हैदराबाद: कडप्पा सांसद अविनाश रेड्डी को पूर्व मंत्री वाईएस विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड में हाईकोर्ट से राहत मिली है. तेलंगाना उच्च न्यायालय ने अविनाश रेड्डी द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें इस महीने की 25 तारीख तक गिरफ्तार नहीं करने का अंतरिम आदेश जारी किया है. अदालत ने अविनाश रेड्डी को इस महीने की 25 तारीख तक हर दिन सुनवाई में शामिल होने का भी आदेश दिया. अविनाश ने पूछताछ की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग का सुझाव दिया.
हाईकोर्ट ने कहा है कि वह इस महीने की 25 तारीख को अग्रिम जमानत याचिका पर अंतिम फैसला सुनाएगा. सांसद अविनाश रेड्डी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता टी. निरंजन रेड्डी ने दलीलें पेश कीं. उन्होंने कहा कि आरोपी दस्तागिरी के बयान को छोड़कर अविनाश के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. गूगल टेकआउट डेटा पर भरोसा करना जांच के लिए अनुचित है. दस्तागिरी की गवाही और सुनील यादव की हरकतों पर गूगल डेटा विरोधाभासी हैं.
उन्होंने दलील दी कि क्या दस्तागिरी गलत है? क्या Google डेटा गलत है? विवेका की हत्या का कारण पारिवारिक, आर्थिक विवाद और विवाहेतर संबंध हो सकते हैं. रिश्तेदार होने के नाते हम तुरंत हत्या की जगह गए. उन्होंने दलील दी कि कमरा साफ करने के पीछे कोई साजिश नहीं है. बेंच ने इस स्तर पर हस्तक्षेप किया और सवाल किया कि विवेकानंद को यह क्यों बताया गया कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है. अविनाश के वकील ने कोर्ट से कहा कि अगर वहां के लोग कहते कि यह हार्ट अटैक है तो वे भी यही कहते.
पीठ के ध्यान में लाया गया कि अविनाश रेड्डी आज की जांच को स्पष्ट करने के लिए सीबीआई जांच के लिए तैयार हैं. सीबीआई के वकील ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट में जांच चल रही है, इस पर बुधवार सुबह सुनवाई होगी. तर्क सुने गए कि अविनाश रेड्डी से और अधिक जानकारी एकत्र की जानी चाहिए और उन्हें अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए. सीबीआई के वकील ने कहा कि पूर्व में चार बार पूछताछ किए जाने पर अविनाश ने सहयोग नहीं किया. अविनाश रेड्डी विवेका को मारने की साजिश जानते हैं.
सीबीआई के वकील ने कहा कि हमने जांच में वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्य जुटाए हैं. अविनाश रेड्डी बहुत प्रभावशाली व्यक्ति हैं. वित्तीय और विवाहेतर संबंधों का कोई सबूत नहीं है. हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद नहीं हुआ. हत्या के बाद आरोपी हथियार लेकर अविनाश के घर गया था. गौरतलब है कि विवेका हत्याकांड में जांच के लिए पेश होने को लेकर सीबीआई द्वारा एक बार फिर नोटिस जारी किए जाने के बाद सांसद अविनाश रेड्डी ने तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने अदालत से याचिका की सुनवाई तक अंतरिम अग्रिम जमानत देने की मांग की थी.