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Kanpur Dehat में मडौली कांड से पहले डीएम दफ्तर पहुंचा था परिवार, अधिकारियों के सामने रोयी थी महिला

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Published : Feb 17, 2023, 11:38 AM IST

कानपुर देहात के मडौली कांड से एक माह पहले दीक्षित परिवार के घर पर बुलडोजर कार्रवाई के बाद दीक्षित परिवार 14 जनवरी की रात फरियाद लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा था. इस दौरान पीड़ित प्रमिला दीक्षित का रोते हुए अधिकारियों से गुहार लगाने का वीडियो सामने आया है.

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अधिकारियों के सामने रोयी थी मडौली कांड में जिंदा जलने वाली महिला

कानपुर देहातः जनपद में अफसरशाही इस कदर हावी है कि एक गरीब परिवार को बिखेर कर रख दिया. कानपुर देहात के मडौली कांड ने पूरे देश को झंकझोर कर रख दिया.अब इस घटना में जिला प्रशासन की लापरवाही का नया कारनामा सामने आया है. इस घटना में अपनी बेटी के साथ जिंदा जलकर मरने वाली प्रमिला दीक्षित मडौली कांड से पहले डीएम के पास फरियाद लेकर पहुंची थी, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी.

बेबस प्रमिला दीक्षित अपने परिवार के साथ 14 जनवरी को फरियाद लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची थी. परिवार का आरोप था कि कानपुर प्रशासन ने बिना नोटिस के उनके घर पर बुलडोजर चलावा दिया. इस दौरान अधिकारियों ने उल्टा दीक्षित परिवार पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया. जिलाधिकारी कार्यलय से दीक्षित परिवार मायूस होकर लौट आया और उसी जगह एक झोपड़ी डालकर रहने लगा. अधिकारियों की कार्रवाई यहीं नहीं रुकी. एक महीने बाद 13 फरवरी को एक बार फिर जिला प्रशासन के अधिकारी लाव-लश्कर के साथ बुलडोजर लेकर मडौली गांव पहुंच गए. इसके बाद जो हुआ, वो पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. झोपड़ी में आग लगने से मां और बेटी की जिंदा जल गयीं.

14 जनवरी को जिलाधिकारी कार्यालय में प्रमिला दीक्षित ने मीडिया को बताया था कि उन्होंने कर्ज लेकर अपना घर बनवाया था. उनके परिवार के साथ उनकी कई सारी बकरियां भी वहां रहती थीं. जिला प्रशासन ने बिना नोटिस दिए उनके घर पर बुलडोजर चलवा दिया. प्रमिला दीक्षित इस दौरान रो-रोकर कह रही थीं कि वो और उनका परिवार अब कहां रहेगा. इस दौरान प्रमिला ने प्रशासन आरोप लगाते हुए कहा था कि 'हमारी फरियाद सुनने वाला यहां कोई नहीं है.'

परिवार के साथ फरियाद लेकर देर रात जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची प्रमिला दीक्षित के पहुंचने की जानकारी जब अधिकारियों को मिली, तो उन्होंने दीक्षित परिवार पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया. मायूस होकर दीक्षित परिवार को लौटना पड़ा और वो उसी जमीन पर एक बार झोपड़ी बना कर रहने लगे. 13 फरवरी को मैथा एसडीएम के सामने भी प्रमिला दीक्षित रोते-बिलखते उनके झोपड़ी पर बुलडोजर न चलवाने की गुजारिश करती नजर आयी थीं. लेकिन अफसरों ने उनकी एक न सुनी. वीडियो में प्रमिला अधिकारियों से गुहार लगाती दिख रही थी कि 'साहेब मेरा झोपड़ी मत गिराओ, हम कहा रहेंगे.'

ये भी पढ़ेंः Kanpur Dehat : मां-बेटी की जलकर हुई मौत का देखें लाइव वीडियो, देखकर सहम जाएंगे

अधिकारियों के सामने रोयी थी मडौली कांड में जिंदा जलने वाली महिला

कानपुर देहातः जनपद में अफसरशाही इस कदर हावी है कि एक गरीब परिवार को बिखेर कर रख दिया. कानपुर देहात के मडौली कांड ने पूरे देश को झंकझोर कर रख दिया.अब इस घटना में जिला प्रशासन की लापरवाही का नया कारनामा सामने आया है. इस घटना में अपनी बेटी के साथ जिंदा जलकर मरने वाली प्रमिला दीक्षित मडौली कांड से पहले डीएम के पास फरियाद लेकर पहुंची थी, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी.

बेबस प्रमिला दीक्षित अपने परिवार के साथ 14 जनवरी को फरियाद लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची थी. परिवार का आरोप था कि कानपुर प्रशासन ने बिना नोटिस के उनके घर पर बुलडोजर चलावा दिया. इस दौरान अधिकारियों ने उल्टा दीक्षित परिवार पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया. जिलाधिकारी कार्यलय से दीक्षित परिवार मायूस होकर लौट आया और उसी जगह एक झोपड़ी डालकर रहने लगा. अधिकारियों की कार्रवाई यहीं नहीं रुकी. एक महीने बाद 13 फरवरी को एक बार फिर जिला प्रशासन के अधिकारी लाव-लश्कर के साथ बुलडोजर लेकर मडौली गांव पहुंच गए. इसके बाद जो हुआ, वो पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. झोपड़ी में आग लगने से मां और बेटी की जिंदा जल गयीं.

14 जनवरी को जिलाधिकारी कार्यालय में प्रमिला दीक्षित ने मीडिया को बताया था कि उन्होंने कर्ज लेकर अपना घर बनवाया था. उनके परिवार के साथ उनकी कई सारी बकरियां भी वहां रहती थीं. जिला प्रशासन ने बिना नोटिस दिए उनके घर पर बुलडोजर चलवा दिया. प्रमिला दीक्षित इस दौरान रो-रोकर कह रही थीं कि वो और उनका परिवार अब कहां रहेगा. इस दौरान प्रमिला ने प्रशासन आरोप लगाते हुए कहा था कि 'हमारी फरियाद सुनने वाला यहां कोई नहीं है.'

परिवार के साथ फरियाद लेकर देर रात जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची प्रमिला दीक्षित के पहुंचने की जानकारी जब अधिकारियों को मिली, तो उन्होंने दीक्षित परिवार पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया. मायूस होकर दीक्षित परिवार को लौटना पड़ा और वो उसी जमीन पर एक बार झोपड़ी बना कर रहने लगे. 13 फरवरी को मैथा एसडीएम के सामने भी प्रमिला दीक्षित रोते-बिलखते उनके झोपड़ी पर बुलडोजर न चलवाने की गुजारिश करती नजर आयी थीं. लेकिन अफसरों ने उनकी एक न सुनी. वीडियो में प्रमिला अधिकारियों से गुहार लगाती दिख रही थी कि 'साहेब मेरा झोपड़ी मत गिराओ, हम कहा रहेंगे.'

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