कांकेर : छत्तीसगढ़ के कांकेर से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां धर्मपरिवर्तन की सजा एक महिला को मौत के बाद भुगतनी पड़ी है. कुलगांव पंचायत के आश्रित गांव गोवर्धन (Kulgaon Panchayat Govardhan) के एक ईसाई परिवार में मृत महिला का शव रखा है. परिजन शव दफनाना चाहते हैं, लेकिन गांव के मुखिया ने शव दफनाने से रोक दिया है. गोवर्धन गांव में आखिरकार मृत महिला का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. प्रशासन के समझाने के बाद भी गांव वाले नहीं माने. करीब 26 घंटे बाद जिला मुख्यालय के मुक्तिधाम में महिला का अंतिम संस्कार हुआ.
मृत महिला के बेटे संग्राम उइके ने बताया कि मां की तबीयत खराब थी. मंगलवार शाम छह बजे उसने दम तोड़ दिया. बुधवार को परिजन महिला का शव दफनाने चाहते थे, लेकिन ग्रामीणों ने मना कर दिया. मृत महिला के बेटे ने खुद की जमीन में शव दफनाने की कोशिश की, लेकिन उसे वहां भी शव दफनाने नहीं दिया गया.
उन्होंने गांव के मुखिया पर गंभीर आरोप लगाया है. उसका कहना है कि मुखिया ने उसे बुलाकर धमकी दी कि अगर मृतका का शव गांव में दफनाया तो अंजाम बुरा होगा.
दरअसल, ये पूरा मामला धर्म परिवर्तन से जुड़ा हुआ है. ईसाई धर्म को अपनाने (convert to christianity) के कारण गांव में महिला के शव को दफनाने नहीं दिया जा रहा है. मृतका के बेटे का कहना है कि मसीह समाज में परिवार शामिल हो गया है, इसलिए गांव वालों ने पहले ही उन्हें समाज से बाहर कर दिया है. लेकिन परिवार ने कहीं भी इसकी शिकायत नहीं की. लेकिन जब मां का शव दफनाने नहीं दिया जा रहा है, इस पर पुलिस से लिखित शिकायत की गई है.
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मृत महिला के बेटे संग्राम उईके ने पुलिस से लिखित शिकायत की है कि वह मां का अंतिम संस्कार करना चाहता हूं. अपनी निजी भूमि पर मां का शव दफनाना चाहता है, लेकिन चार लोगों ने उसे जमीन में शव दफनाने से रोकने के साथ धमकी दी जा रही है.
संग्राम उईके ने शिकायतपत्र में धमकी देने वाले और गांव से बाहर करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी प्रकार की घटना दोहरायी न जाए. पुलिस अब मृत महिला के बेटे संग्राम उईके की शिकायत की जांच में जुटी है.
मुक्तिधाम में हुआ महिला का अंतिम संस्कार
गोवर्धन गांव में आखिरकार मृत महिला का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. इसकी खबर जब जिला प्रशासन के पास पहुंची तो उन्होंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन गांव वाले नहीं माने. करीब 26 घंटे बाद जिला मुख्यालय के मुक्तिधाम में महिला का अंतिम संस्कार हुआ.