ETV Bharat / bharat

'चंद्रयान-3' की सफल लॉन्चिंग के बाद ISRO का जोश हाई, 'गगनयान' प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार

वीएसएससी के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर ने कहा इसरो ने मनुष्य को अंतरिक्ष में पहुंचाने के लिए गगनयान मिशन पर काम शुरू कर दिया है. यह मिशन अभी शुरुआती चरण में है.

ISRO Scientist
ISRO Scientist
author img

By

Published : Jul 16, 2023, 9:19 AM IST

तिरुवनंतपुरम: विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर ने कहा इसरो ने मनुष्य को अंतरिक्ष में पहुंचाने के लिए गगनयान मिशन पर काम शुरू कर दिया है. यह मिशन अभी शुरुआती चरण में है. उन्नीकृष्णन ने कहा कि गगनयान के वर्तमान परीक्षण चरण को इसरो द्वारा 'G' स्तरीय परीक्षण कहा जाता है. इस चरण का 'जी' नाम प्रारंभ में गगनयान के पहले अक्षर के रूप में दिया गया है. उन्होंने बताया कि 'जी' स्तर के प्रयोग 7 चरणों में आयोजित किए जाएंगे. इसके तहत अंतरिक्ष में रॉकेटों का परीक्षण किया जाएगा. जी स्तर पूरा करने और एच स्तर तक परीक्षण पास करने के बाद इसरो वास्तविक गगनयान मिशन की तैयारी शुरू कर देगा. इसके लिए विभिन्न इसरो केंद्रों पर भी अध्ययन और गतिविधियां जारी हैं.

उन्होंने कहा कि 'गगनयान मिशन' अब अपने प्रारंभिक चरण में है. गगनयान मिशन का लक्ष्य इंसानों को पृथ्वी के 400 किलोमीटर अंदर भेजना और उन्हें सुरक्षित वापस लाना है. गगनयान उसी LVM 3 M4 रॉकेट का उपयोग करेगा, जिसका उपयोग चंद्रयान 3 को लॉन्च करने के लिए किया गया है. इसरो एलवीएम 3 एम4 रॉकेट लॉन्च करने को लेकर आश्वस्त है, जिसने सभी 7 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किए हैं.

उन्नीकृष्णन नायर ने बताया कि गगनयान मिशन में पेलोड के अलावा मानव जीवन भी शामिल है. इसलिए इसरो गगनयान अंतरिक्ष मिशन में सुरक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है. मनुष्यों को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में भेजने और वापस लाने की प्रणाली विकसित करने पर प्रयोग चल रहे हैं. इसके लिए प्रक्षेपण यान में एक क्रू एस्केप सिस्टम जोड़ा जाएगा.

आपको बता दें कि क्रू एस्केप सिस्टम एक रॉकेट पर स्थापित एक विशेष प्रणाली है, जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाती है. इन प्रणालियों का उद्देश्य किसी भी विफलता की स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाना है. वर्तमान रॉकेट जिसका उपयोग उपग्रहों के पिछले प्रक्षेपणों के लिए किया गया था, उसमें वह प्रणाली नहीं है. चूंकि इसमें मानव जीवन शामिल है, इसलिए इस प्रणाली को प्रक्षेपण यान की तुलना में अधिक विश्वसनीयता की आवश्यकता होती है.

ये भी पढ़ें-

गगनयान मिशन का लक्ष्य: गगनयान मिशन का उद्देश्य मनुष्यों को पृथ्वी के 400 किलोमीटर के दायरे में लाना और उन्हें सुरक्षित वापस लाना है. गगनयान उसी LVM3 M4 रॉकेट का उपयोग करेगा, जिसका उपयोग चंद्रयान 3 को लॉन्च करने के लिए किया गया था. जिस समय चंद्रयान मिशन के लिए रॉकेट का उपयोग किया गया था, उस समय रॉकेट पर इसके लिए विशेष व्यवस्था सफलतापूर्वक स्थापित की गई थी. चंद्रयान 3 की सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो काफी आश्वस्त है. अगर यह मिशन पूरी तरह सफल रहा तो इसरो धीरे-धीरे गगनयान के सपने की ओर चलना शुरू कर देगा.

