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MP : बाघिन ने गांव में डाला डेरा, ग्रामीण परेशान

पन्ना में टाइगर रिजर्व सीमा के नजदीक ग्राम विक्रमपुर में बाघिन 213(63) ने पिछले तीन दिनों से डेरा जमा रखा है. वह गांव के समीप खेतों में लगी झाड़ियों में छिपी बैठी है, जिससे विक्रमपुर गांव में बीते तीन दिनों से दहशत का माहौल है.

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Published : Jun 8, 2021, 1:53 AM IST

बाघिन
बाघिन

पन्ना : टाइगर रिजर्व सीमा के नजदीक ग्राम विक्रमपुर में बाघिन 213(63) ने पिछले तीन दिनों से डेरा जमा रखा है. वह गांव के समीप खेतों में लगी झाड़ियों में छिपी बैठी है, जिससे विक्रमपुर गांव में बीते तीन दिनों से दहशत का माहौल है. लिहाजा किसान खेतों में काम करने जाने से डर रहे हैं. जंगल से निकलकर विक्रमपुर के एक खेत में जमी बैठी इस बाघिन को जंगल की ओर खदेड़ने की लिए पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने दो हाथियों को भी लगाया है. वहीं भगाने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व का टाइगर गश्ती दल, हाथी और जनता द्वारा भारी शोर मचाने के बाद बाघिन उठ कर जंगल की ओर चली गयी. जिसका वीडियो किसी ग्रामीण ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया और वायरल कर दिया.

बाघिन से ग्रामीण परेशान.

बाघिन अभी नहीं बनी है मां
वीडियो में बाघिन को हाथियों के सहारे गांव से दूर भगाया जा रहा था. बाघिन खेतों से जंगल की ओर दौड़ लगाते दिख रही है. इस संबंध पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि यह बाघिन 213(63) है, जो ढाई वर्ष की वयस्क बाघिन है. इसने अभी तक शावकों को नहीं जना है, जो कभी कभी जंगल से निकलकर रिहायशी इलाके की ओर आ जाती है. हाथियों के सहारे फिलहाल जंगल की ओर भगा दिया गया है, लेकिन वह इसी एरिया में पली बड़ी है.

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 3 वर्षीय बाघिन को छोड़ा

प्रबंधन इस क्षेत्र में फेंसिंग की योजना बना रहा है. पन्ना में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है और जंगल का दायरा सीमित है. कभी-कभी ऐसे में भी बाघ जंगल से बाहर निकल आते हैं. फिलहाल किसी ग्रामीणों को नुकसान न पहुंचे इसके लिए टाइगर रिजर्व के बाघ गश्ती दल को लगा दिया गया है. बाघिन को सेटेलाइट कॉलर पहले ही पहनाया गया है, जिसके माध्यम से हम इसकी लोकेशन को ट्रेस करते रहते हैं.

पढ़ें - वर्कर्स पर कोविड-19 के असमान प्रभावों को कैसे कम करें?

पन्ना : टाइगर रिजर्व सीमा के नजदीक ग्राम विक्रमपुर में बाघिन 213(63) ने पिछले तीन दिनों से डेरा जमा रखा है. वह गांव के समीप खेतों में लगी झाड़ियों में छिपी बैठी है, जिससे विक्रमपुर गांव में बीते तीन दिनों से दहशत का माहौल है. लिहाजा किसान खेतों में काम करने जाने से डर रहे हैं. जंगल से निकलकर विक्रमपुर के एक खेत में जमी बैठी इस बाघिन को जंगल की ओर खदेड़ने की लिए पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने दो हाथियों को भी लगाया है. वहीं भगाने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व का टाइगर गश्ती दल, हाथी और जनता द्वारा भारी शोर मचाने के बाद बाघिन उठ कर जंगल की ओर चली गयी. जिसका वीडियो किसी ग्रामीण ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया और वायरल कर दिया.

बाघिन से ग्रामीण परेशान.

बाघिन अभी नहीं बनी है मां
वीडियो में बाघिन को हाथियों के सहारे गांव से दूर भगाया जा रहा था. बाघिन खेतों से जंगल की ओर दौड़ लगाते दिख रही है. इस संबंध पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि यह बाघिन 213(63) है, जो ढाई वर्ष की वयस्क बाघिन है. इसने अभी तक शावकों को नहीं जना है, जो कभी कभी जंगल से निकलकर रिहायशी इलाके की ओर आ जाती है. हाथियों के सहारे फिलहाल जंगल की ओर भगा दिया गया है, लेकिन वह इसी एरिया में पली बड़ी है.

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 3 वर्षीय बाघिन को छोड़ा

प्रबंधन इस क्षेत्र में फेंसिंग की योजना बना रहा है. पन्ना में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है और जंगल का दायरा सीमित है. कभी-कभी ऐसे में भी बाघ जंगल से बाहर निकल आते हैं. फिलहाल किसी ग्रामीणों को नुकसान न पहुंचे इसके लिए टाइगर रिजर्व के बाघ गश्ती दल को लगा दिया गया है. बाघिन को सेटेलाइट कॉलर पहले ही पहनाया गया है, जिसके माध्यम से हम इसकी लोकेशन को ट्रेस करते रहते हैं.

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