ETV Bharat / bharat

युद्ध के नए क्षेत्र क्षेत्रीय सीमाओं से नागरिक समाज में चले गये हैं : डोभाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने कहा कि युद्ध के नए क्षेत्र, क्षेत्रीय सीमाओं से नागरिक समाज (सिविल सोसाइटी) में चले गये हैं. लोगों का स्वास्थ्य, उनके कल्याण एवं सुरक्षा की भावना और सरकार को लेकर उनकी धारणा जैसे कारक किसी राष्ट्र की इच्छा को प्रभावित करते हैं.

डोभाल
डोभाल
author img

By

Published : Oct 28, 2021, 3:43 PM IST

पुणे : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने कहा कि युद्ध के नए क्षेत्र, क्षेत्रीय सीमाओं से नागरिक समाज (सिविल सोसाइटी) में चले गये हैं. लोगों का स्वास्थ्य, उनके कल्याण एवं सुरक्षा की भावना और सरकार को लेकर उनकी धारणा जैसे कारक किसी राष्ट्र की इच्छा को प्रभावित करते हैं.

पुणे इंटरनेशनल सेंटर द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित पुणे डायलॉग (पीडीएनएस) 2021 में ‘आपदाओं और महामारियों के युग में राष्ट्रीय सुरक्षा की तैयारियों’ के विषय पर डोभाल ने कहा कि आपदाओं और महामारियों से अलग-थलग होकर नहीं निपटा जा सकता.

डोभाल ने कहा, वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में हो रहे बदलावों से आप सभी अवगत हैं. देश के राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों को हासिल करने के लिए ऐसे युद्ध लगातार अधिक खर्चिले साबित हो रहे हैं.

डोभाल ने कहा, युद्ध के नए क्षेत्र, क्षेत्रीय सीमाओं से नागरिक समाज में चले गये हैं. लोगों का स्वास्थ्य, उनके कल्याण एवं सुरक्षा की भावना और सरकार को लेकर उनकी धारणा जैसे कारकों का महत्व बढ़ गया है. ये सभी कारक राष्ट्र की इच्छा को प्रभावित करते हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों को गलत तथा प्रायोजित प्रचार से बचाना भी सूचना क्रांति के दौर में ‘‘बेहद महत्वपूर्ण’’ बन गया है और इन सभी चुनौतियों व रणनीतियों को अधिकतम अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए सुरक्षा योजना में शामिल करने की आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें- भारत को अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा में अपनी क्षमता को बढ़ाना होगा : डोभाल

उन्होंने कहा, यह सामाजिक असंतुलन उत्पन्न करता है, जो राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक विकास और यहां तक कि एक राष्ट्र की बाहरी एवं आंतरिक खतरों का डटकर मुकाबला करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है.

डोभाल ने कहा कि यह नए तरह के खतरे बड़े पैमाने पर बहु-स्तरीय खतरे उत्पन्न करते हैं. उन्होंने कहा कि सूक्ष्म स्तर पर इनमें प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की रक्षा करना, चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करना, लोगों का साथ देना, खाद्य एवं आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना शामिल है.

उन्होंने कहा कि इन मुद्दों में, प्रभावी उपचार एवं दवाइयां ईजाद करना, संक्रमण के नए-नए स्वरूपों से निपटने के लिए तैयार होना और सुचारू आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना शामिल है.

(पीटीआई)

पुणे : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने कहा कि युद्ध के नए क्षेत्र, क्षेत्रीय सीमाओं से नागरिक समाज (सिविल सोसाइटी) में चले गये हैं. लोगों का स्वास्थ्य, उनके कल्याण एवं सुरक्षा की भावना और सरकार को लेकर उनकी धारणा जैसे कारक किसी राष्ट्र की इच्छा को प्रभावित करते हैं.

पुणे इंटरनेशनल सेंटर द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित पुणे डायलॉग (पीडीएनएस) 2021 में ‘आपदाओं और महामारियों के युग में राष्ट्रीय सुरक्षा की तैयारियों’ के विषय पर डोभाल ने कहा कि आपदाओं और महामारियों से अलग-थलग होकर नहीं निपटा जा सकता.

डोभाल ने कहा, वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में हो रहे बदलावों से आप सभी अवगत हैं. देश के राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों को हासिल करने के लिए ऐसे युद्ध लगातार अधिक खर्चिले साबित हो रहे हैं.

डोभाल ने कहा, युद्ध के नए क्षेत्र, क्षेत्रीय सीमाओं से नागरिक समाज में चले गये हैं. लोगों का स्वास्थ्य, उनके कल्याण एवं सुरक्षा की भावना और सरकार को लेकर उनकी धारणा जैसे कारकों का महत्व बढ़ गया है. ये सभी कारक राष्ट्र की इच्छा को प्रभावित करते हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों को गलत तथा प्रायोजित प्रचार से बचाना भी सूचना क्रांति के दौर में ‘‘बेहद महत्वपूर्ण’’ बन गया है और इन सभी चुनौतियों व रणनीतियों को अधिकतम अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए सुरक्षा योजना में शामिल करने की आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें- भारत को अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा में अपनी क्षमता को बढ़ाना होगा : डोभाल

उन्होंने कहा, यह सामाजिक असंतुलन उत्पन्न करता है, जो राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक विकास और यहां तक कि एक राष्ट्र की बाहरी एवं आंतरिक खतरों का डटकर मुकाबला करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है.

डोभाल ने कहा कि यह नए तरह के खतरे बड़े पैमाने पर बहु-स्तरीय खतरे उत्पन्न करते हैं. उन्होंने कहा कि सूक्ष्म स्तर पर इनमें प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की रक्षा करना, चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करना, लोगों का साथ देना, खाद्य एवं आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना शामिल है.

उन्होंने कहा कि इन मुद्दों में, प्रभावी उपचार एवं दवाइयां ईजाद करना, संक्रमण के नए-नए स्वरूपों से निपटने के लिए तैयार होना और सुचारू आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना शामिल है.

(पीटीआई)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.