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BSP विधायक ने दिया ज्ञान- स्वेच्छा से दी गई रिश्वत आटे में एक चुटकी नमक की तरह ले सकते हैं - BSP MLA tells MP officials

मध्य प्रदेश के जिले दमोह में सतऊआ गांव के कुछ लोग पीएम आवास योजना में अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने की शिकायत लेकर बसपा की चर्चित विधायक राम बाई सिंह के पास पहुंचे थे. लोगों को उम्मीद थी कि कोई सुनवाई होगी, लेकिन विधायक राम बाई उल्टा ज्ञान देने लगीं. विधायक राम बाई ने कहा कि थोड़ा-बहुत तो चलता है, लेकिन किसी गरीब से हजारों रुपये नहीं लेने चाहिए. अगर एक हजार रुपये भी लेते हैं, तो चलता लेकिन सवा लाख के घर में पांच-दस हजार की रिश्वत लेना गलत है.

Rambai Singh
Rambai Singh
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Published : Sep 28, 2021, 6:49 PM IST

भोपाल : अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली मध्य प्रदेश की बीएसपी विधायक रामबाई सिंह एक फिर सुर्खियों में हैं. उनका रिश्वत को लेकर दिए गए बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है. विधायक रामबाई सिंह ने कथित तौर पर अधिकारियों से यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि वे 'स्वेच्छा से दी गई' रिश्वत को 'आटे में एक चुटकी नमक' की तरह स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन ऐसा भी नहीं कि किसी से पूरी की पूरी थाली ही छीन लो.

राज्य पंचायत अधिकारियों की मौजूदगी में दमोह जिले में सिंह और उनके निर्वाचन क्षेत्र पथरिया के कुछ ग्रामीणों के बीच बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

सिंह ने अधिकारियों से कहा कि वे कुछ ग्रामीणों से कथित रूप से लिए गए धन को वापस करें, जिन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धन जारी करने के लिए अलग-अलग राशि की रिश्वत देनी पड़ी. यह वीडियो रविवार को पथरिया विधानसभा क्षेत्र के सतौआ गांव में शूट किया गया था.

पढ़ेंः उपराष्ट्रपति नायडू बोले- राजनेता तेजी से पार्टियां बदल रहे हैं, जैसे बच्चे कपड़े बदलते हैं

वायरल वीडियो क्लिप में सिंह एक कमरे में बैठकर यह पूछते हुए दिख रही हैं कि पीएम आवास योजना के तहत धनराशि जारी करने के लिए पैसे किसने दिए, तब फर्श पर बैठे कम से कम छह ग्रामीण यह कहते हुए खड़े हो गए कि उन्होंने 5,000 रुपये से 9,000 रुपये के बीच भुगतान किया है.

इसके बाद विधायक कमरे में कुर्सियों पर बैठे पंचायत सचिव और रोजगार सहायक की ओर इशारा कर गांव वालों से पैसे देने के बारे में पूछतीं हैं. बाद में, वह दोनों अधिकारियों से कहती हैं कि 'यदि आप 500 रुपये या 1,000 रुपये लेते हैं तो कोई समस्या नहीं होती. देखिए, यह आटे में नमक की तरह काम करता है. ऐसा भी नहीं कि ग्रामीणों से पूरी की पूरी थाली ही छीन लो.

सिंह ने अधिकारियों को बताया कि ये ग्रामीण 6,000 रुपये प्रति माह कमाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और आजीविका कमाने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं, जिसे अधिकारियों ने ले लिया. सिंह ने बाद में उनसे पैसे वापस करने को कहा.

मामले में दमोह के जिला कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने कहा कि उन्हें अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है. कृष्ण चैतन्य ने कहा कि उन्होंने पथरिया जनपद के सीईओ को वीडियो सामने आने के बाद ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है.

पढ़ेंः हैवानियत : अगवा कर किया दुष्कर्म, फिर सिगरेट से दागा, हत्या के बाद शव पेड़ से लटकाया

भोपाल : अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली मध्य प्रदेश की बीएसपी विधायक रामबाई सिंह एक फिर सुर्खियों में हैं. उनका रिश्वत को लेकर दिए गए बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है. विधायक रामबाई सिंह ने कथित तौर पर अधिकारियों से यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि वे 'स्वेच्छा से दी गई' रिश्वत को 'आटे में एक चुटकी नमक' की तरह स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन ऐसा भी नहीं कि किसी से पूरी की पूरी थाली ही छीन लो.

राज्य पंचायत अधिकारियों की मौजूदगी में दमोह जिले में सिंह और उनके निर्वाचन क्षेत्र पथरिया के कुछ ग्रामीणों के बीच बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

सिंह ने अधिकारियों से कहा कि वे कुछ ग्रामीणों से कथित रूप से लिए गए धन को वापस करें, जिन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धन जारी करने के लिए अलग-अलग राशि की रिश्वत देनी पड़ी. यह वीडियो रविवार को पथरिया विधानसभा क्षेत्र के सतौआ गांव में शूट किया गया था.

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वायरल वीडियो क्लिप में सिंह एक कमरे में बैठकर यह पूछते हुए दिख रही हैं कि पीएम आवास योजना के तहत धनराशि जारी करने के लिए पैसे किसने दिए, तब फर्श पर बैठे कम से कम छह ग्रामीण यह कहते हुए खड़े हो गए कि उन्होंने 5,000 रुपये से 9,000 रुपये के बीच भुगतान किया है.

इसके बाद विधायक कमरे में कुर्सियों पर बैठे पंचायत सचिव और रोजगार सहायक की ओर इशारा कर गांव वालों से पैसे देने के बारे में पूछतीं हैं. बाद में, वह दोनों अधिकारियों से कहती हैं कि 'यदि आप 500 रुपये या 1,000 रुपये लेते हैं तो कोई समस्या नहीं होती. देखिए, यह आटे में नमक की तरह काम करता है. ऐसा भी नहीं कि ग्रामीणों से पूरी की पूरी थाली ही छीन लो.

सिंह ने अधिकारियों को बताया कि ये ग्रामीण 6,000 रुपये प्रति माह कमाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और आजीविका कमाने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं, जिसे अधिकारियों ने ले लिया. सिंह ने बाद में उनसे पैसे वापस करने को कहा.

मामले में दमोह के जिला कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने कहा कि उन्हें अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है. कृष्ण चैतन्य ने कहा कि उन्होंने पथरिया जनपद के सीईओ को वीडियो सामने आने के बाद ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है.

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