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Jaishankar On Freedom of Speech : अभिव्यक्ति की आजादी का अर्थ हिंसा भड़काना नहीं : जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अमेरिकी अधिकारियों से कई दौर की बैठकें कीं. इन बैठकों में कई परस्पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. जिसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की और उनके विभिन्न मुद्दों पर सवालों का जवाब दिया.

Jaishankar On Freedom of Speech
विदेश मंत्री एस जयशंकर. ( तस्वीर: एएनआई)
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By ANI

Published : Sep 30, 2023, 6:24 AM IST

Updated : Sep 30, 2023, 6:58 AM IST

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा ब्लिंकन के साथ कनाडा मुद्दे पर चर्चा हुई.

वाशिंगटन डीसी : भारत के विदेश मंत्री इन दिनों अमेरिकी दौरे पर हैं. यहां वह वाशिंगटन में प्रवास कर रहे हैं. जयशंकर ने शुक्रवार को वाशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया. यहां उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मामले में भारत को किसी से सीखने की जरूरत नहीं है. विदेश मंत्री से भारत कनाडा के बीच जारी गतिरोध के संबंध में यह सवाल पूछा गया था. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ हिंसा भड़काना नहीं हो सकता है.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से कनाडा के संदर्भ में यह सवाल पूछा गया था. बता दें कि भारत कनाडा पर लगातार खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह और बढ़ावा देने का आरोप लगाता रहा है. इन आरोपों को कनाडा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर नकारता रहा है.

  • Pleased to meet Members of Congress, Administration, business and think tank heads at India House.

    Our regular conversations keep India-US relationship strong. pic.twitter.com/f9G79irwcd

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पत्रकार के सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि जयशंकर ने कहा मैंने यहां अमेरिकी और कनाडाई सभी के बारे में बात कही है. हम एक लोकतंत्र हैं. हमें किसी और से यह सीखने की जरूरत नहीं है. हम जानते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी क्या है और उसका महत्व क्या है. हमारा पक्का यकीन है कि इसकी आढ़ में हिंसा भड़काने की आजादी नहीं दी जा सकती है. अभिव्यक्ति की आजादी का हिंसा भड़काने में इस्तेमाल करना और इसकी छूट देना स्वतंत्रता की रक्षा नहीं बल्कि उसका दुरुपयोग करना है.

जयशंकर ने अपने जवाब में एक सवाल उठाते हुए पूछा कि यदि कोई और देश भारत की स्थिति में होता तो वह क्या करता. उन्होंने कनाडा का नाम लिये बिना कहा कि भारत के राजनयिकों, दूतावासों और नागरिकों को धमकी का सामना करना पड़ रहा है. इसपर किसी की क्या प्रतिक्रिया हो सकती है. जयशंकर ने सवाल किया कि यदि आप मेरी जगह होते तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होती? यदि यह आपके राजनयिक, आपका दूतावास, आपके लोग होते, तो आपकी प्रतिक्रिया क्या होती?

  • Great to meet my friend US Secretary of State @SecBlinken at State Department today.

    A wide ranging discussion, following up on PM @narendramodi’s June visit. Also exchanged notes on global developments.

    Laid the groundwork of our 2+2 meeting very soon. pic.twitter.com/mOw9SIX1dO

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विदेश मंत्री से इस साल जुलाई में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले के संबंध में भारतीय चिंताओं के बारे में भी सवाल किया गया. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अमेरिका यात्रा के दौरान उठाया गया है. इसपर सतत चर्चा की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबधों के कई आयाम है. हमारे बीच कई समानताएं हैं. हम बहुत सारे मुद्दों पर एक साथ काम कर रहे हैं. हमने इस मुद्दे पर भी बात की है. ये मुद्दे सतत चर्चा और बातचीत से हल होंगे.

विदेश मंत्री ने कहा कि मैं निष्पक्ष रहना चाहता हूं. अपनी चर्चाओं में पारदर्शी रहना मेरी प्राथमिकता है. मुझे यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि हां, हमने इस मुद्दे पर भी बात की है. मैं नहीं चाहता कि आप यह सोचें कि भारत-अमेरिका संबंधों में केवल एक ही मुद्दा है.

