कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शहर के बीचों-बीच स्थित रेड रोड पर डॉ. बीआर आंबेडकर की प्रतिमा के सामने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ बुधवार को रातभर धरने पर बैठी रहीं. मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल के प्रति केंद्र के कथित भेदभावपूर्ण रवैये के विरोध में कोलकाता में बुधवार से दो दिवसीय धरने पर बैठी हैं. उन्होंने बुधवार को अपने रुख में बदलाव करते हुए सभी राजनीतिक दलों से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ने का आग्रह किया था.
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#WATCH | West Bengal CM Mamata Banerjee sings a Bengali song on the second day of her Dharna in Kolkata, against the Central government for not clearing funds for several schemes including 100 days work. pic.twitter.com/r6CRXCuqty
— ANI (@ANI) March 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) March 30, 2023#WATCH | West Bengal CM Mamata Banerjee sings a Bengali song on the second day of her Dharna in Kolkata, against the Central government for not clearing funds for several schemes including 100 days work. pic.twitter.com/r6CRXCuqty
— ANI (@ANI) March 30, 2023
इससे पहले, ममता ने कांग्रेस एवं भाजपा दोनों से समान दूरी बनाए रखने का फैसला किया था, लेकिन बुधवार का उनका बयान उनके पुराने रुख से अलग है. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के साथ फरहाद हकीम और अरूप बिस्वास सहित पार्टी के कई नेता धरने में शामिल हुए. कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाई-प्रोफाइल नेताओं की मौजूदगी और उन्हें खतरा हो सकने की आशंका को ध्यान में रखते हुए धरना स्थल और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी.
मुख्यमंत्री ने राज्य को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और आवासीय एवं सड़क विभाग की योजनाओं के तहत केंद्र द्वारा कथित रूप से निधि जारी नहीं किए जाने के खिलाफ धरना शुरू किया. यह धरना बृहस्पतिवार शाम तक जारी रहेगा. शहर में पंचायत चुनाव से पहले राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से मंगलवार को इनकार करते हुए कहा था कि 2023 के स्थानीय निकाय चुनावों में सीट आरक्षण मानदंड को लेकर याचिकाकर्ता शुभेंदु अधिकारी की दलील में दम है. अदालत के इस फैसले के साथ पंचायत चुनाव को हरी झंडी मिल गई. .
ममता के धरने के अलावा उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी एवं भाजपा के शुभेंदु अधिकारी की रैलियों और वाम-कांग्रेस गठबंधन के मार्च के कारण राज्य में राजनीतिक पारा चढ़ गया है.
पीटीआई-भाषा