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जानिए कहां तापमान पहुंचा शून्‍य से नीचे, जम गए झरने और नदी - उत्तरकाशी का मौसम

इनदिनों हर्षिल घाटी में चारों ओर नदी नाले और झरने जमे हुए नजर (water frozen due to cold in harsil valley) आ रहे हैं. घाटी में तापमान 0 डिग्री से नीचे पहुंच गया है.

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हर्षिल घाटी में तापमान पहुंचा शून्‍य से नीचे.
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Published : Dec 16, 2021, 10:17 PM IST

उत्तरकाशीः हर्षिल घाटी अपने प्राकृतिक सौंदर्य और खूबसूरत वादियों के लिए प्रसिद्ध है तो वहीं सर्दियां शुरू होते ही यहां की खूबसूरती और बढ़ जाती है. हालांकि, अभी हर्षिल घाटी में ज्यादा बर्फबारी नहीं हुई है, लेकिन उसके बावजूद भी हर्षिल घाटी में तापमान 0 डिग्री से नीचे पहुंच गया है. जिससे हर्षिल घाटी की नदी नाले और झरने जम गए हैं. जिससे गंगोत्री हाईवे के आसपास पहाड़ियों पर जमे पानी कांच की तरह अलग-अलग स्वरूप में दिख रहे हैं. जो सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.

हर्षिल घाटी में ठंड से नदी नाले और झरने जमे.

पहाड़ों की बात करें तो बीते हफ्ते हुई बारिश और बर्फबारी के बाद दिन में चटक धूप के साथ ठंड महसूस की जा रही है तो वहीं उत्तरकाशी जिले में अलग-अलग स्थानों पर तापमान में भी भारी अंतर देखने को मिल रहा है. साथ ही हर्षिल में तापमान में भारी गिरावट भी देखने को मिल रहा है. जिले की हर्षिल घाटी में चारों ओर नदी नाले और झरने जमे हुए नजर आ रहे हैं. तापमान में कितनी गिरावट है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर्षिल गांव के बीच से बहने वाली बड़ी नदियां भी पूरी तरह जम (water frozen due to cold in harsil valley) चुकी हैं.

ये भी पढ़ें - बदरीनाथ धाम में 11 साधुओं को तपस्या की मिली अनुमति, ठंड में भी करेंगे साधना

बता दें कि हर्षिल घाटी उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 80 किमी की दूरी पर स्थित है. जबकि, हर्षिल घाटी से मात्र 25 किमी की दूरी पर गंगोत्री धाम है. हर्षिल घाटी में हर्षिल गांव समेत मां गंगा की शीतकालीन प्रवास समेत धराली गांव के सातताल और लाम्बा टिपरी और जाड़ समुदाय का बगोरी गांव आदि कई दर्शनीय स्थल हैं. जहां पर सर्दियों के बाद खूबसूरती और भी बढ़ जाती है. वहीं, विभिन्न राज्यों से आए पर्यटक भी हर्षिल की मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं. साथ ही जमे हुए पाले को देखकर रोमांचित हो रहे हैं.

उत्तरकाशीः हर्षिल घाटी अपने प्राकृतिक सौंदर्य और खूबसूरत वादियों के लिए प्रसिद्ध है तो वहीं सर्दियां शुरू होते ही यहां की खूबसूरती और बढ़ जाती है. हालांकि, अभी हर्षिल घाटी में ज्यादा बर्फबारी नहीं हुई है, लेकिन उसके बावजूद भी हर्षिल घाटी में तापमान 0 डिग्री से नीचे पहुंच गया है. जिससे हर्षिल घाटी की नदी नाले और झरने जम गए हैं. जिससे गंगोत्री हाईवे के आसपास पहाड़ियों पर जमे पानी कांच की तरह अलग-अलग स्वरूप में दिख रहे हैं. जो सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.

हर्षिल घाटी में ठंड से नदी नाले और झरने जमे.

पहाड़ों की बात करें तो बीते हफ्ते हुई बारिश और बर्फबारी के बाद दिन में चटक धूप के साथ ठंड महसूस की जा रही है तो वहीं उत्तरकाशी जिले में अलग-अलग स्थानों पर तापमान में भी भारी अंतर देखने को मिल रहा है. साथ ही हर्षिल में तापमान में भारी गिरावट भी देखने को मिल रहा है. जिले की हर्षिल घाटी में चारों ओर नदी नाले और झरने जमे हुए नजर आ रहे हैं. तापमान में कितनी गिरावट है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर्षिल गांव के बीच से बहने वाली बड़ी नदियां भी पूरी तरह जम (water frozen due to cold in harsil valley) चुकी हैं.

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बता दें कि हर्षिल घाटी उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 80 किमी की दूरी पर स्थित है. जबकि, हर्षिल घाटी से मात्र 25 किमी की दूरी पर गंगोत्री धाम है. हर्षिल घाटी में हर्षिल गांव समेत मां गंगा की शीतकालीन प्रवास समेत धराली गांव के सातताल और लाम्बा टिपरी और जाड़ समुदाय का बगोरी गांव आदि कई दर्शनीय स्थल हैं. जहां पर सर्दियों के बाद खूबसूरती और भी बढ़ जाती है. वहीं, विभिन्न राज्यों से आए पर्यटक भी हर्षिल की मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं. साथ ही जमे हुए पाले को देखकर रोमांचित हो रहे हैं.

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