होता रहा. प्रभात विश्वकर्मा ने बताया कि 23 जून, 2021 को उनके पिता बहादुर विश्वकर्मा का निधन हो गया.

मगर उनकी मौत के बाद भी डायलिसिस यूनिट चलाने वाले एनजीओ ने स्वास्थ्य विभाग को बहादुर विश्वकर्मा के इलाज के नाम पर बिल भेजता रहा. करीब एक साल बाद प्रभात को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इस पर आपत्ति दर्ज कराई. घटना की जानकारी मिलते ही जिला स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया. अस्पताल अधीक्षक चंदन घोष एक मरीज बनकर डायलिसिस यूनिट में गए और वहां छापेमारी की. इस दौरान वहां से कई दस्तावेज जब्त किए गए. डिप्टी सीएमओएच ज्योतिष चंद्र दास ने कहा कि जैसे ही मामला हमारे संज्ञान में आया, डायलिसिस यूनिट पर छापा मारा गया. नर्सिंग अधीक्षक और अस्पताल अधीक्षक को जांच के लिए डायलिसिस यूनिट में भेजा गया. कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं.

हालांकि, अस्पताल के डायलिसिस यूनिट के प्रभारी सौरभ दलुति ने कहा कि वह अभी छुट्टी पर अपने गांव गए हैं अस्पताल के अधिकारियों ने फोन कर जो जानकारी मांगी थी, वह सारी जानकारी मुहैया करा चुके हैं. उन्होंने इससे हैरानी जताई कि उनकी गैरहाजिरी में उनके नाम पर सिग्नेचर किसने किए. उन्होंने अपने खिलाफ साजिश की आशंका जताई है.

पढ़ें : मुंबई में ओला ड्राइवर ने लड़की को सुनाए अश्लील चुटकुले, शिकायत के बाद गिरफ्तार

जलपाईगुड़ी ( पश्चिम बंगाल ) : जलपाईगुड़ी जिले के सरकारी जलपाईगुड़ी सदर अस्पताल में एक मरीज की मौत के एक साल बाद तक उसका इलाज चलता रहा. डॉक्टर मरे मरीज का डायलिसिस अस्पताल के बाहर एक सेंटर में कराते रहे. इसके एवज में डायलिसिस सेंटर संचालक सरकार को फर्जी बिल भेजकर पैसा वसूलता रहा. और तो और स्वास्थ्य विभाग उस फर्जी बिल पर बिना पड़ताल किए पेमेंट करता रहा.

सुभाष उन्नयन पल्ली क्षेत्र में रहने वाले पुलिस अधिकारी बहादुर विश्वकर्मा का इलाज जिले के सरकारी जलपाईगुड़ी सदर अस्पताल में चल रहा था. इस अस्पताल में डायलिसिस वाले मरीजों को बैरकपुर मेडिकेयर एंड रिकवरी सेंटर लिमिटेड में भेजा जाता है. इस डायलिसिस सेंटर को एक एनजीओ चलाता है. बहादुर विश्वकर्मा का डायलिसिस भी इसी सेंटर में होता रहा. प्रभात विश्वकर्मा ने बताया कि 23 जून, 2021 को उनके पिता बहादुर विश्वकर्मा का निधन हो गया.

मगर उनकी मौत के बाद भी डायलिसिस यूनिट चलाने वाले एनजीओ ने स्वास्थ्य विभाग को बहादुर विश्वकर्मा के इलाज के नाम पर बिल भेजता रहा. करीब एक साल बाद प्रभात को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इस पर आपत्ति दर्ज कराई. घटना की जानकारी मिलते ही जिला स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया. अस्पताल अधीक्षक चंदन घोष एक मरीज बनकर डायलिसिस यूनिट में गए और वहां छापेमारी की. इस दौरान वहां से कई दस्तावेज जब्त किए गए. डिप्टी सीएमओएच ज्योतिष चंद्र दास ने कहा कि जैसे ही मामला हमारे संज्ञान में आया, डायलिसिस यूनिट पर छापा मारा गया. नर्सिंग अधीक्षक और अस्पताल अधीक्षक को जांच के लिए डायलिसिस यूनिट में भेजा गया. कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं.

हालांकि, अस्पताल के डायलिसिस यूनिट के प्रभारी सौरभ दलुति ने कहा कि वह अभी छुट्टी पर अपने गांव गए हैं अस्पताल के अधिकारियों ने फोन कर जो जानकारी मांगी थी, वह सारी जानकारी मुहैया करा चुके हैं. उन्होंने इससे हैरानी जताई कि उनकी गैरहाजिरी में उनके नाम पर सिग्नेचर किसने किए. उन्होंने अपने खिलाफ साजिश की आशंका जताई है.

पढ़ें : मुंबई में ओला ड्राइवर ने लड़की को सुनाए अश्लील चुटकुले, शिकायत के बाद गिरफ्तार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.