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केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे: सीएम केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आठ दिन के भीतर अध्यादेश लाकर उसको केंद्र सरकार ने पलट दिया. यह अध्यादेश गैरकानूनी है हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

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Published : May 20, 2023, 7:18 PM IST

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सीएम अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि छुट्टियों के लिए कल जैसे ही सुप्रीम कोर्ट बंद हुआ इसके कुछ घंटों बाद केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर न्यायालय के फैसले को पलट दिया. यह अध्यादेश गैरकानूनी है और जनतंत्र के खिलाफ है. कहा कि हम सभी जानते हैं कि कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि दिल्ली में अधिकारियों पर नियंत्रण दिल्ली की चुनी हुई सरकार का होगा. शुक्रवार शाम चार बजे कोर्ट बंद हुआ और इसके बाद अध्यादेश लाकर फैसला पलट दिया गया. केजरीवाल ने कहा कि जिस दिन हमारे पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया था उसके अगले दिन ही उन्होंने सोच लिया था कि अध्यादेश लाकर उनके फैसले को पलट देना है और वही हुआ.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आठ दिन के भीतर अध्यादेश से उसको पलट दिया गया. घटनाक्रम ऐसे हुआ, सर्विसेज सेक्रेटरी गायब हो जाते हैं, अपना फोन बंद कर लेते हैं. तीन दिन के बाद निकलते हैं और कहते हैं कि मैं कोर्ट का ऑर्डर मानने के लिए तैयार हूं. इसी बीच मुख्य सचिव गायब हो जाते हैं. सिविल सर्विसेज बॉडी की मीटिंग में तीन दिन लग जाते हैं. मीटिंग के बाद जब फाइल एलजी के पास जाती है तो एलजी दो दिन फाइल दबाकर बैठ जाते हैं. इन सब में इन्होंने 8 दिन लगा दिया. ये सभी कोर्ट के बंद होने का इंतजार कर रहे थे. सवाल यह उठता है कि ये कोर्ट के बंद होने का क्यों इंतजार कर रहे थे.

गैरकानूनी है यह अध्यादेश
सीएम केजरीवाल ने कहा कि 8 दिन इन्होंने कोर्ट बंद होने का इंतजार इसलिए किया क्योंकि ये भी जानते हैं कि यह अध्यादेश गैरकानूनी है और जनतंत्र के खिलाफ है. ये जानते हैं कि अगर यह सुप्रीम कोर्ट के बंद होने से पहले ऑर्डर लाते तो हम सुप्रीम कोर्ट मूव करते और इनका अध्यादेश कहीं भी नहीं टिकता. क्या यह अध्यादेश सवा महीने के लिए है जब तक सुप्रीम कोर्ट बंद है.

जनतंत्र के खिलाफ किया गया भद्दा मजाक
सीएम केजरीवाल ने कहा कि अध्यादेश से ऐसा प्रतीत होता है कि यह जनतंत्र के खिलाफ और एक भद्दा मजाक है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी तो बहुत छोटी पार्टी है. यह अध्यादेश दिखाता है कि वे सुप्रीम कोर्ट को भी कुछ नहीं मानते. चाहे कुछ भी ऑर्डर आए हम सब बदल देंगे. जनता ने हमें तीन बार विधानसभा में और एक बार एमसीडी में पूर्ण बहुमत दिया है. जनता ने कह दिया है कि हमें दिल्ली में केजरीवाल की सरकार चाहिए. लेकिन वे अपनी हार नहीं पचा पाते हैं.

2015 में ये एक नोटिफिकेशन लेकर आए. साल 2021 में फिर लेकर आए, हमारी पावर और कम हो गई. झूठे केस में हमारे शिक्षा मंत्री को जेल में बंद कर दिया. स्वास्थ्य मंत्री को जेल में बंद कर दिया. जिससे हम दिल्ली में अच्छे स्कूल और मोहल्ला क्लिनिक न बना सकें. उन्होंने कहा कि ये हमारे काम को रोकना चाहते हैं. लेकिन मैं दिल्ली की जनता से कहना चाहता हूं, स्पीड जरूर स्लो होगी काम नहीं रुकेंगे. हम इस अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. उन्होंने कहा कि जनता में रोष है. मुझे लगता है कि 7 लोकसभा सीटों पर आगे इन्हें एक भी सीट नहीं मिलेगी. उन्होंने विपक्षी पार्टियों से अपील की है कि जब यह अध्यादेश राज्यसभा में आए कोई भी इसका समर्थन न करे.

