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राजस्थान : विधायक विश्वेंद्र सिंह ने भरतपुर को किया भाजपा मुक्त - Vishvendra Singh liberated BJP

राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट कैंप के माने जाने वाले विधायक विश्वेंद्र सिंह ने भरतपुर जिले को भाजपा मुक्त कर दिया है. भरतपुर से भाजपा का सूपड़ा साफ होने के बाद एक बार फिर विश्वेंद्र और भाजपा को लेकर पूर्व में चली चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. लेकिन, इस बार सियासी गलियारों में चर्चा यह ज्यादा तेज है कि जिस विश्वेंद्र सिंह पर कभी कांग्रेस से नाराजगी के बाद भाजपा में जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी. आज उन्हीं विश्वेंद्र सिंह ने भरतपुर को भाजपा से मुक्त कर दिया है.

विधायक विश्वेंद्र सिंह
विधायक विश्वेंद्र सिंह
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Published : Dec 21, 2020, 9:38 PM IST

भरतपुर : राजस्थान के भरतपुर जिले के आठ निकायों में भाजपा का पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो चुका है. पूर्व मंत्री और डीग-कुम्हेर विधायक विश्वेंद्र सिंह के गृह जिले में हुए इस उलटफेर के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम हो चुका है. इन चर्चाओं में जहां जिले में विश्वेंद्र सिंह की रणनीति की तारीफ हो रही है. वहीं, पूर्व में उनपर भाजपा में जाने को लेकर लगाई जा रही अटकलों और वर्तमान के चुनाव परिणामों को लेकर भी चर्चा तेज है.

भरतपुर जिला भाजपा मुक्त.

सियासी गलियारों में चर्चा है कि भरतपुर को भाजपा मुक्त करने वाले जिस विश्वेंद्र सिंह पर कभी भाजपा में जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, आज उन्हीं विश्वेंद्र सिंह ने निकाय चुनाव में भाजपा का पूरी तरह से सफाया कर दिया है. निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि निकायों के चुनाव में भाजपा का पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया है. सभी आठों निकायों में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी विजयी हुए हैं और जिला भाजपा मुक्त हो गया है. उन्होंने कहा कि जिले में भाजपा का 8 निकाय में से कहीं भी बोर्ड नहीं बना है.

पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि जिले में एक सांसद के अलावा भाजपा का कोई जनप्रतिनिधि नहीं है. विश्वेन्द्र सिंह ने कहा है कि जनता सहित सभी निर्वाचित पार्षदों ने कांग्रेस सरकार के काम पर मोहर लगाई है. कांग्रेस ने अपने इलेक्शन मेनिफेस्टो को पूरा किया है.

पढ़ें- ममता के 'आउटसाइडर' वाले बयान पर भड़के राज्यपाल, बताया 'असंवैधानिक संस्कृति'

नगर पालिका बयाना के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के विनोद कुमार एवं नगरपालिका डीग के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के निरंजन लाल टकसालिया को निविरोध निर्वाचित घोषित किया गया.

नगर पालिका भुसावर के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की सुनीता देवी ने भाजपा के इंदरमल पहाड़िया को 18 मतों से हरा दिया, तो वहीं नगरपालिका कामां के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की गीता देवी ने निर्दलीय सीमा देवी को पांच मतों से, नगरपालिका कुम्हेर के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के राजीव ने भाजपा के प्रताप सिंह को 10 मतों से, नगरपालिका नदबई के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की हरवती देवी ने भाजपा की कृष्णा कुमारी को तीन मतों से, नगरपालिका नगर के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के रामावतार ने भाजपा की रूपवती को 33 मतों से, नगरपालिका वैर के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के विष्णु कुमार ने निर्दलीय सुनील कुमार को 21 मतों के अन्तर से हराया.

गौरतलब है कि रविवार को जिले की आठ नगर पालिकाओं में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव था, जिसके लिए कांग्रेसी और भाजपा ने बीते कई दिनों से खींचतान शुरू कर दी थी लेकिन जिले की आठ नगर पालिकाओं में कांग्रेस की रणनीति काम आई और सभी जगह जीत हासिल की.

कांग्रेस से नाराजगी के बाद लगे थे आरोप
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की ओर से सीएम अशोक गहलोत की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जताने के दौरान मंत्री रहते हुए विश्वेंद्र सिंह ने भी कई सवाल खड़े किए थे. वे भी सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाते हुए पायलट कैंप में चले गए थे, जिसके बाद पायलट समेत विश्वेंद्र सिंह के भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई थी.

इन अटकलों के बीच पार्टी स्तर पर कई बार आरोप-प्रत्यारोप के दौर भी चले लेकिन, बाद में दिल्ली में मामला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी के दखल के बाद मामला शांत हुआ था.

