कोलकाता : पिछले 72 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल में हुए राजनीतिक डेवलपमेंट ने भवानीपुर उप-चुनाव के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राह आसान कर दी है. मौजूदा चुनावी मौसम में उनका पहला रोड शो मंगलवार दोपहर को दक्षिण कोलकाता के अल्पसंख्यक बहुल एकबलपुर इलाके से सटे सुधीर बोस स्ट्रीट होना था. हालांकि इसे बारिश के कारण रद्द करना पड़ा.
दरअसल, 18 सितंबर, 2021 को गायक से राजनेता बने और आसनसोल से भाजपा के लोकसभा सदस्य तृणमूल में शामिल हुए. इसके बाद सोमवार शाम को भाजपा नेतृत्व ने अचानक दिलीप घोष को पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया और उनकी जगह बालुरघाट से पार्टी के लोकसभा सदस्य सुकांत मजूमदार को नियुक्त कर दिया.
चूंकि मजूमदार उत्तर बंगाल से बाहर के नेता हैं, इसलिए माना जा रहा है कि अंतिम क्षण में यह बदलाव तृणमूल को भवानीपुर उप-चुनावों में अभियान का लाभ दे सकता है.
ऐसे में मंगलवार को मुख्यमंत्री के पहले रोड शो से तृणमूल कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं के पहले से ही ऊंचे मनोबल को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद थी.
हालांकि, पिछले रविवार की रात से हुई मूसलाधार बारिश के परिणामस्वरूप क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जलभराव हो गया, जिसने खेल को बिगाड़ दिया.चूंकि मंगलवार देर रात से ही इलाके में जलभराव हो गया था, इसलिए उनका पहला रोड शो रद्द करना पड़ा.
इस बीच राज्य के मंत्री फिरहाद हाकिम उर्फ बॉबी ने पंपों से पानी निकालने की व्यवस्था कर शो को चालू रखने की पूरी कोशिश की. उन्होंने मौके का दौरा कर पूरी प्रक्रिया का जायजा लिया, लेकिन उनकी सारी कोशिशें बेकार गईं और आखिरकार रोड शो रद्द करना पड़ा.
अब बुधवार को ममता बनर्जी दो रोड शो करेंगी, पहला उसी सुधीर बोस स्ट्रीट पर, जहां उन्हें मंगलवार को संबोधित करना था और दूसरा चेतला में.
परिसीमन के बाद का विधानसभा क्षेत्र भवानीपुर, जो मौजूदा चौरंगी और तत्कालीन अलीपुर निर्वाचन क्षेत्र के कुछ हिस्सों से अलग था, पारंपरिक रूप से 1 जनवरी 1998 को तृणमूल कांग्रेस के जन्म से पहले कांग्रेस-प्रधान बेल्ट था.
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वाम मोर्चा शासन के चरम के दौरान भी माकपा शायद ही इस क्षेत्र में कोई सेंध लगा सकी, लेकिन 1998 में तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद कांग्रेस ने तृणमूल के हाथों अपना आधार खो दिया.
इसलिए सभी दृष्टिकोणों से ममता बनर्जी, आगामी उपचुनावों में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल से काफी आगे हैं.
हालांकि, तृणमूल के लिए एकमात्र सिरदर्द पिछले दशक के दौरान भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र में गैर-बंगाली मतदाताओं की संख्या में तेज वृद्धि है, जिनमें से अधिकांश को भाजपा समर्थक माना जाता है.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार तथागत रॉय को तृणमूल कांग्रेस के सुब्रत बख्शी ने हराया था, लेकिन भवानीपुर से रॉय बख्शी से आगे थे.