यह भी पढ़ें- Modi Govt. Ordinance: दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने किया फैसले का स्वागत, कहा- केजरीवाल कर रहे थे मनमानी

सीएम अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि छुट्टियों के लिए कल जैसे ही सुप्रीम कोर्ट बंद हुआ इसके कुछ घंटों बाद केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर न्यायालय के फैसले को पलट दिया. यह अध्यादेश गैरकानूनी है और जनतंत्र के खिलाफ है. कहा कि हम सभी जानते हैं कि कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि दिल्ली में अधिकारियों पर नियंत्रण दिल्ली की चुनी हुई सरकार का होगा. शुक्रवार शाम चार बजे कोर्ट बंद हुआ और इसके बाद अध्यादेश लाकर फैसला पलट दिया गया. केजरीवाल ने कहा कि जिस दिन हमारे पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया था उसके अगले दिन ही उन्होंने सोच लिया था कि अध्यादेश लाकर उनके फैसले को पलट देना है और वही हुआ.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आठ दिन के भीतर अध्यादेश से उसको पलट दिया गया. घटनाक्रम ऐसे हुआ, सर्विसेज सेक्रेटरी गायब हो जाते हैं, अपना फोन बंद कर लेते हैं. तीन दिन के बाद निकलते हैं और कहते हैं कि मैं कोर्ट का ऑर्डर मानने के लिए तैयार हूं. इसी बीच मुख्य सचिव गायब हो जाते हैं. सिविल सर्विसेज बॉडी की मीटिंग में तीन दिन लग जाते हैं. मीटिंग के बाद जब फाइल एलजी के पास जाती है तो एलजी दो दिन फाइल दबाकर बैठ जाते हैं. इन सब में इन्होंने 8 दिन लगा दिया. ये सभी कोर्ट के बंद होने का इंतजार कर रहे थे. सवाल यह उठता है कि ये कोर्ट के बंद होने का क्यों इंतजार कर रहे थे.

गैरकानूनी है यह अध्यादेश
सीएम केजरीवाल ने कहा कि 8 दिन इन्होंने कोर्ट बंद होने का इंतजार इसलिए किया क्योंकि ये भी जानते हैं कि यह अध्यादेश गैरकानूनी है और जनतंत्र के खिलाफ है. ये जानते हैं कि अगर यह सुप्रीम कोर्ट के बंद होने से पहले ऑर्डर लाते तो हम सुप्रीम कोर्ट मूव करते और इनका अध्यादेश कहीं भी नहीं टिकता. क्या यह अध्यादेश सवा महीने के लिए है जब तक सुप्रीम कोर्ट बंद है.

जनतंत्र के खिलाफ किया गया भद्दा मजाक
सीएम केजरीवाल ने कहा कि अध्यादेश से ऐसा प्रतीत होता है कि यह जनतंत्र के खिलाफ और एक भद्दा मजाक है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी तो बहुत छोटी पार्टी है. यह अध्यादेश दिखाता है कि वे सुप्रीम कोर्ट को भी कुछ नहीं मानते. चाहे कुछ भी ऑर्डर आए हम सब बदल देंगे. जनता ने हमें तीन बार विधानसभा में और एक बार एमसीडी में पूर्ण बहुमत दिया है. जनता ने कह दिया है कि हमें दिल्ली में केजरीवाल की सरकार चाहिए. लेकिन वे अपनी हार नहीं पचा पाते हैं.

2015 में ये एक नोटिफिकेशन लेकर आए. साल 2021 में फिर लेकर आए, हमारी पावर और कम हो गई. झूठे केस में हमारे शिक्षा मंत्री को जेल में बंद कर दिया. स्वास्थ्य मंत्री को जेल में बंद कर दिया. जिससे हम दिल्ली में अच्छे स्कूल और मोहल्ला क्लिनिक न बना सकें. उन्होंने कहा कि ये हमारे काम को रोकना चाहते हैं. लेकिन मैं दिल्ली की जनता से कहना चाहता हूं, स्पीड जरूर स्लो होगी काम नहीं रुकेंगे. हम इस अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. उन्होंने कहा कि जनता में रोष है. मुझे लगता है कि 7 लोकसभा सीटों पर आगे इन्हें एक भी सीट नहीं मिलेगी. उन्होंने विपक्षी पार्टियों से अपील की है कि जब यह अध्यादेश राज्यसभा में आए कोई भी इसका समर्थन न करे.

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