ETV Bharat / bharat

हेलमेट बन सकता है हेयर फ्रैक्चर और हेयर ट्रोमा का कारण, बढ़े मरीज, जानिए कैसे रखें ख्याल - Know How Wear Helmet

दो पहिया वाहन चलाते वक्त हेलमेट बेहद जरूरी होता है. हेलमेट सिर का कवच होता है, इसलिए इसको लगाना बेहद जरूरी है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 9, 2023, 1:37 PM IST

देखें पूरी खबर

आगरा : दोपहिया वाहन चलाते समय पर हेलमेट जरूर लगाएं. यह हादसे में सिर का कवच है. मगर, ज्यादा समय तक हेलमेट लगाए रखना बालों की सेहत पर भारी पड़ रहा है. एसएन मेडिकल काॅलेज के चिकित्सकों का कहना है कि, 'दोपहिया पर हेलमेट बेहद जरूरी है. यह सुरक्षा कवच है. मगर, ज्यादा समय तक हेलमेट लगाने से बालों में फ्रैक्चर हो रहा है. इससे कुछ मामलों में हेयर ट्रोमा तक की नौबत बन रही है.' बता दें कि, एसएन मेडिकल काॅलेज में त्वचा और चर्म रोग विभाग की ओपीडी में रोज ऐसे पांच से छह मामले आ रहे हैं. मरीजों की शिकायत होती है कि, अचानक बालों की वृद्धि रुक गई है. बाल झड़ने लगे हैं. मरीजों की केस हिस्ट्री लेने पर सामने आया कि, वे हेलमेट का प्रयोग अधिक करते हैं.

ओपीडी में यह शिकायत लेकर आ रहे मरीज : एसएनएमसी के त्वचा एवं चर्म रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. यतेंद्र सिंह चाहर बताते हैं कि, 'हर दिन ओपीडी में ऐसे मरीज आते हैं जो कहते हैं कि, हेलमेट में बाल ही बाल हो जाते हैं. कंधे और शर्ट पर बाल गिरते हैं. नहाते समय बाल अधिक टूटते हैं. ऐसे मरीजों की काउंसलिंग में यह सामने आया कि, अधिकतर लोग दोपहिया पर हर दिन 40 किमी या इससे अधिक का सफर करते हैं. इस दौरान हेलमेट का उपयोग करते हैं. हेलमेट लगाना जरूरी भी है, जो हमारे सिर को सुरक्षित रखता है. मगर, हेलमेट की जिसकी वजह से लोगों में बाल झड़ने की दिक्कत हो रही है.'

हेलमेट बन सकता है हेयर फ्रैक्चर और हेयर ट्रोमा का कारण
हेलमेट बन सकता है हेयर फ्रैक्चर और हेयर ट्रोमा का कारण

'30 से 45 साल की उम्र वालों में अधिक दिक्कत' : एसएनएमसी के त्वचा एवं चर्म रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. यतेंद्र सिंह चाहर बताते हैं कि, 'ओपीडी में बाल झड़ने, टूटने या पतले होने की दिक्कतों वाले 80 प्रतिशत मरीजों की औसत उम्र 30 से 45 साल के बीच है. इसमें डिलीवरी ब्वाय, सेल्स मैन समेत अन्य लोग शामिल हैं. जो दिन में हेलमेट लगाते हैं. जिससे फ्रैक्चर की स्थिति में बाल बीच या जड़ों से टूट जाते हैं, जबकि ट्रोमा में चोट लगने से बाल तने से टूट जाते हैं. यह हेलमेट लगाने, हेलमेट आगे पीछे करने, बालों को खींचने, केमिकल वाला तेल या सीरम लगाने से ट्रोमा हो सकता है.'

'पसीना आने से पनप जाते हैं बैक्टीरिया' : एसएनएमसी के त्वचा एवं चर्म रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. यतेंद्र सिंह चाहर बताते हैं कि, ज्यादा देर तक हेलमेट लगाने से सिर के बाल पसीने से भीग जाते हैं. बाल गीले रहने से उनमें बैक्टीरिया पनपनते हैं. जब ऐसा लगातार होता है तो बाल पतले और उनकी जड़ें कमजोर हो जाती हैं. बार बार हेलमेट लगाने से बाल तने या जड़ों से टूट जाते हैं. जड़ों से टूटने पर बाल देरी से उगते हैं. क्योंकि, उन स्थानों पर बार-बार बैक्टीरिया का हमला होता है तो बाल जड़ों से पनप नहीं पाते हैं.'

