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Left Wing Extremism पर शाह ने की समीक्षा बैठक, कहा- नक्सलवाद मानवता के लिए अभिशाप

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By PTI

Published : Oct 6, 2023, 5:32 PM IST

Updated : Oct 6, 2023, 5:44 PM IST

वामपंथी उग्रवाद की समीक्षा बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2022 में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले 4 दशकों में सबसे कम हिंसा और मौतें देखी गईं. समीक्षा बैठक में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और झारखंड के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया.

Union Home Minister Amit Shah
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नक्सल प्रभावित राज्यों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. इन राज्यों में साल 2010 के मुकाबले साल 2022 में हिंसक घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. समीक्षा बैठक में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और झारखंड के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बैठक में भाग लिया.

इनके अलावा ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व राज्य के मंत्रियों ने किया. शाह ने कहा, 'नक्सलवाद मानवता के लिए अभिशाप है और हम इसे इसके सभी रूपों में उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पित हैं.' अधिकारियों ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में देश में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से संबंधित सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है. केंद्र सरकार ने 2015 में एलडब्ल्यूई से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को मंजूरी दी थी.

  • Naxalism is a curse to humanity and we are resolved to uproot it in all its forms.

    I look forward to chairing the Review Meeting on Left Wing Extremism (LWE) in New Delhi today to further our efforts to fulfil PM @narendramodi Ji’s vision of an LWE-free nation. https://t.co/l3bEtP0Vv3

    — Amit Shah (@AmitShah) October 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अधिकारियों ने कहा कि नीति में एक बहु-आयामी रणनीति की परिकल्पना की गई है, जिसमें सुरक्षा संबंधी उपाय, विकास संबंधी कामकाज, स्थानीय समुदायों के अधिकार और हकदारी सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इस नीति के लगातार कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप देश भर में वामपंथी उग्रवाद की हिंसा में लगातार कमी आई है. उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं की संख्या में 2010 के उच्च स्तर के मुकाबले 2022 में 77 प्रतिशत की कमी आई है.

साल 2010 की तुलना में 2022 में सुरक्षा बलों और नागरिकों की मौतों की संख्या में भी 90 प्रतिशत की कमी आई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2004 से 2014 तक, वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 17,679 घटनाएं हुईं और 6,984 मौतें हुईं. इसके विपरीत, 2014 से 2023 तक (15 जून 23 तक) वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 7,649 घटनाएं हुई हैं और 2,020 मौतें हुई हैं.

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नक्सल प्रभावित राज्यों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. इन राज्यों में साल 2010 के मुकाबले साल 2022 में हिंसक घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. समीक्षा बैठक में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और झारखंड के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बैठक में भाग लिया.

इनके अलावा ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व राज्य के मंत्रियों ने किया. शाह ने कहा, 'नक्सलवाद मानवता के लिए अभिशाप है और हम इसे इसके सभी रूपों में उखाड़ फेंकने के लिए संकल्पित हैं.' अधिकारियों ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में देश में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से संबंधित सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है. केंद्र सरकार ने 2015 में एलडब्ल्यूई से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को मंजूरी दी थी.

  • Naxalism is a curse to humanity and we are resolved to uproot it in all its forms.

    I look forward to chairing the Review Meeting on Left Wing Extremism (LWE) in New Delhi today to further our efforts to fulfil PM @narendramodi Ji’s vision of an LWE-free nation. https://t.co/l3bEtP0Vv3

    — Amit Shah (@AmitShah) October 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अधिकारियों ने कहा कि नीति में एक बहु-आयामी रणनीति की परिकल्पना की गई है, जिसमें सुरक्षा संबंधी उपाय, विकास संबंधी कामकाज, स्थानीय समुदायों के अधिकार और हकदारी सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इस नीति के लगातार कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप देश भर में वामपंथी उग्रवाद की हिंसा में लगातार कमी आई है. उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं की संख्या में 2010 के उच्च स्तर के मुकाबले 2022 में 77 प्रतिशत की कमी आई है.

साल 2010 की तुलना में 2022 में सुरक्षा बलों और नागरिकों की मौतों की संख्या में भी 90 प्रतिशत की कमी आई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2004 से 2014 तक, वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 17,679 घटनाएं हुईं और 6,984 मौतें हुईं. इसके विपरीत, 2014 से 2023 तक (15 जून 23 तक) वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 7,649 घटनाएं हुई हैं और 2,020 मौतें हुई हैं.

Last Updated : Oct 6, 2023, 5:44 PM IST
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