तिरुवनंतपुरम: विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर ने कहा इसरो ने मनुष्य को अंतरिक्ष में पहुंचाने के लिए गगनयान मिशन पर काम शुरू कर दिया है. यह मिशन अभी शुरुआती चरण में है. उन्नीकृष्णन ने कहा कि गगनयान के वर्तमान परीक्षण चरण को इसरो द्वारा 'G' स्तरीय परीक्षण कहा जाता है. इस चरण का 'जी' नाम प्रारंभ में गगनयान के पहले अक्षर के रूप में दिया गया है. उन्होंने बताया कि 'जी' स्तर के प्रयोग 7 चरणों में आयोजित किए जाएंगे. इसके तहत अंतरिक्ष में रॉकेटों का परीक्षण किया जाएगा. जी स्तर पूरा करने और एच स्तर तक परीक्षण पास करने के बाद इसरो वास्तविक गगनयान मिशन की तैयारी शुरू कर देगा. इसके लिए विभिन्न इसरो केंद्रों पर भी अध्ययन और गतिविधियां जारी हैं.

उन्होंने कहा कि 'गगनयान मिशन' अब अपने प्रारंभिक चरण में है. गगनयान मिशन का लक्ष्य इंसानों को पृथ्वी के 400 किलोमीटर अंदर भेजना और उन्हें सुरक्षित वापस लाना है. गगनयान उसी LVM 3 M4 रॉकेट का उपयोग करेगा, जिसका उपयोग चंद्रयान 3 को लॉन्च करने के लिए किया गया है. इसरो एलवीएम 3 एम4 रॉकेट लॉन्च करने को लेकर आश्वस्त है, जिसने सभी 7 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किए हैं.

उन्नीकृष्णन नायर ने बताया कि गगनयान मिशन में पेलोड के अलावा मानव जीवन भी शामिल है. इसलिए इसरो गगनयान अंतरिक्ष मिशन में सुरक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है. मनुष्यों को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में भेजने और वापस लाने की प्रणाली विकसित करने पर प्रयोग चल रहे हैं. इसके लिए प्रक्षेपण यान में एक क्रू एस्केप सिस्टम जोड़ा जाएगा.

आपको बता दें कि क्रू एस्केप सिस्टम एक रॉकेट पर स्थापित एक विशेष प्रणाली है, जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाती है. इन प्रणालियों का उद्देश्य किसी भी विफलता की स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाना है. वर्तमान रॉकेट जिसका उपयोग उपग्रहों के पिछले प्रक्षेपणों के लिए किया गया था, उसमें वह प्रणाली नहीं है. चूंकि इसमें मानव जीवन शामिल है, इसलिए इस प्रणाली को प्रक्षेपण यान की तुलना में अधिक विश्वसनीयता की आवश्यकता होती है.

ये भी पढ़ें-

गगनयान मिशन का लक्ष्य: गगनयान मिशन का उद्देश्य मनुष्यों को पृथ्वी के 400 किलोमीटर के दायरे में लाना और उन्हें सुरक्षित वापस लाना है. गगनयान उसी LVM3 M4 रॉकेट का उपयोग करेगा, जिसका उपयोग चंद्रयान 3 को लॉन्च करने के लिए किया गया था. जिस समय चंद्रयान मिशन के लिए रॉकेट का उपयोग किया गया था, उस समय रॉकेट पर इसके लिए विशेष व्यवस्था सफलतापूर्वक स्थापित की गई थी. चंद्रयान 3 की सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो काफी आश्वस्त है. अगर यह मिशन पूरी तरह सफल रहा तो इसरो धीरे-धीरे गगनयान के सपने की ओर चलना शुरू कर देगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.