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Amit Shah in Nagaland : हम नगा समस्या, ईएनपीओ मसला जल्द सुलझाना चाहते हैं:अमित शाह - solve Naga problem ENPO issue

केंद्र सरकार दशकों पुरानी नगा शांति वार्ता का जल्द समाधान चाहती है. उक्त बातें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि हम राज्य की सभी समस्याओं का निदान करेंगे. पढ़िए पूरी खबर...

Union Home Minister Amit Shah
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
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Published : Feb 20, 2023, 10:35 PM IST

मोन (नगालैंड) : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने सोमवार को नगालैंड के लोगों को आश्वासन दिया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार दशकों पुरानी नगा शांति वार्ता का जल्द समाधान चाहती हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि अलग राज्य की मांग कर रहे ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) के मुद्दों को सुलझाना अगली नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की जिम्मेदारी होगी. शाह ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'चुनाव के बाद नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार बनेगी. हम राज्य की सभी समस्याओं का समाधान करेंगे.'

एनडीपीपी-भाजपा 40-20 सीट के बंटवारे के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ रही है. आयोजकों ने दावा किया कि नगालैंड के पूर्वी छोर पर स्थित इस जिले में शाह का दौरा, किसी केंद्रीय गृह मंत्री का पहला दौरा है. इस जिले की सीमा म्यांमार से भी लगती है. नगा शांति वार्ता के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए शाह ने कहा, 'हमारा उद्देश्य शांति वार्ता को सफल बनाना और नगा राजनीतिक समस्या का शीघ्र समाधान करना है.'

शाह ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि आप विश्वास करें कि नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री आपकी भावनाओं से अवगत हैं और आपके लिए पूरे सम्मान के साथ हम बातचीत को आगे बढ़ाएंगे.' दशकों पुरानी समस्या का समाधान खोजने के लिए, केंद्र सरकार 1997 से एनएससीएन-आईएम और 2017 से सात समूहों वाली नगा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप (एनएनपीजी) की कार्य समिति के साथ अलग-अलग बातचीत कर रही है.

मोदी नीत सरकार ने 2015 में एनएससीएन-आईएम के साथ एक प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर किए और 2017 में एनएनपीजी के साथ सहमति बनी. हालांकि, एनएससीएन-आईएम नगा के लिए एक अलग ध्वज और संविधान की अपनी मांग पर कायम है जिससे अंतिम समाधान नहीं निकला है. नगालैंड चुनाव के लिए 14 फरवरी को भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा था कि नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान अंतिम चरण में है क्योंकि नरेंद्र मोदी नीत सरकार इस पर लगातार काम कर रही है. हालांकि, घोषणापत्र में इसका कोई जिक्र नहीं है.

शाह ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पूरे पूर्वोत्तर में हिंसा की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा कि नगालैंड में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्स्पा) वाले क्षेत्रों की संख्या भी घटी है. राज्य के सात जिलों के 15 थाना क्षेत्रों से इसे वापस ले लिया गया है. विकास की कमी का आरोप लगाते हुए राज्य के पूर्वी हिस्से के छह जिलों को मिलाकर एक अलग 'फ्रंटियर नगालैंड' को लेकर ईएनपीओ की मांगों पर उन्होंने कहा कि इसके द्वारा उठाए गए मुद्दे 'वैध' हैं.

एक वार्ता का हवाला देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'हमने उनकी समस्याओं पर चर्चा की और उन्हें समझा तथा उन्हें आश्वासन दिया कि (मुख्यमंत्री नेफ्यू) रियो जी के नेतृत्व में बनने वाली नयी सरकार इनका समाधान करेगी.' इस वार्ता के बाद ईएनपीओ ने नगालैंड चुनावों के बहिष्कार के अपने आह्वान को वापस लिया था. शाह ने कहा, 'जो कुछ भी आवश्यक है, जैसे अतिरिक्त बजटीय आवंटन, काउंसिल को अधिक शक्ति, समान विकास...एनडीपीपी-भाजपा सरकार उस पर काम करेगी.'

उन्होंने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया. शाह ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के नेता बनने के बाद से कांग्रेस नेताओं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कीचड़ उछालने की प्रवृत्ति बढ़ गई है. शाह ने कहा, 'कांग्रेस के प्रवक्ता ने (प्रधानमंत्री के लिए) जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया और इस पर देशभर में जनता की जिस तरह की प्रतिक्रिया आई है... राहुल गांधी आप देखेंगे कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस दूरबीन से भी नजर नहीं आएगी. जनता मतदान करके जवाब देगी.'

शाह ने न तो उस आपत्तिजनक शब्द का जिक्र किया और ना ही कांग्रेस नेता का नाम लिया. हालांकि भाजपा नेताओं ने बताया कि गृह मंत्री का बयान कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के उस बयान के संदर्भ में हो सकता है जिसमें प्रधानमंत्री को 'नरेंद्र गौतमदास मोदी' कहा गया. खेड़ा ने उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह से जुड़े विवाद को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए यह बयान दिया था. केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि यह भाजपा ही थी जिसने नगालैंड से पहली महिला प्रतिनिधि को राज्यसभा में भेजा था, जिसमें वर्तमान सदस्य फांगनोन कोन्याक ने रैली में हिंदी में शाह के भाषण के अनुवादक के रूप में काम किया.

