नई दिल्ली : हिंदू धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है. उन्हें देवताओं के शिल्पी के रूप में भी जाना जाता है. आज भगवान विश्वकर्मा जयंती पर आज देशभर में उनकी पूजा की जा रही. बताया जाता है कि इस दिन ही ऋषि विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. जयंती पर इंजीनियरिंग संस्थानों के अलावा फैक्ट्रियों, कल-कारखानों में औजारों की पूजा की जाती है.
विश्वकर्मा पूजा विधि
आज के दिन ऑफिस, फैक्ट्री, वर्कशॉप, दुकान आदि के मालिक सुबह स्नान आदि करके भगवान की विश्वकर्मा की प्रतिमा व मशीनों के अलावा औजारों की पूजा की जाती है. पूजा शुरू करने से पहले पूजा स्थल पूजा चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित करें. तत्पश्चात कलश को हल्दी और चावल के साथ रक्षासूत्र चढ़ाएं, इसके बाद पूजा मंत्र 'ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:', 'ॐ अनन्तम नम:', 'पृथिव्यै नम:' का जाप करना चाहिए. इसके अलावा अब जिन चीजों की पूजा करनी है, उनपर हल्दी अक्षत और रोली लगाएं. अब भगवान विश्वकर्मा को अक्षत, फूल, चंदन, धूप, अगरबत्ती, दही, रोली, सुपारी, रक्षा सूत्र, मिठाई, फल आदि अर्पित करें. धूप दीप से आरती करें.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विश्वकर्मा जयंती पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कामना की कि देश प्रगति और समृद्धि की नयी ऊंचाइयों को प्राप्त करता रहे. हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है. प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट किया, 'भगवान विश्वकर्मा जयंती के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. देशवासियों पर देवशिल्पी की कृपा सदैव बनी रहे और हमारा देश प्रगति एवं समृद्धि की नित नई ऊंचाइयों को प्राप्त करता रहे.'
प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की पिछली कड़ी में विश्वकर्मा जयंती के बारे में विस्तार से अपने विचार रखे थे. इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने अपने इन विचारों के कुछ अंश भी साझा किए.