हालांकि, विश्वेंद्र सिंह को अपनी नाराजगी का खामियाजा मंत्री का पद गंवाकर भुगतना पड़ा था, लेकिन इस निकाय चुनाव में भरतपुर में कांग्रेस को मिली शानदार जीत ने विश्वेंद्र की राजनीतिक पकड़ को और मजबूती दी है. साथ ही उनके भाजपा में जाने को लेकर चल रही चर्चाओं पर भी पूरी तरह से विराम लग गया है.

भरतपुर : राजस्थान के भरतपुर जिले के आठ निकायों में भाजपा का पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो चुका है. पूर्व मंत्री और डीग-कुम्हेर विधायक विश्वेंद्र सिंह के गृह जिले में हुए इस उलटफेर के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम हो चुका है. इन चर्चाओं में जहां जिले में विश्वेंद्र सिंह की रणनीति की तारीफ हो रही है. वहीं, पूर्व में उनपर भाजपा में जाने को लेकर लगाई जा रही अटकलों और वर्तमान के चुनाव परिणामों को लेकर भी चर्चा तेज है.

भरतपुर जिला भाजपा मुक्त.

सियासी गलियारों में चर्चा है कि भरतपुर को भाजपा मुक्त करने वाले जिस विश्वेंद्र सिंह पर कभी भाजपा में जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, आज उन्हीं विश्वेंद्र सिंह ने निकाय चुनाव में भाजपा का पूरी तरह से सफाया कर दिया है. निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि निकायों के चुनाव में भाजपा का पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया है. सभी आठों निकायों में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस प्रत्याशी विजयी हुए हैं और जिला भाजपा मुक्त हो गया है. उन्होंने कहा कि जिले में भाजपा का 8 निकाय में से कहीं भी बोर्ड नहीं बना है.

पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि जिले में एक सांसद के अलावा भाजपा का कोई जनप्रतिनिधि नहीं है. विश्वेन्द्र सिंह ने कहा है कि जनता सहित सभी निर्वाचित पार्षदों ने कांग्रेस सरकार के काम पर मोहर लगाई है. कांग्रेस ने अपने इलेक्शन मेनिफेस्टो को पूरा किया है.

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नगर पालिका बयाना के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के विनोद कुमार एवं नगरपालिका डीग के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के निरंजन लाल टकसालिया को निविरोध निर्वाचित घोषित किया गया.

नगर पालिका भुसावर के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की सुनीता देवी ने भाजपा के इंदरमल पहाड़िया को 18 मतों से हरा दिया, तो वहीं नगरपालिका कामां के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की गीता देवी ने निर्दलीय सीमा देवी को पांच मतों से, नगरपालिका कुम्हेर के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के राजीव ने भाजपा के प्रताप सिंह को 10 मतों से, नगरपालिका नदबई के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की हरवती देवी ने भाजपा की कृष्णा कुमारी को तीन मतों से, नगरपालिका नगर के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के रामावतार ने भाजपा की रूपवती को 33 मतों से, नगरपालिका वैर के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के विष्णु कुमार ने निर्दलीय सुनील कुमार को 21 मतों के अन्तर से हराया.

गौरतलब है कि रविवार को जिले की आठ नगर पालिकाओं में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव था, जिसके लिए कांग्रेसी और भाजपा ने बीते कई दिनों से खींचतान शुरू कर दी थी लेकिन जिले की आठ नगर पालिकाओं में कांग्रेस की रणनीति काम आई और सभी जगह जीत हासिल की.

कांग्रेस से नाराजगी के बाद लगे थे आरोप
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की ओर से सीएम अशोक गहलोत की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जताने के दौरान मंत्री रहते हुए विश्वेंद्र सिंह ने भी कई सवाल खड़े किए थे. वे भी सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाते हुए पायलट कैंप में चले गए थे, जिसके बाद पायलट समेत विश्वेंद्र सिंह के भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई थी.

इन अटकलों के बीच पार्टी स्तर पर कई बार आरोप-प्रत्यारोप के दौर भी चले लेकिन, बाद में दिल्ली में मामला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी के दखल के बाद मामला शांत हुआ था.

हालांकि, विश्वेंद्र सिंह को अपनी नाराजगी का खामियाजा मंत्री का पद गंवाकर भुगतना पड़ा था, लेकिन इस निकाय चुनाव में भरतपुर में कांग्रेस को मिली शानदार जीत ने विश्वेंद्र की राजनीतिक पकड़ को और मजबूती दी है. साथ ही उनके भाजपा में जाने को लेकर चल रही चर्चाओं पर भी पूरी तरह से विराम लग गया है.

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