ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड : ऋषि गंगा के उद्गम स्थल में मौजूद ग्लेशियर में आईं दरारें

चमोली जिले के ऋषि गंगा के उद्गम स्थल में मौजूद ग्लेशियर में दरारें मिली हैं. इसकी जानकारी ग्रामीणों ने दी है. जबकि, बीते 7 फरवरी को यहां भारी तबाही मच चुकी है.

glacier
glacier
author img

By

Published : May 27, 2021, 10:28 PM IST

चमोली : तपोवन क्षेत्र में ऋषि गंगा के उद्गम स्थल से खतरे के संकेत नजर आ रहे हैं. ऋषि गंगा के उद्गम स्थल में अभी भी ग्लेशियरों में दरारें पड़ी हुई हैं. जिससे स्थानीय ग्रामीणों को अनहोनी की आशंका सता रही है. ग्रामीणों ने ग्लेशियर इलाके का भ्रमण कर प्रशासन को इसकी जानकारी दी है. बीती सात फरवरी ऋषि गंगा के उद्गम स्थल से बीती 7 फरवरी को भीषण जलप्रलय हुई थी. ऐसे में ग्लेशियरों में पड़ी दरारें बड़ी आफत की ओर इशारे कर रही हैं.

खतरा अभी टला नहीं

नीती घाटी के रैणी क्षेत्र में बहने वाली ऋषि गंगा के उद्गम स्थल पर ग्लेशियरों में दरारें आ गई हैं. जिससे यहां खतरा अभी टला नहीं है. ग्रामीणों ने ऋषि गंगा के ऊपरी इलाकों में कभी भी ग्लेशियर खिसकने की आशंका जताई है. ग्रामीणों के एक दल को ऋषि गंगा के उद्गम स्थल में ग्लेशियरों में दरारें मिली है. जिसके बाद ग्रामीण फिर से खौफजदा हैं.

युवक मंगल दल अध्यक्ष प्रकाश राणा ने बताया कि बीते 7 फरवरी को ऋषि गंगा में जिस ग्लेशियर के टूटने से जलप्रलय की स्थिति उत्पन्न हुई, वहां अभी भी ग्लेशियर में दरारें पड़ी हुई हैं. जिससे अभी भी खतरा टला नहीं है. ग्रामीणों ने ग्लेशियर प्वॉइंट के ठीक दूसरी तरफ रोठी बुग्याल से ग्लेशियर का निरीक्षण किया. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से ग्लेशियरों की निरंतर मॉनिटरिंग करने की मांग उठाई है.

क्या बोले अधिकारी

चमोली की डीएम स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि बीते दिनों बारिश होने पर दो बार ऋषि गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो गई थी. जिसे लेकर ग्रामीणों को अलर्ट किया गया था. यदि अभी भी ऋषि गंगा के उद्गम में ग्लेशियरों में हलचल हो रही है, तो उसे दिखवाया जाएगा.

रैणी क्षेत्र में मच चुकी है तबाही

गौर हो कि बीती 7 फरवरी को रैणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से ऋषि गंगा नदी में उफान आ गया था. इस दौरान रैणी गांव के नीचे बना ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन में एनटीपीसी का निर्माणधीन पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तहस नहस हो गया था. इस आपदा में करीब 204 मलबे में दब गए थे, जिसमें से 83 लोगों के शव बरामद हो चुके है. वहीं 121 लोग अभी लापता है.

पढ़ेंः कैलाश विजयवर्गीय को डर, 2024 में पीएम मोदी को हटाने के लिए हो सकता है बड़ा खेल, जानें वजह

चमोली : तपोवन क्षेत्र में ऋषि गंगा के उद्गम स्थल से खतरे के संकेत नजर आ रहे हैं. ऋषि गंगा के उद्गम स्थल में अभी भी ग्लेशियरों में दरारें पड़ी हुई हैं. जिससे स्थानीय ग्रामीणों को अनहोनी की आशंका सता रही है. ग्रामीणों ने ग्लेशियर इलाके का भ्रमण कर प्रशासन को इसकी जानकारी दी है. बीती सात फरवरी ऋषि गंगा के उद्गम स्थल से बीती 7 फरवरी को भीषण जलप्रलय हुई थी. ऐसे में ग्लेशियरों में पड़ी दरारें बड़ी आफत की ओर इशारे कर रही हैं.

खतरा अभी टला नहीं

नीती घाटी के रैणी क्षेत्र में बहने वाली ऋषि गंगा के उद्गम स्थल पर ग्लेशियरों में दरारें आ गई हैं. जिससे यहां खतरा अभी टला नहीं है. ग्रामीणों ने ऋषि गंगा के ऊपरी इलाकों में कभी भी ग्लेशियर खिसकने की आशंका जताई है. ग्रामीणों के एक दल को ऋषि गंगा के उद्गम स्थल में ग्लेशियरों में दरारें मिली है. जिसके बाद ग्रामीण फिर से खौफजदा हैं.

युवक मंगल दल अध्यक्ष प्रकाश राणा ने बताया कि बीते 7 फरवरी को ऋषि गंगा में जिस ग्लेशियर के टूटने से जलप्रलय की स्थिति उत्पन्न हुई, वहां अभी भी ग्लेशियर में दरारें पड़ी हुई हैं. जिससे अभी भी खतरा टला नहीं है. ग्रामीणों ने ग्लेशियर प्वॉइंट के ठीक दूसरी तरफ रोठी बुग्याल से ग्लेशियर का निरीक्षण किया. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से ग्लेशियरों की निरंतर मॉनिटरिंग करने की मांग उठाई है.

क्या बोले अधिकारी

चमोली की डीएम स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि बीते दिनों बारिश होने पर दो बार ऋषि गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो गई थी. जिसे लेकर ग्रामीणों को अलर्ट किया गया था. यदि अभी भी ऋषि गंगा के उद्गम में ग्लेशियरों में हलचल हो रही है, तो उसे दिखवाया जाएगा.

रैणी क्षेत्र में मच चुकी है तबाही

गौर हो कि बीती 7 फरवरी को रैणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से ऋषि गंगा नदी में उफान आ गया था. इस दौरान रैणी गांव के नीचे बना ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन में एनटीपीसी का निर्माणधीन पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तहस नहस हो गया था. इस आपदा में करीब 204 मलबे में दब गए थे, जिसमें से 83 लोगों के शव बरामद हो चुके है. वहीं 121 लोग अभी लापता है.

पढ़ेंः कैलाश विजयवर्गीय को डर, 2024 में पीएम मोदी को हटाने के लिए हो सकता है बड़ा खेल, जानें वजह

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.