कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जल्द दिल्ली की यात्रा पर जा सकती हैं. टीएमसी प्रमुख ममता ने गुरुवार को कोलकाता में प्रेस वार्ता के दौरान कहा, मैं चुनाव के बाद हर बार मित्रों से मिलने दिल्ली जाती हूं, अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगूंगी.
बताया जा रहा है कि ममता 25 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी रवाना होंगी. टीएमसी के सूत्रों ने कहा कि ममता का दिल्ली दौरा 21 जुलाई को कोलकाता में शहीद दिवस रैली के बाद किसी भी दिन हो सकता है. सूत्रों ने कहा, '21 जुलाई की शहीद दिवस रैली के बाद ममता के नई दिल्ली जाने की संभावना है. वह अपने भाषण के दौरान अपनी यात्रा की जानकारी दे सकती हैं. तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन यह रैली के बाद ही होगी.'
ममता के राष्ट्रीय राजधानी में कुछ दिन रहने की संभावना है और जाहिरा तौर पर उन्होंने अपनी यात्रा के लिए ऐसा समय चुना है, जब संसद का मानसून सत्र चल रहा होगा और विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता वहीं होंगे. सूत्रों ने कहा कि ममता कुछ अन्य राज्यों की भी यात्रा कर सकती हैं.
वहीं, ममता ने प्रेस वार्ता में कहा कि उनकी यात्रा में कुछ भी असामान्य बात नहीं है. उन्होंने कहा, चुनावों के बाद हर बार मैं पुराने और नए मित्रों से मिलने के लिए दिल्ली जाती हूं. इसलिए, इस बार भी, मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली जाऊंगी, वहां अभी कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है.'
बंगाल को बदनाम करने की साजिश
साथ ही ममता ने बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हुई कथित हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की रिपोर्ट लीक करने को लेकर भाजपा पर निशान साधा. ममता ने कहा कि एनएचआरसी को न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए, उसे चुनाव बाद हिंसा से संबंधित रिपोर्ट लीक नहीं करनी चाहिए थी, जो केवल उच्च न्यायालय में जमा करने के लिए थी.
टीएमसी प्रमुख ममता ने सवाल किया कि क्या यह राजनीतिक प्रतिशोध नहीं है, वे रिपोर्ट कैसे लीक कर सकते हैं? वे बंगाल के लोगों को बदनाम कर रहे हैं.
बंगाल को नहीं मिल रहे पर्याप्त टीके
बंगाल में कोविड वैक्सीन की कमी पर सीएम ममता ने कहा कि हमें वैक्सीन की 14 करोड़ खुराक की जरूरत है, लेकिन हमें पर्याप्त रूप से टीके नहीं मिल रहे हैं. हमें केवल 2.12 करोड़ टीके मिले हैं. हमने खुद 18 लाख टीके खरीदे हैं. कुछ राज्यों को अधिक टीके मिल रहे हैं, कुछ को बिल्कुल नहीं मिल रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर ममता ने कहा, पीएम मोदी अच्छी तरह जानते हैं कि यूपी में कानून का राज नहीं है. हाथरस से लेकर उन्नाव तक कई घटनाएं हो चुकी हैं. पत्रकारों को भी नहीं बख्शा. वे बंगाल की छवि खराब कर रहे हैं.
ममता की दिल्ली यात्रा क्यों है अहम
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी नई दिल्ली की यात्रा पर विभिन्न गैर-भाजपा दलों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगी. इसलिए 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा विरोधी मोर्चा बनाए जाने की अटकलों के बीच ममता की यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
पिछले महीने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के नई दिल्ली आवास पर विभिन्न दलों के नेताओं और प्रमुख लोगों की बैठक होने के बाद भाजपा विरोधी मोर्चे की अटकलों को फिर से बल मिला है. चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पवार और गांधी परिवार के साथ कई बैठकें होने के बाद भाजपा विरोधी गठबंधन की अटकलें फिर से तेज हो गईं. किशोर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी.
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तृणमूल के एक नेता ने कहा कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को पराजित करने के बाद ममता दीदी का कद और बढ़ गया है. वह अब 2024 के आम चुनावों से पहले राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी और गैर-भाजपा दलों से संपर्क करना चाहती हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली यात्रा के दौरान ममता के सोनिया गांधी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शरद पवार से मुलाकात करने की संभावना है.