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बता दें कि इस साल जुलाई में खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने कथित तौर पर सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास में आग लगाने का प्रयास किया था. कोई बड़ी क्षति नहीं हुई और न ही कोई घायल हुआ और पुलिस घटना की जांच कर रही है. घटना के बाद, अमेरिका ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ खालिस्तान समर्थकों द्वारा कथित बर्बरता और आगजनी के प्रयास की कड़ी निंदा की थी.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा ब्लिंकन के साथ कनाडा मुद्दे पर चर्चा हुई.

वाशिंगटन डीसी : भारत के विदेश मंत्री इन दिनों अमेरिकी दौरे पर हैं. यहां वह वाशिंगटन में प्रवास कर रहे हैं. जयशंकर ने शुक्रवार को वाशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया. यहां उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मामले में भारत को किसी से सीखने की जरूरत नहीं है. विदेश मंत्री से भारत कनाडा के बीच जारी गतिरोध के संबंध में यह सवाल पूछा गया था. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ हिंसा भड़काना नहीं हो सकता है.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से कनाडा के संदर्भ में यह सवाल पूछा गया था. बता दें कि भारत कनाडा पर लगातार खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह और बढ़ावा देने का आरोप लगाता रहा है. इन आरोपों को कनाडा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर नकारता रहा है.

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पत्रकार के सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि जयशंकर ने कहा मैंने यहां अमेरिकी और कनाडाई सभी के बारे में बात कही है. हम एक लोकतंत्र हैं. हमें किसी और से यह सीखने की जरूरत नहीं है. हम जानते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी क्या है और उसका महत्व क्या है. हमारा पक्का यकीन है कि इसकी आढ़ में हिंसा भड़काने की आजादी नहीं दी जा सकती है. अभिव्यक्ति की आजादी का हिंसा भड़काने में इस्तेमाल करना और इसकी छूट देना स्वतंत्रता की रक्षा नहीं बल्कि उसका दुरुपयोग करना है.

जयशंकर ने अपने जवाब में एक सवाल उठाते हुए पूछा कि यदि कोई और देश भारत की स्थिति में होता तो वह क्या करता. उन्होंने कनाडा का नाम लिये बिना कहा कि भारत के राजनयिकों, दूतावासों और नागरिकों को धमकी का सामना करना पड़ रहा है. इसपर किसी की क्या प्रतिक्रिया हो सकती है. जयशंकर ने सवाल किया कि यदि आप मेरी जगह होते तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होती? यदि यह आपके राजनयिक, आपका दूतावास, आपके लोग होते, तो आपकी प्रतिक्रिया क्या होती?

  • Great to meet my friend US Secretary of State @SecBlinken at State Department today.

    A wide ranging discussion, following up on PM @narendramodi’s June visit. Also exchanged notes on global developments.

    Laid the groundwork of our 2+2 meeting very soon. pic.twitter.com/mOw9SIX1dO

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विदेश मंत्री से इस साल जुलाई में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले के संबंध में भारतीय चिंताओं के बारे में भी सवाल किया गया. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अमेरिका यात्रा के दौरान उठाया गया है. इसपर सतत चर्चा की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबधों के कई आयाम है. हमारे बीच कई समानताएं हैं. हम बहुत सारे मुद्दों पर एक साथ काम कर रहे हैं. हमने इस मुद्दे पर भी बात की है. ये मुद्दे सतत चर्चा और बातचीत से हल होंगे.

विदेश मंत्री ने कहा कि मैं निष्पक्ष रहना चाहता हूं. अपनी चर्चाओं में पारदर्शी रहना मेरी प्राथमिकता है. मुझे यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि हां, हमने इस मुद्दे पर भी बात की है. मैं नहीं चाहता कि आप यह सोचें कि भारत-अमेरिका संबंधों में केवल एक ही मुद्दा है.

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बता दें कि इस साल जुलाई में खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने कथित तौर पर सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास में आग लगाने का प्रयास किया था. कोई बड़ी क्षति नहीं हुई और न ही कोई घायल हुआ और पुलिस घटना की जांच कर रही है. घटना के बाद, अमेरिका ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ खालिस्तान समर्थकों द्वारा कथित बर्बरता और आगजनी के प्रयास की कड़ी निंदा की थी.

Last Updated : Sep 30, 2023, 6:58 AM IST
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