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vims Hospital Tragedy: भाजपा विधायक ने अपने ही स्वास्थ्य मंत्री पर उठाये सवाल - upset against Minister Sudhakar

भाजपा विधायक सोमशेखर रेड्डी ने कहा कि विम्स त्रासदी अस्पताल निदेशक डॉ गंगाधर गौड़ा की लापरवाही के कारण हुई है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर के बारे में कहा कि मंत्री किसी को विश्वास में नहीं लेते, अपने तरीके से काम करते हैं.

vims Hospital Tragedy
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Published : Sep 18, 2022, 7:15 AM IST

बेंगलुरु/बल्लारी: कर्नाटक में बिजली जाने से हुई संदिग्ध मौत के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. बल्लारी स्थित विजयनगर चिकित्सा विज्ञान संस्थान (वीआईएमएस) के निदेशक डॉ टी. गंगाधर गौड़ा ने आरोप लगाया है कि उनकी छवि खराब करने के लिए पूर्वनियोजित तरीके से यह किया गया. गुर्दे की बीमारी से पीड़ित मौला हुसैन (35) और सांप काटने का शिकार हुई चेट्टेम्मा (30) की बल्लारी के सरकारी अस्पताल में बुधवार को सुबह क्रमशः साढ़े नौ बजे और नौ बजकर 35 मिनट पर मौत हो गई थी.

इधर, भाजपा विधायक सोमशेखर रेड्डी ने अपनी ही सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि विम्स त्रासदी अस्पताल निदेशक डॉ गंगाधर गौड़ा की लापरवाही के कारण हुई है. उन्होंने कहा कि हमने स्वास्थ्य मंत्री को बताया था कि वह निदेशक के पद पर रहने लायक व्यक्ति नहीं हैं. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने उन्हें नियुक्त किया है. विधायक सोमशेखर रेड्डी ने अप्रत्यक्ष रूप से मंत्री सुधाकर के प्रदर्शन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनसे ज्यादा कई अनुभवी डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री किसी को विश्वास में नहीं लेते, अपने तरीके से काम करते हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई हमारे सभी सवालों का जवाब देते हैं. हम सीएम से अनुरोध करते हैं कि हमारी समस्या का समाधान करें और वर्तमान निदेशक को बदल दें.

कुछ खबरों में कहा गया कि अस्पताल में यह मौतें बिजली जाने और जनरेटर खराब होने की वजह से हुई. डॉ गौड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि मैंने इस मामले से जुड़ी कुछ ऑडियो क्लिप सुनी है. यह (बिजली कटना) पूर्वनियोजित था. मैं सभी विवरण एकत्र करूंगा कि उन्होंने (साजिश करने वालों ने) किस तरह दूसरों की मिलीभगत से साजिश रची. इसकी रिपोर्ट जिले के उपायुक्त को दूंगा. उन्होंने कहा कि वह शिकायत भी दर्ज कराएंगे.

पढ़ें: कर्नाटक : ICU में मरीजों की मौत का मामला विधानसभा में गूंजा, मुआवजे का एलान

वीआईएमएस के निदेशक ने कहा कि मुझे 19 अगस्त को निदेशक नियुक्त किया गया था इसलिए बिजली काटी गई. बिजली किसने काटी इसका मेरे पास निश्चित तौर पर सबूत नहीं है. इसकी जानकारी लेने के बाद मैं (साजिश करने वालों के विरुद्ध) शिकायत दर्ज कराऊंगा. यह पूछे जाने पर कि क्या यह उनकी छवि खराब करने के लिए किया गया, उन्होंने कहा कि हां कुछ लोग यह बर्दाश्त नहीं कर पाए कि मैं इस पद पर बना रहूंगा. उन्होंने मुझे पद से हटाने के लिए यह प्रयास किया. आपको सब कुछ पता चल जाएगा.

डॉ गंगाधर ने ऑडियो क्लिप का विवरण देने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि वह सबको इस घटना के बारे में बताएंगे. उन्होंने कहा कि अगर हालात बनते हैं तो वह कानूनी जंग के लिए तैयार हैं. वह पुलिस में शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शनिवार को कलबुर्गी में थे. उन्होंने कहा कि वीआईएमएस में मरीजों की मौत की जांच के लिए बनाई गई टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर सरकार कार्रवाई करेगी. इस बीच कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर और पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता सिद्धरमैया के बीच इस मुद्दे पर जुबानी जंग छिड़ गई. सिद्धरमैया ने दावा किया कि घटना में पांच लोगों की मौत हुई. उन्होंने कहा कि कहा जा रहा है कि पांच मरीजों की मौत हुई लेकिन अभी तक स्वास्थ्य मंत्री या किसी अन्य मंत्री ने अस्पताल का दौरा नहीं किया.

सरकार के इस दावे पर कि बिजली जाने से किसी की मौत नहीं हुई, सिद्धरमैया ने सवाल उठाया कि जब मौत का कारण बिजली कटना नहीं था. सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख मुआवजा क्यों दिया. सुधाकर ने सिद्धरमैया के बयान पर कहा कि उन्हें इस तरह का बयान देना शोभा नहीं देता. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुझे जैसे ही घटना का पता चला मैंने उसी दिन एक समिति का गठन किया. उसी दिन दल वहां गया और मामले की जांच की. उन्होंने कहा कि दोनों मरीज गंभीर रूप से बीमार थे और आईसीयू में रखे गए थे.

