अमरावती : पूर्व सांसद विवेकानंद रेड्डी की हत्या मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि किसी ने रेड्डी के साथ मारपीट की होगी और उन्हें नोट लिखने के लिए मजबूर किया गया होगा. शव के पास बरामद एक नोट को लेकर सीबीआई का मानना है कि नोट पर लिखावट भ्रमित और अस्पष्ट लगती है.
सीबीआई अधिकारियों ने लिखावट के मनोवैज्ञानिक विश्लेषण के लिए नोट को दिल्ली स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) भेजा है. सीबीआई का कहना है कि कुछ दिन पहले उन्हें रिपोर्ट मिली थी, जिसे उन्होंने केस चार्जशीट के साथ कोर्ट में जमा किया है.
सीबीआई रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु-
नोट का विश्लेषण करने पर, CFSL ने पहचान की है कि विवेकानंद रेड्डी के शव के पास मिले नोट की लिखावट कलम और मस्तिष्क के बीच समन्वय की कमी को दर्शाती है. CFSL रिपोर्ट में कहा गया है कि नोट अत्यधिक शारीरिक तनाव के बीच लिखा गया है. ऐसा लगता है कि उस व्यक्ति को नोट लिखने के लिए मजबूर किया गया होगा. रिपोर्ट में कहा गया है, पत्र में लिखे गए अक्षरों में बिखराव था और इस कारण नोट में जोड़ने वाले (cohesive) शब्द नहीं थे. जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कागज पर कलम का एक समान दबाव नहीं था. शब्द भी अलग-अलग आकार के पाए गए हैं.
सांसद के हस्ताक्षर पर भी संदेह
फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, नोट में मिले हस्ताक्षर विवेकानंद रेड्डी के आधिकारिक हस्ताक्षर से मेल नहीं खाते. उनके हस्ताक्षर में नाम का पहला अक्षर शामिल था, जो कि YS है. नोट में किए गए साइन में ऐसा कोई शुरुआती अक्षर नहीं पाया गया. यह भी पाया गया कि हस्ताक्षर हिले-डुले अक्षरों में किया गया है. फॉरेंसिक रिपोर्ट में अधूरे और अस्पष्ट नोट के बारे में अनुमान लगाया कि रेड्डी ने यह नोट को आंशिक रूप से सचेत अवस्था में लिखा होगा.
नोट में क्या लिखा है
गौरतलब है कि 15 मार्च, 2019 को विवेकानंद रेड्डी की हत्या का मामला सामने आया था. विवेका हत्या मामले में सीबीआई जांच के दौरान रेड्डी के शव के पास एक नोट मिला था. अब तक की मीडिया रिपोर्ट में ऐसा माना जाता रहा है कि विवेकानंद रेड्डी ने खुद नोट लिखा था. परिवार वालों ने नोट पुलिस के हवाले कर दिया था. तत्कालीन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विवेकानंद रेड्डी ने पत्र में लिखा था, मेरे ड्राइवर ने मुझे पीट-पीटकर मार डाला क्योंकि मैंने उसे ड्यूटी पर जल्दी रिपोर्ट करने के लिए कहा था. मेरे लिए यह नोट लिखना बहुत मुश्किल था. चालक प्रसाद को ढीला न पड़ने दें. आपका, विवेकानंद रेड्डी.' अब सीबीआई अधिकारियों ने यह पत्र फॉरेंसिंक रिपोर्ट के साथ कोर्ट को सौंप दिया है.
पूर्व सीएम ने जगन सरकार पर साधा निशाना
गौरतलब है कि गत 18 फरवरी को आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड के संबंध में सीबीआई जांच को लेकर बयान दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि वाईएस विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड के संबंध में सीबीआई जांच की रिपोर्ट की बातें सामने आने के बाद वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता बेनकाब हो (Vivekananda Reddy murder CBI probe exposes YSRCP) गए हैं.
सीएम की सलाहकार का बयान
नायडू ने कहा था, विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड के संबंध में सीबीआई जांच के खुलासे से जगनमोहन रेड्डी सरकार पूरी तरह बेनकाब हो गई है. नायडू ने दावा किया कि सीबीआई जांच के बाद स्पष्ट रूप से स्थापित हो गया है कि वाईएसआरसीपी सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी हत्या स्थल पर जाने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने वाले पहले व्यक्ति थे. उन्होंने कहा कि वाईएसआरसीपी नेताओं की संलिप्तता के बारे में तथ्य सामने आए थे, लेकिन सीएम की सलाहकार सज्जला रामकृष्ण रेड्डी गुमराह करने का प्रयास करते हुए कह रही थीं कि सीबीआई पीड़ितों को निशाना बना रही है.
नायडू ने कहा, सीबीआई जांच से साफ हुई तस्वीर
आंध्र प्रदेश विधानसभा में विपक्षी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता उम्मीद कर रहे थे कि सभी वर्ग के लोग उनके कहे और किए पर आंखें बंद करके विश्वास करेंगे. उन्होंने कहा, 'सज्जला कैसे कह सकती हैं कि विवेका हत्याकांड में वाईएसआरसीपी के नेता पीड़ित थे? उनकी बेटी की अदालती याचिका के कारण सीबीआई ने जांच की और विवेकानंद हत्याकांड का पर्दाफाश किया.'
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विधायक का आरोप- सीएम जगन को बदनाम कर रहे नायडू
वाईएसआर कांग्रेस विधायक टी प्रकाश ने कहा, चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया, नायडू को बताना चाहिए कि आंध्र प्रदेश में टीडीपी शासन के दौरान विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच के दौरान क्या तथ्य सामने आए ? उन्होंने कहा कि नायडू का यह कहना कि सीएम जगन के परिवार से कोई विवेकानंद रेड्डी हत्या मामले में शामिल है, पूरी तरह गलत है. टी प्रकाश के मुताबिक इस मामले में वाई गंगीरेड्डी के अपराध स्वीकार करने वाले बयान के आधार पर सीबीआई को तत्कालीन सीएम चंद्रबाबू नायडू और उनकी सरकार में मंत्री रहे आदिनारायण रेड्डी की भूमिका की जांच करनी चाहिए.
(एक्सट्रा इनपुट- आईएएनएस)