ETV Bharat / bharat

बंगाल: बारिश और जमीन संबंधी मुकदमों के कारण कोलकाता-सिलीगुड़ी मार्ग का निर्माण अटका - National Highways Authority of India

कोलकाता को सिलीगुड़ी और उसके बाद उत्तर पूर्व से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के फोर लेन का काम प्रभावित है. जमीन संबंधी मुकदमे और बारिश की वजह से जलपाईगुड़ी में निर्माण कार्य अटका हुआ है.

कोलकाता-सिलीगुड़ी मार्ग का निर्माण अटका
कोलकाता-सिलीगुड़ी मार्ग का निर्माण अटका
author img

By

Published : Jun 30, 2021, 5:23 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 6:12 PM IST

जलपाईगुड़ी: कोलकाता को सिलीगुड़ी और उसके बाद उत्तर पूर्व से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के चार लेन का काम जलपाईगुड़ी में फंस गया है. इसकी वजह मुख्य रूप से भारी बारिश और जमीन की उपलब्धता से संबंधित कई मुकदमे हैं.

एनएचएआई के साथ-साथ जिला प्रशासन इस पर लगा हुआ है कि कैसे इस महत्वपूर्ण खंड को पूरा किया जाए. ये मार्ग मालदा, उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों को जोड़ेगा.

कोलकाता-सिलीगुड़ी मार्ग का निर्माण अटका

जमीन संबंधी मुकदमें आ रहे आड़े

शुरुआत से ही परियोजना के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) भूमि खरीद से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहा था. विभिन्न हितधारकों के साथ कई बैठकों में इस मुद्दे पर कोई समाधान नहीं निकला. इसके अलावा मॉनसून आने से कार्य बाधा आ रही है.

हालांकि पुल का निर्माण हो चुका है लेकिन जमीन की उपलब्धता में दिक्कत के कारण इसे अभी तक जोड़ा नहीं जा सका है. नए पुल से सटा पुराना पुल नियमित वाहनों की आवाजाही की स्थिति में नहीं है. मोइनगुरी को जलपाईगुड़ी से धरला नदी पर जोड़ने वाले फोर लेन के पास नए पुल का निर्माण किया गया है. हालांकि जमीन की समस्या के चलते अभी पुल तक पहुंचने का रास्ता पूरा किया जाना बाकी है. अप्रोच-वे के लिए जमीन मिलने में मुख्य आपत्ति पांच परिवारों की ओर से आई है. एक बार जब नया पुल जुड़ जाएगा तो इससे न सिर्फ ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान होगा बल्कि पुराने पुल पर आवाजाही का खतरा भी खत्म हो जाएगा.

आठ किमी लंबे राजमार्ग का सर्वे कार्य शुरू नहीं हुआ

पुल का काम अधूरा
पुल का काम अधूरा

वहीं, धूपगुड़ी बाईपास क्षेत्र में प्रस्तावित आठ किलोमीटर लंबे राजमार्ग का सर्वे कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है. एनएचएआई के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान निकालने का प्रयास किया गया था. राजगंज प्रखंड के बिन्नागुड़ी में भी इसी तरह की जमीन संबंधी समस्या है. महज एक किलोमीटर जमीन में दिक्कत होने के कारण एनएचएआई के अधिकारी वहां काम शुरू नहीं कर सके. जमीन के मालिकों का कहना है कि जब तक पैसा नहीं मिल जाता वह जमीन नहीं देंगे. मोईनागुड़ी पंचायत समिति के सदस्य सिबोम बसुनिया ने भूमि संबंधी समस्या को स्वीकार किया.

हाल ही में जलपाईगुड़ी की जिलाधिकारी मौमिता गोदारा ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए बैठक बुलाई थी. बैठक में एनएचएआई के परियोजना निदेशक संजय शर्मा, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट रंजन चक्रवर्ती के साथ-साथ मोइंगुरी और धूपगुड़ी पंचायत समितियों के सदस्य शामिल हुए.

