नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने शुक्रवार को मणिपुर की स्थिति पर अपनी टिप्पणी को लेकर भारत में संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी पर निशाना साधा. तिवारी ने कहा कि जहां तक अमेरिकी राजदूत का सवाल है, देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन भारत ने अपने आंतरिक मामलों में कभी भी किसी के बयान की सराहना नहीं की है.
कांग्रेस सांसद का अमेरिका पर निशाना: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अमेरिका में बड़े पैमाने पर बंदूक हिंसा हो रही है. हमने अमेरिका से कभी नहीं कहा कि वह हमसे सीखे कि इस पर कैसे काबू पाया जाए? अमेरिका को नस्लवाद को लेकर दंगों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा शायद नए राजदूत के लिए भारत-अमेरिका संबंधों के इतिहास के बारे में विस्तार से जानना चाहिए.
तिवारी की यह टिप्पणी तब आई है जब गार्सेटी ने गुरुवार को मणिपुर में हिंसा के बारे में बोलते हुए कहा था कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में इतनी प्रगति हुई है और यह शांति के बिना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा मानवीय चिंता का विषय है. गार्सेटी ने आगे कहा कि अगर अमेरिका को मणिपुर में स्थिति से निपटने के लिए कहा जाता है तो वह किसी भी तरह से सहायता करने के लिए तैयार है.
गार्सेटी ने गुरुवार को कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में मणिपुर पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम जानते हैं कि शांति कई अन्य अच्छी चीजों के लिए मिसाल है. गार्सेटी ने यह भी कहा कि मणिपुर में हिंसा एक भारतीय मामला है और अमेरिका इस क्षेत्र में शांति के लिए प्रार्थना करता है. अमेरिकी राजदूत ने कहा कि देश ने हाल के वर्षों में कुछ उल्लेखनीय कार्य किए हैं और वे शांति के बिना जारी नहीं रह सकते.
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इस बीच तिवारी ने मणिपुर में संकट से निपटने के केंद्र सरकार के तरीके की आलोचना की और कहा कि इस मुद्दे को संसद में उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो हो रहा है वह दुखद है. पीएम मोदी को बहुत पहले ही वहां जाकर बोलना चाहिए था. गृह मंत्री अमित शाह को वहां हालात सामान्य होने तक लगातार राज्य का दौरा करना चाहिए था. तिवारी ने कहा हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे.
आपको बता दें कि मणिपुर में मेइतेई और आदिवासी कुकी के बीच हिंसा 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद भड़की थी. संघर्ष के कारण कई लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित करना पड़ा, जबकि 130 से अधिक लोग मारे गए.
(एजेंसी)