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कोरोना संकट के बीच खराब मौसम से असम चाय उद्योग को लगा झटका - Assam tea industry

कोरोना संकट के बीच, खराब मौसम के कारण असम के चाय उद्योग को बड़ा झटका लगा है. पहले के वर्षों की तुलना में इस साल मार्च से मई के बीच चाय का उत्पादन 60 मिलियन किलोग्राम कम हुआ है.

कोरोना संकट
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Published : May 20, 2021, 7:01 AM IST

गुवाहाटी : कोरोना संकट के बीच, असम के चाय उद्योग को बड़ा झटका लगा है, इसकी वजह चाय उगाने वाले क्षेत्रों में मौसम में अभूतपूर्व बदलाव है.

पिछले साल कोरोना लॉकडाउन के कारण चाय उद्योग को भारी नुकसान हुआ था, इस बार जलवायु परिवर्तन ने उद्योग को प्रभावित किया है, जो राज्य के प्रमुख राजस्व देने वालों में से एक है.

इस साल सीजन के प्रमुख उत्पादन बीत चुके हैं, लेकिन बारिश की कमी के कारण उत्पादन अच्छा नहीं है.

पिछले कुछ महीनों से बारिश की कमी के कारण चाय की झाड़ियों में गुणवत्ता वाली पत्तियां नहीं उग रही हैं. पत्तियों की कमी के कारण कई कारखाने अपने शटर बंद करने के लिए मजबूर हो रहे हैं, जिससे राजस्व पर असर पड़ेगा.

नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन (एनईटीए) द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन के अनुसार, पहले के वर्षों की तुलना में इस साल मार्च से मई के बीच चाय का उत्पादन 60 मिलियन किलोग्राम कम हुआ है.

एनईटीए के अध्यक्ष सुनील जालान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पिछले साल देशव्यापी तालाबंदी के कारण उद्योग को नुकसान हुआ था, वहीं इस बार मौसम खराब खेल खेल रहा है.

यह भी पढ़ें- असम के टी इस्टेट में 133 काेराेना केस, कंटेनमेंट जाेन घाेषित

उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत से उत्पादन में कमी ने उद्योग को राजस्व हानि और वित्तीय संकट की ओर धकेल दिया है. यहां जलवायु परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग का एक हिस्सा है. कम बारिश के कारण चाय उगाने वाले क्षेत्रों में तापमान अचानक वृद्धि तथा अन्य सभी कारकों ने उद्योग को प्रभावित किया है.

गुवाहाटी : कोरोना संकट के बीच, असम के चाय उद्योग को बड़ा झटका लगा है, इसकी वजह चाय उगाने वाले क्षेत्रों में मौसम में अभूतपूर्व बदलाव है.

पिछले साल कोरोना लॉकडाउन के कारण चाय उद्योग को भारी नुकसान हुआ था, इस बार जलवायु परिवर्तन ने उद्योग को प्रभावित किया है, जो राज्य के प्रमुख राजस्व देने वालों में से एक है.

इस साल सीजन के प्रमुख उत्पादन बीत चुके हैं, लेकिन बारिश की कमी के कारण उत्पादन अच्छा नहीं है.

पिछले कुछ महीनों से बारिश की कमी के कारण चाय की झाड़ियों में गुणवत्ता वाली पत्तियां नहीं उग रही हैं. पत्तियों की कमी के कारण कई कारखाने अपने शटर बंद करने के लिए मजबूर हो रहे हैं, जिससे राजस्व पर असर पड़ेगा.

नॉर्थ ईस्ट टी एसोसिएशन (एनईटीए) द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन के अनुसार, पहले के वर्षों की तुलना में इस साल मार्च से मई के बीच चाय का उत्पादन 60 मिलियन किलोग्राम कम हुआ है.

एनईटीए के अध्यक्ष सुनील जालान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पिछले साल देशव्यापी तालाबंदी के कारण उद्योग को नुकसान हुआ था, वहीं इस बार मौसम खराब खेल खेल रहा है.

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उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत से उत्पादन में कमी ने उद्योग को राजस्व हानि और वित्तीय संकट की ओर धकेल दिया है. यहां जलवायु परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग का एक हिस्सा है. कम बारिश के कारण चाय उगाने वाले क्षेत्रों में तापमान अचानक वृद्धि तथा अन्य सभी कारकों ने उद्योग को प्रभावित किया है.

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