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हमने कृषि कानून को यूएन ले जाने की बात कभी नहीं की: राकेश टिकैत - rakesh tikait UN

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हमने कृषि कानूनों के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र ले जाने की बात नहीं कही थी. टिकैत के मुताबिक, उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया.

राकेश टिकैत
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Published : Jul 10, 2021, 12:49 PM IST

नई दिल्ली : किसान नेता राकेश टिकैत ( (Farmer leader Rakesh Tikait) ने नए कृषि कानूनों के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) ले जाने की बात का खंडन किया है. टिकैत के मुताबिक, उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.

उन्होंने कहा, मैंने ये नहीं कहा था कि कृषि कानूनों को लेकर यूएन (संयुक्त राष्ट्र) जाएंगे. हमने कहा था कि 26 जनवरी की घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए. अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम यूएन में जाएं?

  • We'd not said that we'll take up issue of new farm bills at United Nations. We'd responded to a question over Jan 26 incident. Is there any agency here that can conduct an impartial investigation? If not should we take this matter to the UN?: BKU leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/YsPCkhJ87X

    — ANI (@ANI) July 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

साथ ही राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर अगर भारत सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं. 22 जुलाई से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा. 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा और हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे.

यह भी पढ़ें- राकेश टिकैत का बड़ा बयान, कहा- केंद्र में बीजेपी की नहीं 'कंपनी' की है सरकार

इससे पहले शुक्रवार को राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार फेयर कंडीशन लगा रही कि किसान आएं बातचीत करें, लेकिन कानून खत्म नहीं होंगे, और धरना खत्म कर दें. उन्होंने सवाल किया कि वो कौन सा सिस्टम है, जिससे मंडी बच जाएंगी. देश में कई मंडी बंदी की कगार पर हैं. बिहार में सभी मंडियां बंद हो चुकी हैं.

नई दिल्ली : किसान नेता राकेश टिकैत ( (Farmer leader Rakesh Tikait) ने नए कृषि कानूनों के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) ले जाने की बात का खंडन किया है. टिकैत के मुताबिक, उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.

उन्होंने कहा, मैंने ये नहीं कहा था कि कृषि कानूनों को लेकर यूएन (संयुक्त राष्ट्र) जाएंगे. हमने कहा था कि 26 जनवरी की घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए. अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम यूएन में जाएं?

  • We'd not said that we'll take up issue of new farm bills at United Nations. We'd responded to a question over Jan 26 incident. Is there any agency here that can conduct an impartial investigation? If not should we take this matter to the UN?: BKU leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/YsPCkhJ87X

    — ANI (@ANI) July 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

साथ ही राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर अगर भारत सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं. 22 जुलाई से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा. 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा और हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे.

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इससे पहले शुक्रवार को राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार फेयर कंडीशन लगा रही कि किसान आएं बातचीत करें, लेकिन कानून खत्म नहीं होंगे, और धरना खत्म कर दें. उन्होंने सवाल किया कि वो कौन सा सिस्टम है, जिससे मंडी बच जाएंगी. देश में कई मंडी बंदी की कगार पर हैं. बिहार में सभी मंडियां बंद हो चुकी हैं.

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