मुआवजा नहीं मिलने का आरोप

इससे पहले भी टेकटुली के निवासियों ने जमीन देने के बाद भी मुआवजा नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग विस्तार का काम रोक दिया था. ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के तहत यह हाईवे जलपाईगुड़ी और धूपगुड़ी के रास्ते सिलीगुड़ी को असम से जोड़ने वाला था. एनएचएआई ने 2010 में भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना दी और आखिरकार 2015 में जमीन मिल गई. हालांकि, एनएचएआई मुश्किल में है क्योंकि इस 155 किलोमीटर के लिए आवश्यक सभी जमीन अभी उपलब्ध नहीं है.

पढ़ें- अमूल ने दूध की कीमतों को कल से दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाया

2015 से भूमि खरीद एनएचएआई अधिकारियों के लिए एक बड़ा सिरदर्द रहा है. यहां तक ​​कि चार लेन वाले ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर हाईवे के लिए भी कार्य प्रक्रिया में देरी हुई. एनएचएआई के अधिकारियों का दावा है कि उत्तरी बंगाल को छोड़कर पूरे देश में इन हाईवे का काम पूरा हो चुका है.

अक्सर लगता है जाम

सड़क खराब
सड़क खराब

स्थानीय निवासियों ने दावा किया कि इस प्रस्तावित फोरलेन का काम लंबे समय से चल रहा था. लेकिन काम कभी पूरा नहीं हुआ. मानसून के आगमन के साथ वाहनों की आवाजाही बेहद मुश्किल हो गई है. कई बार तो एंबुलेंस भी जाम में फंस जाती है. स्थानीय लोगों की मांग है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए.

परियोजना निदेशक ने कहा, अदालत के निर्देश पर चलेंगे

एनएचएआई के परियोजना निदेशक संजीव शर्मा ने कहा कि 'आधिकारिक तौर पर लगभग पूरी जमीन एनएचएआई के स्वामित्व में है. हां, मुआवजे को लेकर असंतोष है. राज्य प्रशासन के साथ बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि जल्द ही अतिक्रमणकारियों को हटाने का काम शुरू किया जाएगा. यह बेदखली उस भूमि पर की जाएगी जहां मुआवजे को लेकर कानूनी मुकदमा दायर किया गया है. बाद में हम अदालत के निर्देश पर चलेंगे.'

जलपाईगुड़ी: कोलकाता को सिलीगुड़ी और उसके बाद उत्तर पूर्व से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के चार लेन का काम जलपाईगुड़ी में फंस गया है. इसकी वजह मुख्य रूप से भारी बारिश और जमीन की उपलब्धता से संबंधित कई मुकदमे हैं.

एनएचएआई के साथ-साथ जिला प्रशासन इस पर लगा हुआ है कि कैसे इस महत्वपूर्ण खंड को पूरा किया जाए. ये मार्ग मालदा, उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों को जोड़ेगा.

कोलकाता-सिलीगुड़ी मार्ग का निर्माण अटका

जमीन संबंधी मुकदमें आ रहे आड़े

शुरुआत से ही परियोजना के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) भूमि खरीद से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहा था. विभिन्न हितधारकों के साथ कई बैठकों में इस मुद्दे पर कोई समाधान नहीं निकला. इसके अलावा मॉनसून आने से कार्य बाधा आ रही है.

हालांकि पुल का निर्माण हो चुका है लेकिन जमीन की उपलब्धता में दिक्कत के कारण इसे अभी तक जोड़ा नहीं जा सका है. नए पुल से सटा पुराना पुल नियमित वाहनों की आवाजाही की स्थिति में नहीं है. मोइनगुरी को जलपाईगुड़ी से धरला नदी पर जोड़ने वाले फोर लेन के पास नए पुल का निर्माण किया गया है. हालांकि जमीन की समस्या के चलते अभी पुल तक पहुंचने का रास्ता पूरा किया जाना बाकी है. अप्रोच-वे के लिए जमीन मिलने में मुख्य आपत्ति पांच परिवारों की ओर से आई है. एक बार जब नया पुल जुड़ जाएगा तो इससे न सिर्फ ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान होगा बल्कि पुराने पुल पर आवाजाही का खतरा भी खत्म हो जाएगा.