इस वजह से भी टूटते हैं बाल : एसएनएमसी के त्वचा एवं चर्म रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. यतेंद्र सिंह चाहर बताते हैं कि, 'हार्मोनल बदलाव, न्यूट्रीशियन, बालों या सिर में किसी तरह का संक्रमण होने से भी बालों की प्राकृतिक बढ़ोतरी रुक जाती है. इसके साथ ही उमस और बारिश की वजह से ही बाल झडते हैं.'

ये रखें सावधानी
- हेलमेट से लगाने से पहले बालों को सूती कपडे़ से कवर करें.
- पसीना आने पर कुछ देर के लिए हेलमेट हटाकर बाल सुखाएं.
- हेलमेट स्कल्प कैप खरीद कर भी उपयोग कर सकते हैं.
- नियमित हेलमेट लगाने से पसीना आने पर हेलमेट रोज साफ करें.
- हेलमेट उपयोग के बाद हर दिन हवादार स्थान पर रखें.
- दोपहिया से लंबी यात्रा पर बीच-बीच में ब्रेक लेकर बाल पोंछकर सुखाएं.
- ज्यादा देर तक बालों के गीले रहने या पसीने से बैक्टीरिया पनपनते हैं.
- हेलमेट सिर्फ दोपहिया ड्राइव करते समय ही पहनें.

यूं करते हैं इलाज : एसएनएमसी के त्वचा एवं चर्म रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. यतेंद्र सिंह चाहर बताते हैं कि, 'ओपीडी में आने वाले ऐसे मरीज जो बाल की समस्या बताते हैं. उनके सिर के बालों की जड़ों के कमजोर होना का कारण और ग्रोथ फैक्टर खोजा जाता है. इसके आधार पर इलाज किया जाता है. इसमें अमूमन सीरम और तेल का प्रयोग होता है. हार्मोनल दिक्कतों में टैबलेट, कैप्सूल या अन्य दवाएं भी दी जाती हैं.'

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी में ASI का सर्वे शुरू, कानपुर IIT की टीम जीपीआर मशीन से करेगी जांच

देखें पूरी खबर

आगरा : दोपहिया वाहन चलाते समय पर हेलमेट जरूर लगाएं. यह हादसे में सिर का कवच है. मगर, ज्यादा समय तक हेलमेट लगाए रखना बालों की सेहत पर भारी पड़ रहा है. एसएन मेडिकल काॅलेज के चिकित्सकों का कहना है कि, 'दोपहिया पर हेलमेट बेहद जरूरी है. यह सुरक्षा कवच है. मगर, ज्यादा समय तक हेलमेट लगाने से बालों में फ्रैक्चर हो रहा है. इससे कुछ मामलों में हेयर ट्रोमा तक की नौबत बन रही है.' बता दें कि, एसएन मेडिकल काॅलेज में त्वचा और चर्म रोग विभाग की ओपीडी में रोज ऐसे पांच से छह मामले आ रहे हैं. मरीजों की शिकायत होती है कि, अचानक बालों की वृद्धि रुक गई है. बाल झड़ने लगे हैं. मरीजों की केस हिस्ट्री लेने पर सामने आया कि, वे हेलमेट का प्रयोग अधिक करते हैं.

ओपीडी में यह शिकायत लेकर आ रहे मरीज : एसएनएमसी के त्वचा एवं चर्म रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. यतेंद्र सिंह चाहर बताते हैं कि, 'हर दिन ओपीडी में ऐसे मरीज आते हैं जो कहते हैं कि, हेलमेट में बाल ही बाल हो जाते हैं. कंधे और शर्ट पर बाल गिरते हैं. नहाते समय बाल अधिक टूटते हैं. ऐसे मरीजों की काउंसलिंग में यह सामने आया कि, अधिकतर लोग दोपहिया पर हर दिन 40 किमी या इससे अधिक का सफर करते हैं. इस दौरान हेलमेट का उपयोग करते हैं. हेलमेट लगाना जरूरी भी है, जो हमारे सिर को सुरक्षित रखता है. मगर, हेलमेट की जिसकी वजह से लोगों में बाल झड़ने की दिक्कत हो रही है.'

