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पंजाब में 'वल्चर रेस्टोरेंट', आने वाले गिद्धों की संख्या बढ़ी - Vultures restaurant in Chandola of Pathankot

पंजाब के पठानकोट जिले में गिद्धों के लिए बनाए गए 'वल्चर रेस्टोरेंट' में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. पहले यहां 30 से 40 गिद्ध आते थे लेकिन अब इनकी संख्या 350 से 400 तक पहुंच गई है.

Vultures restaurant
पंजाब में 'वल्चर रेस्टोरेंट'
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Published : Sep 13, 2022, 6:02 PM IST

पठानकोट : गिद्धों की लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए पठानकोट के वन्यजीव विभाग ने बड़े प्रयास के तहत पठानकोट के चंडोला धार ब्लॉक (Vultures restaurant in Chandola of Pathankot) में 2012 में 'गिद्ध रेस्तरां' (Vultures restaurant) खोला था. यहां उन्हें खाने के लिए जानवरों का मांस दिया जाता है. इसी का नतीजा है कि हिमाचल और आसपास से भी बड़ी संख्या में गिद्ध यहां आते हैं. वन्यजीव विभाग को जिला प्रशासन से गिद्ध रेस्तरां के लिए 7 लाख 35 हजार का अनुदान मिला है.

देखिए वीडियो

गिद्धों की सुरक्षा के लिए वन्यजीव विभाग द्वारा हिमाचल सीमा पर चंदोला क्षेत्र में चक्की नदी के तट पर एक गिद्ध रेस्तरां स्थापित किया गया है. जहां गिद्धों को खाने के लिए मांस दिया जाता है. गिद्धों को खिलाए जाने वाले मांस की जांच के लिए धार में एक प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है. प्रयोगशाला में मांस का परीक्षण करने के बाद ही इसे गिद्धों को परोसा जाता है. पठानकोट के अलावा हिमाचल के दूर-दराज के इलाकों से गिद्ध भी इस गिद्ध रेस्तरां में आते हैं और खाना खाकर लौट जाते हैं.

डीएफओ परमजीत सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि अब भारत में गिद्धों की संख्या घट रही है. पेड़ों की कटाई और उचित भोजन की कमी के कारण उनकी प्रजातियों में भारी गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि गिद्धों का हमारे जीवन में बहुत विशेष महत्व है और वे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिसे देखते हुए गिद्धों की प्रजाति को बचाने के लिए विभाग ने गिद्धों का रेस्टोरेंट बनाया है ताकि यह प्रजाति जीवित रह सके. उन्होंने कहा कि पहले यहां 30 से 40 गिद्ध आते थे लेकिन अब इनकी संख्या 350 से 400 तक पहुंच गई है.

पढ़ें- Vultures in Himachal Pradesh: हिमाचल में सफल हो रहा गिद्ध बचाओ अभियान, सैटेलाइट टैगिंग से हो रही स्टडी

पठानकोट : गिद्धों की लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए पठानकोट के वन्यजीव विभाग ने बड़े प्रयास के तहत पठानकोट के चंडोला धार ब्लॉक (Vultures restaurant in Chandola of Pathankot) में 2012 में 'गिद्ध रेस्तरां' (Vultures restaurant) खोला था. यहां उन्हें खाने के लिए जानवरों का मांस दिया जाता है. इसी का नतीजा है कि हिमाचल और आसपास से भी बड़ी संख्या में गिद्ध यहां आते हैं. वन्यजीव विभाग को जिला प्रशासन से गिद्ध रेस्तरां के लिए 7 लाख 35 हजार का अनुदान मिला है.

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गिद्धों की सुरक्षा के लिए वन्यजीव विभाग द्वारा हिमाचल सीमा पर चंदोला क्षेत्र में चक्की नदी के तट पर एक गिद्ध रेस्तरां स्थापित किया गया है. जहां गिद्धों को खाने के लिए मांस दिया जाता है. गिद्धों को खिलाए जाने वाले मांस की जांच के लिए धार में एक प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है. प्रयोगशाला में मांस का परीक्षण करने के बाद ही इसे गिद्धों को परोसा जाता है. पठानकोट के अलावा हिमाचल के दूर-दराज के इलाकों से गिद्ध भी इस गिद्ध रेस्तरां में आते हैं और खाना खाकर लौट जाते हैं.

डीएफओ परमजीत सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि अब भारत में गिद्धों की संख्या घट रही है. पेड़ों की कटाई और उचित भोजन की कमी के कारण उनकी प्रजातियों में भारी गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि गिद्धों का हमारे जीवन में बहुत विशेष महत्व है और वे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिसे देखते हुए गिद्धों की प्रजाति को बचाने के लिए विभाग ने गिद्धों का रेस्टोरेंट बनाया है ताकि यह प्रजाति जीवित रह सके. उन्होंने कहा कि पहले यहां 30 से 40 गिद्ध आते थे लेकिन अब इनकी संख्या 350 से 400 तक पहुंच गई है.

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