आठ किमी लंबे राजमार्ग का सर्वे कार्य शुरू नहीं हुआ

पुल का काम अधूरा
पुल का काम अधूरा

वहीं, धूपगुड़ी बाईपास क्षेत्र में प्रस्तावित आठ किलोमीटर लंबे राजमार्ग का सर्वे कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है. एनएचएआई के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान निकालने का प्रयास किया गया था. राजगंज प्रखंड के बिन्नागुड़ी में भी इसी तरह की जमीन संबंधी समस्या है. महज एक किलोमीटर जमीन में दिक्कत होने के कारण एनएचएआई के अधिकारी वहां काम शुरू नहीं कर सके. जमीन के मालिकों का कहना है कि जब तक पैसा नहीं मिल जाता वह जमीन नहीं देंगे. मोईनागुड़ी पंचायत समिति के सदस्य सिबोम बसुनिया ने भूमि संबंधी समस्या को स्वीकार किया.

हाल ही में जलपाईगुड़ी की जिलाधिकारी मौमिता गोदारा ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए बैठक बुलाई थी. बैठक में एनएचएआई के परियोजना निदेशक संजय शर्मा, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट रंजन चक्रवर्ती के साथ-साथ मोइंगुरी और धूपगुड़ी पंचायत समितियों के सदस्य शामिल हुए.

मुआवजा नहीं मिलने का आरोप

इससे पहले भी टेकटुली के निवासियों ने जमीन देने के बाद भी मुआवजा नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग विस्तार का काम रोक दिया था. ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के तहत यह हाईवे जलपाईगुड़ी और धूपगुड़ी के रास्ते सिलीगुड़ी को असम से जोड़ने वाला था. एनएचएआई ने 2010 में भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना दी और आखिरकार 2015 में जमीन मिल गई. हालांकि, एनएचएआई मुश्किल में है क्योंकि इस 155 किलोमीटर के लिए आवश्यक सभी जमीन अभी उपलब्ध नहीं है.

पढ़ें- अमूल ने दूध की कीमतों को कल से दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाया

2015 से भूमि खरीद एनएचएआई अधिकारियों के लिए एक बड़ा सिरदर्द रहा है. यहां तक ​​कि चार लेन वाले ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर हाईवे के लिए भी कार्य प्रक्रिया में देरी हुई. एनएचएआई के अधिकारियों का दावा है कि उत्तरी बंगाल को छोड़कर पूरे देश में इन हाईवे का काम पूरा हो चुका है.

अक्सर लगता है जाम

सड़क खराब
सड़क खराब

स्थानीय निवासियों ने दावा किया कि इस प्रस्तावित फोरलेन का काम लंबे समय से चल रहा था. लेकिन काम कभी पूरा नहीं हुआ. मानसून के आगमन के साथ वाहनों की आवाजाही बेहद मुश्किल हो गई है. कई बार तो एंबुलेंस भी जाम में फंस जाती है. स्थानीय लोगों की मांग है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए.

परियोजना निदेशक ने कहा, अदालत के निर्देश पर चलेंगे

एनएचएआई के परियोजना निदेशक संजीव शर्मा ने कहा कि 'आधिकारिक तौर पर लगभग पूरी जमीन एनएचएआई के स्वामित्व में है. हां, मुआवजे को लेकर असंतोष है. राज्य प्रशासन के साथ बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि जल्द ही अतिक्रमणकारियों को हटाने का काम शुरू किया जाएगा. यह बेदखली उस भूमि पर की जाएगी जहां मुआवजे को लेकर कानूनी मुकदमा दायर किया गया है. बाद में हम अदालत के निर्देश पर चलेंगे.'

Last Updated : Jun 30, 2021, 6:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.