हेलमेट बन सकता है हेयर फ्रैक्चर और हेयर ट्रोमा का कारण
हेलमेट बन सकता है हेयर फ्रैक्चर और हेयर ट्रोमा का कारण

'30 से 45 साल की उम्र वालों में अधिक दिक्कत' : एसएनएमसी के त्वचा एवं चर्म रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. यतेंद्र सिंह चाहर बताते हैं कि, 'ओपीडी में बाल झड़ने, टूटने या पतले होने की दिक्कतों वाले 80 प्रतिशत मरीजों की औसत उम्र 30 से 45 साल के बीच है. इसमें डिलीवरी ब्वाय, सेल्स मैन समेत अन्य लोग शामिल हैं. जो दिन में हेलमेट लगाते हैं. जिससे फ्रैक्चर की स्थिति में बाल बीच या जड़ों से टूट जाते हैं, जबकि ट्रोमा में चोट लगने से बाल तने से टूट जाते हैं. यह हेलमेट लगाने, हेलमेट आगे पीछे करने, बालों को खींचने, केमिकल वाला तेल या सीरम लगाने से ट्रोमा हो सकता है.'

'पसीना आने से पनप जाते हैं बैक्टीरिया' : एसएनएमसी के त्वचा एवं चर्म रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. यतेंद्र सिंह चाहर बताते हैं कि, ज्यादा देर तक हेलमेट लगाने से सिर के बाल पसीने से भीग जाते हैं. बाल गीले रहने से उनमें बैक्टीरिया पनपनते हैं. जब ऐसा लगातार होता है तो बाल पतले और उनकी जड़ें कमजोर हो जाती हैं. बार बार हेलमेट लगाने से बाल तने या जड़ों से टूट जाते हैं. जड़ों से टूटने पर बाल देरी से उगते हैं. क्योंकि, उन स्थानों पर बार-बार बैक्टीरिया का हमला होता है तो बाल जड़ों से पनप नहीं पाते हैं.'

इस वजह से भी टूटते हैं बाल : एसएनएमसी के त्वचा एवं चर्म रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. यतेंद्र सिंह चाहर बताते हैं कि, 'हार्मोनल बदलाव, न्यूट्रीशियन, बालों या सिर में किसी तरह का संक्रमण होने से भी बालों की प्राकृतिक बढ़ोतरी रुक जाती है. इसके साथ ही उमस और बारिश की वजह से ही बाल झडते हैं.'

ये रखें सावधानी
- हेलमेट से लगाने से पहले बालों को सूती कपडे़ से कवर करें.
- पसीना आने पर कुछ देर के लिए हेलमेट हटाकर बाल सुखाएं.
- हेलमेट स्कल्प कैप खरीद कर भी उपयोग कर सकते हैं.
- नियमित हेलमेट लगाने से पसीना आने पर हेलमेट रोज साफ करें.
- हेलमेट उपयोग के बाद हर दिन हवादार स्थान पर रखें.
- दोपहिया से लंबी यात्रा पर बीच-बीच में ब्रेक लेकर बाल पोंछकर सुखाएं.
- ज्यादा देर तक बालों के गीले रहने या पसीने से बैक्टीरिया पनपनते हैं.
- हेलमेट सिर्फ दोपहिया ड्राइव करते समय ही पहनें.

यूं करते हैं इलाज : एसएनएमसी के त्वचा एवं चर्म रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. यतेंद्र सिंह चाहर बताते हैं कि, 'ओपीडी में आने वाले ऐसे मरीज जो बाल की समस्या बताते हैं. उनके सिर के बालों की जड़ों के कमजोर होना का कारण और ग्रोथ फैक्टर खोजा जाता है. इसके आधार पर इलाज किया जाता है. इसमें अमूमन सीरम और तेल का प्रयोग होता है. हार्मोनल दिक्कतों में टैबलेट, कैप्सूल या अन्य दवाएं भी दी जाती हैं.'

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी में ASI का सर्वे शुरू, कानपुर IIT की टीम जीपीआर मशीन से करेगी जांच
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.