ये भी पढ़ें - Amit Shah Security Breach : शाह की सुरक्षा में चूक, सीएम का करीबी बताकर काफिले में घुसने की कोशिश

(पीटीआई-भाषा)

मोन (नगालैंड) : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने सोमवार को नगालैंड के लोगों को आश्वासन दिया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार दशकों पुरानी नगा शांति वार्ता का जल्द समाधान चाहती हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि अलग राज्य की मांग कर रहे ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) के मुद्दों को सुलझाना अगली नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की जिम्मेदारी होगी. शाह ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'चुनाव के बाद नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार बनेगी. हम राज्य की सभी समस्याओं का समाधान करेंगे.'

एनडीपीपी-भाजपा 40-20 सीट के बंटवारे के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ रही है. आयोजकों ने दावा किया कि नगालैंड के पूर्वी छोर पर स्थित इस जिले में शाह का दौरा, किसी केंद्रीय गृह मंत्री का पहला दौरा है. इस जिले की सीमा म्यांमार से भी लगती है. नगा शांति वार्ता के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए शाह ने कहा, 'हमारा उद्देश्य शांति वार्ता को सफल बनाना और नगा राजनीतिक समस्या का शीघ्र समाधान करना है.'

शाह ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि आप विश्वास करें कि नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री आपकी भावनाओं से अवगत हैं और आपके लिए पूरे सम्मान के साथ हम बातचीत को आगे बढ़ाएंगे.' दशकों पुरानी समस्या का समाधान खोजने के लिए, केंद्र सरकार 1997 से एनएससीएन-आईएम और 2017 से सात समूहों वाली नगा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप (एनएनपीजी) की कार्य समिति के साथ अलग-अलग बातचीत कर रही है.

मोदी नीत सरकार ने 2015 में एनएससीएन-आईएम के साथ एक प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर किए और 2017 में एनएनपीजी के साथ सहमति बनी. हालांकि, एनएससीएन-आईएम नगा के लिए एक अलग ध्वज और संविधान की अपनी मांग पर कायम है जिससे अंतिम समाधान नहीं निकला है. नगालैंड चुनाव के लिए 14 फरवरी को भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा था कि नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान अंतिम चरण में है क्योंकि नरेंद्र मोदी नीत सरकार इस पर लगातार काम कर रही है. हालांकि, घोषणापत्र में इसका कोई जिक्र नहीं है.

शाह ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पूरे पूर्वोत्तर में हिंसा की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा कि नगालैंड में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्स्पा) वाले क्षेत्रों की संख्या भी घटी है. राज्य के सात जिलों के 15 थाना क्षेत्रों से इसे वापस ले लिया गया है. विकास की कमी का आरोप लगाते हुए राज्य के पूर्वी हिस्से के छह जिलों को मिलाकर एक अलग 'फ्रंटियर नगालैंड' को लेकर ईएनपीओ की मांगों पर उन्होंने कहा कि इसके द्वारा उठाए गए मुद्दे 'वैध' हैं.

एक वार्ता का हवाला देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'हमने उनकी समस्याओं पर चर्चा की और उन्हें समझा तथा उन्हें आश्वासन दिया कि (मुख्यमंत्री नेफ्यू) रियो जी के नेतृत्व में बनने वाली नयी सरकार इनका समाधान करेगी.' इस वार्ता के बाद ईएनपीओ ने नगालैंड चुनावों के बहिष्कार के अपने आह्वान को वापस लिया था. शाह ने कहा, 'जो कुछ भी आवश्यक है, जैसे अतिरिक्त बजटीय आवंटन, काउंसिल को अधिक शक्ति, समान विकास...एनडीपीपी-भाजपा सरकार उस पर काम करेगी.'

उन्होंने कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया. शाह ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के नेता बनने के बाद से कांग्रेस नेताओं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कीचड़ उछालने की प्रवृत्ति बढ़ गई है. शाह ने कहा, 'कांग्रेस के प्रवक्ता ने (प्रधानमंत्री के लिए) जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया और इस पर देशभर में जनता की जिस तरह की प्रतिक्रिया आई है... राहुल गांधी आप देखेंगे कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस दूरबीन से भी नजर नहीं आएगी. जनता मतदान करके जवाब देगी.'

शाह ने न तो उस आपत्तिजनक शब्द का जिक्र किया और ना ही कांग्रेस नेता का नाम लिया. हालांकि भाजपा नेताओं ने बताया कि गृह मंत्री का बयान कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के उस बयान के संदर्भ में हो सकता है जिसमें प्रधानमंत्री को 'नरेंद्र गौतमदास मोदी' कहा गया. खेड़ा ने उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह से जुड़े विवाद को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए यह बयान दिया था. केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि यह भाजपा ही थी जिसने नगालैंड से पहली महिला प्रतिनिधि को राज्यसभा में भेजा था, जिसमें वर्तमान सदस्य फांगनोन कोन्याक ने रैली में हिंदी में शाह के भाषण के अनुवादक के रूप में काम किया.

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(पीटीआई-भाषा)

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