बेंगलुरु/बल्लारी: कर्नाटक में बिजली जाने से हुई संदिग्ध मौत के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. बल्लारी स्थित विजयनगर चिकित्सा विज्ञान संस्थान (वीआईएमएस) के निदेशक डॉ टी. गंगाधर गौड़ा ने आरोप लगाया है कि उनकी छवि खराब करने के लिए पूर्वनियोजित तरीके से यह किया गया. गुर्दे की बीमारी से पीड़ित मौला हुसैन (35) और सांप काटने का शिकार हुई चेट्टेम्मा (30) की बल्लारी के सरकारी अस्पताल में बुधवार को सुबह क्रमशः साढ़े नौ बजे और नौ बजकर 35 मिनट पर मौत हो गई थी.

इधर, भाजपा विधायक सोमशेखर रेड्डी ने अपनी ही सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि विम्स त्रासदी अस्पताल निदेशक डॉ गंगाधर गौड़ा की लापरवाही के कारण हुई है. उन्होंने कहा कि हमने स्वास्थ्य मंत्री को बताया था कि वह निदेशक के पद पर रहने लायक व्यक्ति नहीं हैं. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने उन्हें नियुक्त किया है. विधायक सोमशेखर रेड्डी ने अप्रत्यक्ष रूप से मंत्री सुधाकर के प्रदर्शन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनसे ज्यादा कई अनुभवी डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री किसी को विश्वास में नहीं लेते, अपने तरीके से काम करते हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई हमारे सभी सवालों का जवाब देते हैं. हम सीएम से अनुरोध करते हैं कि हमारी समस्या का समाधान करें और वर्तमान निदेशक को बदल दें.

कुछ खबरों में कहा गया कि अस्पताल में यह मौतें बिजली जाने और जनरेटर खराब होने की वजह से हुई. डॉ गौड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि मैंने इस मामले से जुड़ी कुछ ऑडियो क्लिप सुनी है. यह (बिजली कटना) पूर्वनियोजित था. मैं सभी विवरण एकत्र करूंगा कि उन्होंने (साजिश करने वालों ने) किस तरह दूसरों की मिलीभगत से साजिश रची. इसकी रिपोर्ट जिले के उपायुक्त को दूंगा. उन्होंने कहा कि वह शिकायत भी दर्ज कराएंगे.

पढ़ें: कर्नाटक : ICU में मरीजों की मौत का मामला विधानसभा में गूंजा, मुआवजे का एलान

वीआईएमएस के निदेशक ने कहा कि मुझे 19 अगस्त को निदेशक नियुक्त किया गया था इसलिए बिजली काटी गई. बिजली किसने काटी इसका मेरे पास निश्चित तौर पर सबूत नहीं है. इसकी जानकारी लेने के बाद मैं (साजिश करने वालों के विरुद्ध) शिकायत दर्ज कराऊंगा. यह पूछे जाने पर कि क्या यह उनकी छवि खराब करने के लिए किया गया, उन्होंने कहा कि हां कुछ लोग यह बर्दाश्त नहीं कर पाए कि मैं इस पद पर बना रहूंगा. उन्होंने मुझे पद से हटाने के लिए यह प्रयास किया. आपको सब कुछ पता चल जाएगा.

डॉ गंगाधर ने ऑडियो क्लिप का विवरण देने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि वह सबको इस घटना के बारे में बताएंगे. उन्होंने कहा कि अगर हालात बनते हैं तो वह कानूनी जंग के लिए तैयार हैं. वह पुलिस में शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शनिवार को कलबुर्गी में थे. उन्होंने कहा कि वीआईएमएस में मरीजों की मौत की जांच के लिए बनाई गई टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर सरकार कार्रवाई करेगी. इस बीच कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर और पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता सिद्धरमैया के बीच इस मुद्दे पर जुबानी जंग छिड़ गई. सिद्धरमैया ने दावा किया कि घटना में पांच लोगों की मौत हुई. उन्होंने कहा कि कहा जा रहा है कि पांच मरीजों की मौत हुई लेकिन अभी तक स्वास्थ्य मंत्री या किसी अन्य मंत्री ने अस्पताल का दौरा नहीं किया.

सरकार के इस दावे पर कि बिजली जाने से किसी की मौत नहीं हुई, सिद्धरमैया ने सवाल उठाया कि जब मौत का कारण बिजली कटना नहीं था. सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख मुआवजा क्यों दिया. सुधाकर ने सिद्धरमैया के बयान पर कहा कि उन्हें इस तरह का बयान देना शोभा नहीं देता. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुझे जैसे ही घटना का पता चला मैंने उसी दिन एक समिति का गठन किया. उसी दिन दल वहां गया और मामले की जांच की. उन्होंने कहा कि दोनों मरीज गंभीर रूप से बीमार थे और आईसीयू में रखे गए थे.

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