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पश्चिम बंगाल की 16वीं विधानसभा का आखिरी सत्र समाप्त, विपक्ष ने फोटो सत्र का बहिष्कार किया - फोटो सत्र का बहिष्कार

16वीं पश्चिम बंगाल विधानसभा का अंतिम सत्र लेखा अनुदान और कुछ अन्य विधेयक पारित किये जाने के बाद सोमवार को समाप्त हो गया.

विधानसभा
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Published : Feb 9, 2021, 7:28 AM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में वर्तमान विधानसभा का अंतिम सत्र लेखा अनुदान और कुछ अन्य विधेयक पारित किये जाने के बाद सोमवार को समाप्त हो गया. विपक्षी विधायकों ने अंतिम दिन सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया लेकिन पारंपरिक फोटो सत्र से दूर रहे.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गत 5 फरवरी को पेश लेखानुदान को दिन के दौरान सदन द्वारा मंजूरी दे दी गई.

सदन ने विकास गतिविधियों के लिए सरकार द्वारा अतिरिक्त खर्च के लिए अनुपूरक विधेयक को भी मंजूरी दे दी, जिसमें अम्फान चक्रवात और कोविड-19 महामारी के कारण होने वाले खर्च शामिल हैं.

तेलुगु भाषा को राज्य की आधिकारिक भाषाओं की सूची में शामिल करने के लिए पश्चिम बंगाल राजभाषा (संशोधन) विधेयक भी पारित किया गया.

संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि तेलुगु को पश्चिम बंगाल की 12 आधिकारिक भाषाओं की सूची में शामिल किया गया है क्योंकि राज्य के हिस्सों, विशेष रूप से खड़गपुर में तेलुगु भाषी लोगों की काफी संख्या है.

इससे पहले बीते 23 दिसंबर को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा तेलुगु को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी.

इससे अलावा, बंगाली और अंग्रेजी के अलावा, नेपाली, उर्दू, संथाली, हिंदी, ओडिया, पंजाबी, राजबंशी, कामतापुरी, कुरमाली और कुरुख को राज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में घोषित किया गया था. इसके साथ ही, तेलुगु समुदाय को भाषा-अल्पसंख्यक का दर्जा देने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है.

पढ़ें - टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की टिप्पणी पर लोकसभा में हंगामा

इतना ही नहीं, विधानसभा ने झाड़ग्राम विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक भी पारित किया जिससे विश्वविद्यालय का नाम संथाली लेखक साधु रामचंद मुरु के बाद नाम किया जा सके.

16वीं पश्चिम बंगाल विधानसभा का अंतिम सत्र धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ. राज्य में अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में वर्तमान विधानसभा का अंतिम सत्र लेखा अनुदान और कुछ अन्य विधेयक पारित किये जाने के बाद सोमवार को समाप्त हो गया. विपक्षी विधायकों ने अंतिम दिन सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया लेकिन पारंपरिक फोटो सत्र से दूर रहे.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गत 5 फरवरी को पेश लेखानुदान को दिन के दौरान सदन द्वारा मंजूरी दे दी गई.

सदन ने विकास गतिविधियों के लिए सरकार द्वारा अतिरिक्त खर्च के लिए अनुपूरक विधेयक को भी मंजूरी दे दी, जिसमें अम्फान चक्रवात और कोविड-19 महामारी के कारण होने वाले खर्च शामिल हैं.

तेलुगु भाषा को राज्य की आधिकारिक भाषाओं की सूची में शामिल करने के लिए पश्चिम बंगाल राजभाषा (संशोधन) विधेयक भी पारित किया गया.

संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि तेलुगु को पश्चिम बंगाल की 12 आधिकारिक भाषाओं की सूची में शामिल किया गया है क्योंकि राज्य के हिस्सों, विशेष रूप से खड़गपुर में तेलुगु भाषी लोगों की काफी संख्या है.

इससे पहले बीते 23 दिसंबर को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा तेलुगु को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी.

इससे अलावा, बंगाली और अंग्रेजी के अलावा, नेपाली, उर्दू, संथाली, हिंदी, ओडिया, पंजाबी, राजबंशी, कामतापुरी, कुरमाली और कुरुख को राज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में घोषित किया गया था. इसके साथ ही, तेलुगु समुदाय को भाषा-अल्पसंख्यक का दर्जा देने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है.

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इतना ही नहीं, विधानसभा ने झाड़ग्राम विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक भी पारित किया जिससे विश्वविद्यालय का नाम संथाली लेखक साधु रामचंद मुरु के बाद नाम किया जा सके.

16वीं पश्चिम बंगाल विधानसभा का अंतिम सत्र धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ. राज्य में अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है.

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